देश को 9 महीने में हुआ 751 लाख करोड़ का घाटा! सरकार ने खुद बताया आंकड़ा
देश को 9 महीने में हुआ 751 लाख करोड़ का घाटा! सरकार ने खुद बताया आंकड़ा
What is Fiscal Deficit : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को आंकड़े जारी कर बताया कि अप्रैल से अक्टूबर तक देश का राजकोषीय घाटा 7.51 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो चालू वित्तवर्ष के लिए तय कुल घाटे का करीब 46 फीसदी रहा है.
नई दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था वैसे तो मजबूती से आगे बढ़ रही है, लेकिन अप्रैल से अक्टूबर के बीच देश को 7.51 लाख करोड़ रुपये का घाटा लग चुका है. यह आंकड़ा सरकार ने ही शुक्रवार को बताया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बताया कि देश का राजकोषीय घाटा चालू वित्तवर्ष के लिए 16.13 लाख करोड़ रुपये रखा गया था, जिसमें से 46.5 फीसदी का आंकड़ा 9 महीने में ही पूरा हो चुका है.
एनएसओ ने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर के बीच देश का राजकोषीय घाटा 7.51 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल इसी अवधि में 8.04 लाख करोड़ रुपये रहा था. राजकोषीय घाटे का मतलब है कि देश को हुई कुल आमदनी के मुकाबले खर्च का ज्यादा होना. अगर 7.51 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ तो इसका मतलब है कि देश को अप्रैल से अक्टूबर के बीच हुई कुल कमाई के मुकाबले 7.51 लाख करोड़ का ज्यादा खर्चा हुआ है. इसका असर अर्थव्यवस्था के साथ आम आदमी पर भी पड़ेगा, क्योंकि सरकार इस घाटे को पूरा करने के लिए टैक्स वसूली के और कदम उठा सकती है.
ये भी पढ़ें – फिर तो कोई नहीं रहेगा बेरोजगार! सिर्फ एक सेक्टर में ही 11 करोड़ लोगों को जॉब देने की क्षमता, दावे में कितनी सच्चाई
कितनी कमाई और कितना खर्चा
एनएसओ की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार, अप्रैल से अक्टूबर के बीच देश का कुल खर्चा 24.74 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल समान अवधि में 23.94 लाख करोड़ था. वहीं, इस अवधि में देश की कुल कमाई 17.23 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 15.91 लाख करोड़ रुपये रही थी. चालू वित्तवर्ष में पूंजीगत खर्च भी 4.67 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 5.47 लाख करोड़ था.
इस साल हुई जमकर टैक्स वसूली
सरकार के खजाने को यह घाटा तब हुआ है, जबकि चालू वित्तवर्ष में टैक्स की जमकर वसूली रही. अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल टैक्स रेवेन्यू 20.33 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 18.35 लाख करोड़ था. इसमें प्रत्यक्ष कर यानी इनकम टैक्स और अप्रत्यक्ष कर यानी जीएसटी से की गई वसूली भी शामिल है.
किस सेक्टर ने दिखाया दम
एनएसओ ने बताया है कि चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही में किस सेक्टर ने सबसे ज्यादा दम दिखाया है. पहली तिमाही में सबसे तेज ग्रोथ हासिल करने वाला मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर दूसरी तिमाही में सिर्फ 2.2 फीसदी की ग्रोथ रेट हासिल कर सका. खनन सेक्टर तो शून्य से भी नीचे चला गया और ग्रोथ रेट शून्य से 0.1 फीसदी रही. इस दौरान कृषि सेक्टर ने जबरदस्त वापसी की और 3.5 फीसदी की ग्रोथ रेट हासिल की, जो पिछली चार तिमाहियों तक 2 फीसदी से नीचे ही रहा था. सबसे तेज वृद्धि निर्माण क्षेत्र की रही, जिसने दूसरी तिमाही में 7.7 की ग्रोथ रेट हासिल की.
Tags: Business news, Fiscal Deficit, Indian economyFIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 17:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed