फसल की बुवाई से पहले कर लें यह छोटा सा काम मिट्टी उगलेगी सोना
फसल की बुवाई से पहले कर लें यह छोटा सा काम मिट्टी उगलेगी सोना
आज की तारीख में किसान ज्यादा से ज्यादा पैदावार के लिए और फसलों को रोगों से बचाने के लिए बहुत ज्यादा रासायनिक उर्वरकों और केमिकल का इस्तेमाल करते हैं. इससे खेतों की मिट्टी जहरीली होती जा रही है और पैदावार भी घटती जा रही है.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: ज्यादा उत्पादन लेने के चक्कर में लोग तरह-तरह के केमिकल इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे मृदा स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है. कई जगह पर ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में गिरावट आ रही है तो कई जगह फॉस्फेट, पोटाश, सल्फर, जिंक, लोहा, कॉपर और मैंगनीज जैसे जरूरी तत्व मिट्टी से गायब हो रहे हैं. इससे रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल और बढ़ता जा रहा है. किसान उर्वरक के तौर पर खेतों में ऐसे-ऐसे पोषक तत्व डाल रहे हैं जो मिट्टी में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं. ऐसे में जरूरी है कि किसान हर 6 महीने में एक बार मिट्टी की जांच करा लें और उसके बाद अगली फसल की बुवाई करें.
राजकीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के अध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि गेहूं की फसल काटने के बाद जरूरी है कि मिट्टी की जांच कराई जाए. इससे मिट्टी में मौजूद तत्वों के बारे में पता चलता है. बिना जांच कराए किसान कई बार वह उर्वरक भी मिट्टी में डाल देते हैं, जिनकी मिट्टी में जरूरत भी नहीं होती या फिर वह मिट्टी में पहले से ही मौजूद होते है. बेवजह रासायनिक उर्वरक इस्तेमाल करने से मृदा स्वास्थ्य पर तो फर्क पड़ता ही है साथ ही फसल की पैदावार भी कम होती है. दूसरा बेवजह के उर्वरक इस्तेमाल करने पर किसानों का काफी पैसा भी खर्च होता है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है.
कैसे लेना है मिट्टी का नमूना
जिस खेत से मिट्टी का सैंपल इकट्ठा करना है वहां 8 से 10 जगह पर 6 इंच लंबा, 4 इंच चौड़ा और 6 इंच गहरा गड्ढा कर लें. उसके बाद खुरपी की मदद से गड्ढे की दीवार से लगभग 2.5 सेंटीमीटर की परत ऊपर से नीचे तक काट कर अलग कर लें. फिर अलग अलग जगह से इकट्ठा की गई मिट्टी को साफ कपड़े में अच्छी तरह से मिला लें. उसके बाद इस मिट्टी का ढेर बनाकर उसको चार भागों में बांट लें. आमने-सामने के दो भाग की मिट्टी अलग निकालकर फिर अच्छी तरह से मिलाएं और फिर से ढेर बनाकर उसी प्रक्रिया को दोहराएं. यह प्रक्रिया तब तक करते रहें जब तक मिट्टी आधा किलो न रह जाए. उसके बाद मिट्टी को साफ थैली में भरकर प्रयोगशाला में भेज दें.
मिट्टी का नमूना लेते समय इन बातों रखें ध्यान
वैज्ञानिकों का कहना है कि मिट्टी का सैंपल लेते समय ध्यान रखें की खेत में ज्यादा नमी न हो. अगर नमी है भी तो उसे छाया में रखकर सुखा लें और जल्द से जल्द प्रयोगशाला भेज दें. समय पर प्रयोगशाला भेजने से नतीजे ज्यादा सटीक मिलते हैं. नमूना लेते वक्त यह भी ध्यान रखें की जहां से आप सैंपल ले रहे हैं वहां आसपास में पेड़, सिंचाई वाली नाली, खाद के गड्ढे या फिर फसल ना खड़ी हो.
मिट्टी को प्रयोगशाला कैसे पहुंचाएं
प्रयोगशाला भेजते वक्त मिट्टी की थैली के ऊपर कृषक अपना नाम, गांव का नाम, खेत की पहचान, खसरा संख्या, विकासखंड और तहसील का नाम अवश्य लिख दें. इसके अलावा किसान इस थैली पर यह भी लिख दें कि अब खेत में अगली फसल कौन सी ली जानी है, जिससे कि उसी आधार पर अगली फसल के लिए उर्वरक की आवश्यक मात्रा बताई जा सके.
पहले आए थे चौकाने वाले आए थे नतीजे
आपको बता दें कि वर्ष 2022-23 में किए गए मृदा परीक्षण में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे. मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन में भारी गिरावट देखने को मिली थी. मृदा परीक्षण के दौरान ऑर्गेनिक कार्बन 0.3% निकाला जबकि, ऑर्गेनिक कार्बन 0.2% से लेकर 0.8% तक होना चाहिए. इसके अलावा यहां मिट्टी में फॉस्फेट, पोटाश, सल्फर, जिंक, लोहा, कॉपर और मैगनीज की भी भारी कमी पाई गई थी.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 16:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed