10 सेकेंड की देरी से भयावह हो सकता था रनवे पर नजारा क्‍या E-Break का आते काम

Mumbai Airport: मुंबई एयरपोर्ट पर महज दस सेकेंड की देरी रनवे 27-9 पर बेहद भयावह स्थिति उत्‍पन्‍न पैदा कर सकती थी. ऐसी परिस्थिति में प्‍लेन के इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्‍टम कितने कारगर साबित होते, जानने के लिए पढ़ें आगे... 

10 सेकेंड की देरी से भयावह हो सकता था रनवे पर नजारा क्‍या E-Break का आते काम
Mumbai Airport: मुंबई एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर में मौजूद सभी एयरपोर्ट कर्मियों की सांसे उस वक्‍त हलक में अटक गई जब 240 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रहे दो प्‍लेन एक साथ एक ही रनवे पर आ गए. महज चंद सेकेंडे के अंतराल से एयर इंडिया का प्‍लेन टेकऑफ हो गया और मुंबई एयरपोर्ट पर एक बड़ा हासदा टल गया. यदि एयर इंडिया के प्‍लेन का टेकऑफ सिर्फ 10 सेकेंड के लिए डिले हो गया होता, तो मुंबई एयरपोर्ट के रनवे पर स्थिति बेहद भयावह हो चुकी होती. ऐसे स्थिति में, जहन में पहला सवाल यही आता है कि कार या दूसरे वाहनों की तरफ क्‍या प्‍लेन में भी कोई इमरजेंसी ब्रेक जैसा कोई सिस्‍टम होता है? क्‍या इस इमरजेंसी ब्रेक सिस्‍टम के जरिए रनवे पर लैंड होने वाले इं‍डिगो एयरलाइंस के प्‍लेन को रोका जा सकता था? तो चलिए आपको बताते है कि किसी भी प्‍लेन में कैसा होता है उसका ब्रेकिंग सिस्‍टम और 240 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से रनवे पर लैंड करने वाले प्‍लेन की स्‍पीड को महज चंद सेकेंड के भीतर किस तरह कंट्रोल किया जाता है. यह भी पढ़ें: पल भर में चली गई 583 यात्रियों की जान… जब रनवे पर सामने आ गए थे दो विमान, जानें क्‍या था वह पूरा सीन… मुंबई एयरपोर्ट की ही तरह कुछ साल पहले लॉस रोडियोस एयरपोर्ट पर दो विमान एक ही रनवे पर आ गए थे. पायलट्स की तमाम कोशिशों के बावजूद इस हादसे को रोका नहीं जा सका और पल पर में 583 यात्रियों की जान चली गई. क्‍या था यह पूरा मामला और कैसा था सीन, जानने के लिए क्लिक करें. आखिर क्‍या हुआ था मुंबई एयरपोर्ट के रनवे पर? हम प्‍लेन के ब्रेकिंग सिस्‍टम की बात करें, उससे पहले उस परिस्थिति की बात कर लेते हैं, जो मुंबई एयरपोर्ट के रनवे 27 पर एयर इंडिया और इंडिगो के विमान की एक साथ मौजूदगी के बाद उत्‍पन्‍न हुए थे. दरअसल, शनिवार सुबह मुंबई से त्रिवेंद्रम के लिए शेड्यूल्‍ड फ्लाइट AI-657 रनवे पर टेकऑफ के लिए रोल करना शुरू करता है. यह प्‍लेन अपनी पूरी गति पर था, तभी इंदौर से उड़ान भरकर मुंबई एयरपोर्ट पहुंची इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-5053 रनवे पर अचानक लैंड कर जाती है. कुछ सेकेंड के लिए रनवे पर दोनों विमानों की दूरी बेहद कम रह जाती है. कोई अनहोनी होती, इससे पहले एयर इंडिया का प्‍लेन टेकऑफ हो जाता है और एक बड़ा हादसा टल जाता है. यदि खासतौर पर मुंबई एयरपोर्ट की बात करें तो एक ही रनवे की उपलब्‍धता के चलते रनवे पर चंद सेकेंड के अंतराल में प्‍लेन का टेकऑफ और लैंडिंग सामान्‍य सी बात है. लेकिन, इस बीच कोई अनहोनी न हो, इसके लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल की जिम्‍मेदारी है कि दोनों प्‍लेन के बीच समचुति दूरी बनाए रखे. यह भी पढ़ें: इधर चल रही है पीएम मोदी के कैबिनेट की शपथ, उधर जम्‍मू में माता वैष्‍णो देवी जा रहे श्रद्धालुओं पर आतंकी हमला, 10 की मौत… शिवखोड़ी मंदिर से माता वैष्‍णों देवी के मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया है. आतंकी हमले में बस खाई में गिर गई है और अभी तक दस श्रद्धालुओं की मृत्‍यु की खबर है, अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें. प्‍लेन को रोकने के लिए कैसे काम करते हैं ब्रेक? अब प्‍लेन के ब्रेकिंग सिस्‍टम से पहले प्‍लेन की लैंडिंग स्‍पीड की भी बात कर लेते हैं. एक सीनियर पायलट के अनुसार, प्‍लेन की लैंडिंग स्‍पीड एयरक्राफ्ट के मेक पर निर्भर करता है. सामान्‍यतय: लैंडिंग से करीब पांच मिनट पहले तक किसी भी प्‍लेन की स्‍पीड करीब 380 किमी प्रति घंटा तक होती है. वहीं, रनवे पर लैंडिंग के दौरान प्‍लेन की एवरेज स्‍पीड करीब 240 किमी प्रति घंटा से 270 किमी प्रति घंटा के बीच होती है. इस स्‍पीड में कोई भी प्‍लेन आसानी से रनवे पर सुरक्षित लैंडिंग कर सकता है. चलिए अब बात करते हैं प्‍लेन के ब्रेकिंग सिस्‍टम की.  240 किमी प्रति घंटा से 270 किमी प्रति घंटा तक की स्‍पीड से रनवे पर लैंड होने वाले विमान को रोकने के लिए दो तरह के ब्रेकिंग सिस्‍टम काम करते हैं. पहले ब्रेकिंग सिस्‍टम का नाम है थ्रस्ट रिवर्सल. थ्रस्‍ट रिवर्सल अप्‍लाई करते ही प्‍लेन के विंग्‍स में लगे फ्लैप खुल जाते हैं और इस ब्रेकिंग सिस्‍टम के जरिए विमान की स्‍पीड को कंट्रोल किया जाता है. विमान की स्‍पीड कंट्रोल होने के बाद पायलट पैडल ब्रेक के जरिए प्‍लेन को रोकता है. यह भी पढ़ें: इंडिगो ने लैंडिंग में कर दी जल्‍दबाजी या एयर इंडिया के टेकऑफ में हुई देरी, किसकी गलती से टकराने वाले थे दोनों विमान… मुंबई एयरपोर्ट पर दो विमान आपस में टकराते-टकराते बच गए. इस घटना में सैकड़ों मुसाफिरों की जिंदगी दांव पर लग गई. इस घटना के लिए कौन था असल जिम्‍मेंदार, जानने के लिए क्लिक करें. क्‍या विमान में होता है इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्‍टम? एक सीनियर पायलट के अनुसार, रनवे पर लैंडिंग के बाद सामान्‍यतय: थ्रस्‍ट रिवर्सल ही अप्‍लाई किया जाता है, जिससे विमान की गति को नियंत्रित करके टैक्‍सी वे की तरफ मोड़ा जा सके. टैक्‍सी वे से पार्किंग वे या एयरोब्रिज तक पहुंचते पहुंचते प्‍लेन की गति बेहद सीमित हो जाती है, जिससे पैडल ब्रेक के जरिए प्‍लेन निर्धारित स्‍थान पर रोक लिया जाता है. वहीं, पैडल ब्रेक के काम नहीं करने की स्थिति में पायलट इमजेंसी ब्रेक का भी इस्‍तेमाल करते हैं. इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्‍टम का बटन दबाते ही विमान के एयर टैंक, सोलनॉइड वाल्‍ब, फ्लो कंट्रोल वाल्‍व और पेनुमेटिक सिलेंडर एक्टिव हो जाते हैं. सॉलनॉइड वाल्‍व खुलते ही फ्लो कंट्रोल वॉल्‍ब के जरिए एयर कंप्रेस्‍ड की जाती है. एयर कंप्रेशन की वजह से पेनुमेटिक सिलेंडर पर दबाव प्‍लेन के टायर्स पर पड़ता है और इस तरह प्‍लेन को इमरजेंसी ब्रेक के जरिए रोक लिया जाता है. लेकिन, लैंडिंग के ठीक बाद 240 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पर इमरजेंसी ब्रेक लगाना कई बार खतरनाक भी साबित हो सकता है. Tags: Air india, Airport Diaries, Airport Security, Aviation News, Indigo Airlines, Mumbai airportFIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 10:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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