ईरान के राष्ट्रपति से मिले पीएम मोदी और कर दिया खेल! हाथ मलता रहा पाकिस्तान
ईरान के राष्ट्रपति से मिले पीएम मोदी और कर दिया खेल! हाथ मलता रहा पाकिस्तान
PM Modi in Brics : रूस में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान जब ईरान के राष्ट्रपति और पीएम मोदी की द्विपक्षीय बातचीत हुई तो इस पर खासतौर से पाकिस्तान की निगाह टिकी थी. भारत ने ईरान के रास्ते अपना व्यापार सीधे रूस तक पहुंचाने का विकल्प खोज लिया है, जो अभी पाकिस्तान के रास्ते जाना पड़ता है.
हाइलाइट्स भारत चाबहार पोर्ट के जरिये रूस तक सीधे जुड़ जाएगा. इस पोर्ट से भारत का यूरोप तक व्यापार करना आसान होगा. इसके जरिये पाकिस्तान के रास्ते जाने की मजबूरी खत्म होगी.
नई दिल्ली. रूस के कजान में चल रहे 16वें ब्रिक्स सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति डॉ मसूद पेजेशकियन की मुलाकात काफी अहम रही. इजरायल से युद्ध के बीच पीएम मोदी ईरानी राष्ट्रपति से मुलाकात के समय पूरी तरह डिप्लोमैटिक अंदाज में दिखे. उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत बनाने की बात करने के साथ ही इजरायल-हमास की लड़ाई से नागरिकों को रहे नुकसान पर भी चिंता जताई. पीएम मोदी ने भारत के लिए दो सबसे अहम मुद्दों पर खासतौर से बात की. ईरान के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की यह मुलाकात निश्चित रूप से पाकिस्तान को चुभेगी, जिसे भारत आने वाले समय में दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंकेगा.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि पीएम मोदी और ईरानी राष्ट्रपति के बीच आखिर मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पश्चिमी एशिया में चल रहे तनाव को खत्म करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत की. सबसे पहले उन्होंने डॉ मसूद को ईरान का राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी और ईरान के ब्रिक्स में शामिल होने का स्वागत किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने पर भी चर्चा की.
ये भी पढ़ें – अडाणी का सीमेंट बिजनेस हुआ और मजबूत! 8100 करोड़ में खरीदी एक और कंपनी, बिड़ला समहू को देंगे टक्कर
दो मुद्दों पर ज्यादा जोर
विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात के समय दो मुद्दों पर सबसे ज्यादा जोर दिया, जो भारत के लिहाज से काफी अहम हैं. उन्होंने चाबहार पोर्ट के निर्माण में तेजी लाने और अंतरराष्ट्रीय साउथ कॉरिडोर विकसित करने पर जोर दिया. भारत और ईरान करीब 10 साल से चाबहार पोर्ट के निर्माण पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के दोबारा विकास पर भी जोर दिया. साथ ही सेंट्रल एशिया के साथ आर्थिक गठजोड़ बनाने को लेकर भी बातचीत की.
पीएम मोदी से सहमत दिखे ईरानी राष्ट्रपति
विदेश सचिव ने कहा कि मुलाकात के दौरान पीएम मोदी की बातों और सुझावों से ईरान के राष्ट्रपति डॉ मसूद सहमत दिखे. दोनों नेताओं ने ब्रिक्स और एससीओ सहित तमाम फोरम पर अपना सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति दिखाई. पीएम मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति को भारत आने का न्योता भी दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है.
क्यों जरूरी है चाबहार पोर्ट
पीएम मोदी ने अपनी मुलाकात में इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का खासतौर से जिक्र किया. इस कॉरिडोर से न सिर्फ पश्चिमी और सेंट्रल एशिया के देशों से पार्टनरशिप बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी भी आसान हो जाएगी. इसके अलावा चाबहार पोर्ट पर लंबी चर्चा हुई, क्योंकि यह पोर्ट भारत के लिए व्यापारिक लिहाज से बहुत अहमियत रखता है. इस पोर्ट के बन जाने से भारत के लिए पश्चिमी एशिया तक व्यापार करना काफी आसान हो जाएगा. भारत ने पिछले मई महीने में ही 10 साल के इस कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया था.
पाकिस्तान के रास्ते जाने की जरूरत नहीं
चाबहार पोर्ट का निर्माण भारत-अफगानिस्तान और ईरान मिलकर कर रहे हैं. यह ओमान की खाड़ी में बनाया जा रहा है और इसके तैयार होने के बाद भारत सीधे अफगानिस्तान के रास्ते पश्चिमी और मध्य एशिया के साथ व्यापार कर सकेगा. अभी उसे अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान से गुजरना पड़ता है. जाहिर है कि इस पोर्ट के बनने के बाद पाकिस्तान के रास्ते जाने की जरूरत नहीं होगी, जिसे लेकर पाकिस्तान अकसर अकड़ दिखाता रहता है. यह पोर्ट अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया के बीच रोड व रेल प्रोजेक्ट के जरिये सामान पहुंचा सकेगा, जिसे इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर कहा जा रहा है. जाहिर है कि इस प्रोजेक्ट को पाकिस्तान को मिर्ची लगना तय है.
फिर भारत से सीधा रूस तक व्यापार
करीब 7,200 किलोमीटर लंबे इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) के तैयार होने के बाद भारत की सीधी कनेक्टिविटी रूस के साथ हो जाएगी. जहां से यूरोपीय देशों में एंट्री करना आसान होगा. इस रूट की मदद से भारत समंदर, रेल और रोड के जरिये तमाम बॉर्डर को पार करते हुए ईरान के रास्ते सीधे रूस तक अपना सामान ट्रांसपोर्ट कर सकेगा. यह रूट स्वेज नहर से गुजरने वाले मौजूदा रास्ते का विकल्प होगा. इसके जरिये हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को ईरान के जरिये कैस्पियन सागर से जोड़ा जा सकेगा, रूस फेडरेशन के रास्ते उत्तरी यूरोप तक जाने का रास्ता बनेगा.
Tags: BRICS Summit, Business news, Iran news, PM ModiFIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 08:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed