सेना को 40 साल बाद मिला बोफोर्स का विकल्‍प DRDO ने बनाई ज्‍यादा एडवांस्‍ड गन

Indian Army : भारतीय सेना को आखिर करीब 4 दशक बाद बोफोर्स का विकल्‍प मिल ही गया. डीआरडीओ ने बोफोर्स से ज्‍यादा एडवांस्‍ड गन सिस्‍टम को विकसित किया है. इसे बनाने का ठेका टाटा की कंपनी और भारत फोर्ज को दिया गया है.

सेना को 40 साल बाद मिला बोफोर्स का विकल्‍प DRDO ने बनाई ज्‍यादा एडवांस्‍ड गन
हाइलाइट्स डीआरडीओ ने एडवांस्‍ड गन सिस्‍टम विकसित किया है. इसे बनाने का ठेका टाटा और भारत फोर्ज को दिया गया है. दोनों कंपनियों को 300 गन बनाने के लिए 7 हजार करोड़ मिले हैं. नई दिल्‍ली. भारतीय सेना को अब बोफोर्स आर्टिलरी गन का विकल्‍प मिल गया है और देश में ही विकसित किए गए एडवांस्‍ड गन से सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी. इस गन को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है. यह एडवांस्‍ड टोड आर्टिलरी गन सिस्‍टम (Advanced Towed Artillery Gun Systems) भारतीय सेना को और मजबूत बनाएगी. इस सिस्‍टम के 307 गन को बनाने का ठेका संयुक्‍त रूप से टाटा एडवांस्‍ड सिस्‍टम लिमिटेड और भारत फोर्ज को मिला है. टाटा और भारत फोर्ज मिलकर 307 एडवांस्‍ड गन बनाएंगी. इसके लिए दोनों कंपनियों को 7,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है. इसमें 60 फीसदी ठेका भारत फोर्ज को मिला है, जबकि 40 फीसदी काम टाटा की कंपनी संभालेगी. इस तकनीक की खास बात ये है कि इसे पूरी तरह भारत में ही विकसित किया गया है. इस गन को अभी तक इंटरनेशनल लेवल पर भी मान्‍यता मिल चुकी है, क्‍योंकि इसे अर्मेनिया को निर्यात भी किया जा चुका है. ये भी पढ़ें – आपके पास भी हैं ये 5 चीजें या फिर इससे ज्‍यादा है कमाई, तत्‍काल सरेंडर कर दें राशन कार्ड, वरना जाएंगे जेल हर चुनौती कर सकती है पार सेना ने इस गन की क्षमता का आकलन भी कर लिया है. इसे रेगिस्‍तान के साथ-साथ सिक्किम की ऊंची पहाडि़यों पर भी परखा जा चुका है. यह गन बोफोर्स 155 एमएम आर्टिलरी सिस्‍टम को रिप्‍लेस करेगी और उसकी जगह भारतीय सेना का हिस्‍सा बनेगी. इस गन को बर्फीली पहाडि़यों में भी टेस्‍ट किया जा चुका है, जहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर इसके बैटरी सिस्‍टम की क्षमताओं को आंका गया. सेना ने दे दिया अगला टेंडर डीआरडीओ की इस गन से उत्‍साहित सेना ने अगला टेंडर भी जारी कर दिया है. सेना को नेक्‍स्‍ट जेनरेशन की आर्टिलरी गन चाहिए, जिसका डिजाइन, डेवलपमेंट और मैन्‍युफैक्‍चरिंग सबकुछ घरेलू कंपनियों द्वारा किया गया हो. शुरुआत में ऐसे 400 सिस्‍टम का ऑर्डर दिया गया है, लेकिन बाद में इसे बढ़ाया भी जा सकता है. जैसे-जैसे जरूरत होगी इसका ऑर्डर और बढ़ाया जाएगा. आपको बता दें कि 24 मार्च, 1986 में भारत ने स्‍वीडन की हथियार निर्माता कंपनी से 1,437 करोड़ रुपये में 400 तोप मंगाई थी. बाद में इस सौदे में घोटोले का आरोप लगाया गया और कांग्रेस को कई साल तक इस आरोप का दंश झेलना पड़ा था. Tags: Business news, Indian army, Indian Army newsFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 18:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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