शिव की भक्ति में डूबा रहा यूपी का यह जिला महादेव का 56 भोग से हुआ श्रृंगार

स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज बताते हैं कि सावन महीने में नर्मदेश्वर महादेव का अनोखे तरीके से श्रृंगार किया जाता है. इस सावन में प्रथम सोमवार को बाबा नर्मदेश्वर का भबूत व अबीर-गुलाल, दूसरे सोमवार को 1008 बेलपत्र, तीसरे सोमवार को 51000 रुद्राक्ष से श्रृंगार किया गया. जबकि सावन के अंतिम सोमवार को नर्मदेश्वर महादेव का 56 भोग लगाकर श्रृंगार किया गया.

शिव की भक्ति में डूबा रहा यूपी का यह जिला महादेव का 56 भोग से हुआ श्रृंगार
सहारनपुर. सावन महीने में भगवान शिव का अलग-अलग तरीके से श्रृंगार किया जाता है. लेकिन, सहारनपुर का एक ऐसा मंदिर जहां पर शिव नर्मदेश्वर महादेव के रूप में विराजमान है. सहारनपुर में लगभग 20 वर्ष पूर्व स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज के स्वप्न में आकर शिव ने दर्शन दिए. जिसके बाद नर्मदा से लाकर सहारनपुर के राधा विहार में सवा 5 फीट की यह शिवलिंग स्थापित की गई. स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज का कहना है कि स्वयं साक्षात शंभू मंदिर में विराजते हैं. नर्मदेश्वर महाराज के दर्शन के लिए दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालु स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज बताते हैं कि सावन महीने में नर्मदेश्वर महादेव का अनोखे तरीके से श्रृंगार किया जाता है. इस सावन में प्रथम सोमवार को बाबा नर्मदेश्वर का भबूत व अबीर-गुलाल से श्रृंगार किया गया. वहीं  दूसरे सोमवार को 1008 बेलपत्र से श्रृंगार किया गया. तीसरे सोमवार को 51000 रुद्राक्ष से श्रृंगार किया गया, जबकि सावन के चौथे और अंतिम सोमवार को नर्मदेश्वर महादेव का 56 भोग लगाकर श्रृंगार किया गया. नर्मदेश्वर महाराज स्वयं यहां पर विराजमान है, कई भक्तों को तो नर्मदेश्वर महादेव ने साक्षात दर्शन दिए हैं. इसमंदिर की मान्यता की बात की जाए तो सहारनपुर ही नहीं हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान से भी श्रद्धालु यहां पर आकर बाबा नर्वदेश्वर महादेव से मनोकामनाएं मांगते हैं और पूर्ण होने पर यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन भी करते हैं. श्रावण मास में शिव और मां पार्वती पृथ्वी का करते हैं भ्रमण स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज बताते हैं कि श्रावण मास में शिव और पार्वती पृथ्वी पर भ्रमण करने और भक्तों का कल्याण करने के लिए पधारते हैं, सभी भक्त अपने-अपने भाव से भगवान भोलेनाथ की सेवा करते हैं और पूरे श्रावण मास में सभी मंदिरों में कथा, कीर्तन और यज्ञ आदि किए जाते हैं. वहीं  चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती को विदाई दी जाती है. इसी कड़ी में आज औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव का सोमनाथ श्रृंगार किया गया और सभी भक्तों के द्वारा घर पर बना 56 भोग अर्पण किया गया. Tags: Local18, Saharanpur news, Sawan Month, Sawan somvarFIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 11:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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