प्‍लेटफार्म से बाहर है आपका कोच मत हों परेशान टीटी भागकर नीचे उतारेगा

कई बार ट्रेन प्‍लेटफार्म से आगे या पीछे रुकती है. ऐसे में यात्रियों को नीचे उतरने पर परेशानी होती है. उन्‍हें लटककर उतरना पड़ता है. सबसे ज्‍यादा परेशानी महिलाओं को होती है.

प्‍लेटफार्म से बाहर है आपका कोच मत हों परेशान टीटी भागकर नीचे उतारेगा
नई दिल्‍ली. कभी-कभी स्‍टेशन पर ट्रेन रुकती है और यात्री उतरने के लिए गेट पर पहुंचने के बाद देखते हैं कि नीचे प्‍लेटफार्म नहीं है. यानी ट्रेन प्‍लेटफार्म से आगे या पीछे होती है. ऐसे में यात्रियों को नीचे उतरने में परेशानी होती है. उन्‍हें लटककर उतरना पड़ता है. सबसे ज्‍यादा परेशानी महिलाओं को होती है. लेकिन ऐसी स्थितियों में अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. सुरक्षित नीचे उतारना टीटी की जिम्‍मेदारी है. भारतीय रेल मैन्‍युअल के अनुसार यह उनकी ड्यूटी में शामिल हैं. इस संबंध में जानिए क्‍या है पूरा रेल मैन्‍युअल? मौजूदा समय देश में करीब 7000 से अधिक स्‍टेशन हैं. इनमें ए प्‍लस, ए, बी, सी और डी सभी श्रेणी के शामिल हैं. श्रेणी स्‍टेशनों पर टिकट बिक्री के अनुसार तय होती है. इनमें कुछ स्‍टेशनों के प्‍लेटफार्म पुराने हैं, जो छोटे हैं. ये पहले की ट्रेनों के अनुसार बनाए गए थे. जब ट्रेनें छोटी होती थीं, कोचों की संख्‍या कम होती थी. लेकिन मौजूदा समय 24 या इससे भी लंबी कोचों वाली ट्रेनों का संचालन हो रहा है. रेलवे ने स्‍टेशनों पर न्‍यूनतम सुविधाओं के मानक तय किए भारतीय रेलवे ने पिछले दिनों देशभर के स्‍टेशनों के लिए एक मानक तय किया है, इसके अनुसार सभी रेलवे स्‍टेशनों में न्‍यूनतम सुविधाएं तय कर दी गयी है. इसमें प्‍लेटफार्म की लंबाई, ऊंचाई और टीन शेट जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं. इसी के तहत रेलवे ऐसे तमाम प्‍लेटफार्मों पर काम चल रहा है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार इन प्‍लेटफार्मों पर उन्‍हीं स्थितियों पर ट्रेन आती हैं, जब स्‍टेशन के अन्‍य सभी प्‍लेटफार्म फुल होते हैं. ट्रेन रुकने पर कोच प्‍लेटफार्म से आगे या पीछे निकल जाते हैं. यात्रियों को लगता है कि ट्रेन प्‍लेटफार्म से आगे निकल गयी है और उतरते समय यात्रियों को परेशानी होती है. क्‍या है रेल मैन्‍युअल भारतीय रेल मैन्‍युअल में ऐसे प्‍लेटफार्म पर ट्रेन रुकने पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए नियम बना रखा है, जिसके अनुसार जब ट्रेन का कोच प्‍लेफार्म से बाहर निकल जाए, उन स्थितियों में यात्रियों को सुविधाजनक ढंग से कोच से उतारने में मदद करना टीटी की जिम्‍मेदारी है. इतना ही नहीं, अगर किसी ऐसे स्‍टेशन में ट्रेन रात में पहुंचती है तो टीटी की जिम्‍मेदारी है कि वो टार्च दिखाकर यात्रियों को नीचे सुरक्षित उतारने में मदद करे. भविष्‍य में जब कभी आपकी ट्रेन ऐसे प्‍लेटफार्म में रुक जाए तो आप टीटी से कोच से नीचे उतरने में मदद मांग सकते हैं. अगर टीटी मदद करने में आनाकानी करे तो आप 139 या रेल मदद ऐपर पर टीटी की शिकायत कर सकते हैं. Tags: Indian railway, Indian Railway newsFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 18:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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