लालू-नीतीश को छोड़िये असली परख तो PK की है उपचुनाव नतीजे से तय होगा फ्यूचर!

Bihar Upchunav Result: बिहार उपचुनाव की चार विधानसभा सीटों के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है. यहां सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव साख की लड़ाई के बीच प्रशांत किशोर का भी काफी कुछ दांव पर लगा है.सक्रिय राजनीति में एक्टिव होने के बाद जन सुराज की यह पहली परीक्षा होगी जिसमें उनके आधार के बारे में काफी कुछ पता लग पाएगा.

लालू-नीतीश को छोड़िये असली परख तो PK की है उपचुनाव नतीजे से तय होगा फ्यूचर!
हाइलाइट्स बिहार उपचुनाव परिणाम के लिए मतगणना 23 नवंबर को सुबह 8 बजे से. बिहार उपचुनाव परिणाम तय करेगा प्रशांत किशोर का राजनीतिक भविष्य? चुनावी रणनीतिकार से नेता बने पीके दिखा पाएंगे अपनी राजनीतिक धमक? पटना. बिहार विधान सभा के चार सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम न केवल बिहार की सियासत पर बड़ा प्रभाव डालने वाला है, बल्कि चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज के राजनीतिक भविष्य भी तय होने वाला है. दरअसल, बिहार विधानसभा उपचुनाव के पहले प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि 2025 के विधानसभा चुनाव के पहले तमाम सियासी पार्टियों को जन सुराज अपनी ताकत दिखा देगा. पीके इस दावे के बाद से ही उपचुनाव परिणाम पर सियासत की निगाहें टिक गई हैं. बता दें कि उपचुनाव में जन सुराज ने चारों सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जिसमें उन्होंने जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा है. ऐसे में पीके की इस रणनीति पर भी सियासत के जानकारों की नजर है कि यह कितना काम करता है. प्रशांत किशोर ने जातीय समीकरण को लेकर जो दांव चला है उसके दो उद्देश्य साफ दिखते हैं. इससे न सिर्फ उनके उम्मीदवारों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है, बल्कि दूसरे दलों के जातीय समीकरण में भी सेंध लगाए जाने का भरोसा है. यहां यह भी बता दें कि राजद के मजबूत गढ़ गया के बेलागंज में मुस्लिम उम्मीदवार उतार RJD के MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण में सेंध लगा रहा है, वहीं गया के इमामगंज में पासवान जाति से उम्मीदवार उतार कर एनडीए को परेशान कर रहा है. जबकि आरा के तरारी में राजपूत जाति से उम्मीदवार उतार एनडीए के सवर्ण वोट बैंक को साधने की कवायद की गई है. वहीं, कैमूर के रामगढ़ में कुशवाहा उम्मीदवार को उतार एनडीए के लिए परेशानी खड़ी की है. बिहार के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार कहते हैं कि PK एक सफल रणनीतिकार रहे हैं, इससे कोई इंकार नहीं कर सकता है. ऐसे में उनके उम्मीदवारों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. चुनाव में जीत मिले या हार इससे भी ज्यादा नजर इस बात पर रहेगी कि उनके उम्मीदवार को वोट कितने मिलते हैं. अगर PK के उम्मीदवार किसी भी सीट पर जीत जाते हैं तो तय मानिए 2025 में उनकी पार्टी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगी. लेकिन, अगर जीत नहीं भी मिलती है लेकिन, उनके उम्मीदवार अच्छा खासा वोट लाते हैं तो भी PK की पार्टी 2025 में मुख्य लड़ाई में आ जाएगी. बिहार के एक और वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि निश्चित तौर पर उपचुनाव परिणाम प्रशांत किशोर की वजह से दिलचस्प हो गया है. प्रशांत किशोर की पार्टी ने अगर बेहतर प्रदर्शन किया तब आने वाले विधान सभा चुनाव में बिहार के मतदाताओं को एक विकल्प मिल जाएगा और लड़ाई त्रिकोणीय हो जाएगी. इससे बिहार की सियासत दिलचस्प हो जाएगी. अरुण पांडे ये भी कहते हैं कि अगर PK की पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो PK की मुश्किल बढ़ जाएगी, क्योंकि इससे ना सिर्फ उनके सफल रणकीतिकार होने के दावे पर सवाल खड़ा होगा, बल्कि एक विकल्प के तौर पर उभरने की मंशा पर भी पानी फिर जाएगा. अरुण पांडे कहते हैं कि प्रशांत किशोर को भी पता है कि बिहार में जातीय राजनीति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसे वो तोड़ने की बात तो कहते हैं लेकिन वो भी इससे बाहर नहीं जा पाए उसकी भी परीक्षा होने वाली है. बहरहाल, प्रशांत किशोर ने एक कोशिश की है महागठबंधन और एनडीए के अलावा एक और विकल्प देने की जिसे लेकर वो लगातार बिहार की जनता के दो साल से हैं. वह लोगों को ये भरोसा दिलाने की कोशिश करते रहे हैं कि बिहार को अगर बदलना है तो दोनों गठबंधन की जगह उनकी पार्टी को मौका मिलना चाहिए, क्योंकि बिहार के विकास के लिए जन सुराज ने एक पूरा रोड मैप बना रखा है. जिसकी चर्चा वो लगातार अपने बिहार के दौरे के दौरान बोलते भी दिखे जिसकी परीक्षा भी उपचुनाव परिणाम से होने वाली है. Tags: Bihar News, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Lalu Yadav News, Prashant KishoreFIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 11:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed