झारखंड में साजन नहीं सजनी की डिमांड ज्यादा क्या BJP का गणित बिगड़ेगा
झारखंड में साजन नहीं सजनी की डिमांड ज्यादा क्या BJP का गणित बिगड़ेगा
Kalpana Soren News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन राजनीति में आई तो थीं अचानक ही. लेकिन, झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में उनकी सभाओं में जुट रही भीड़ से हेमंत सोरेन की राजनीति भी खतरे लगने लगी है. पढ़ें यह रिपोर्ट...
रांची. राजनीति भी गजब चीज है… पॉलिटिक्स में कभी-कभी किसी की एक्सीडेंटल एंट्री भी वरदान साबित हो जाता है. देश में कई उदाहरण अभी भी मौजूद हैं, जिसमें पत्नी यानी सजनी राजनीति में आती तो हैं दुर्घटनावश. लेकिन, आने के बाद लोगों के दिलो-दिमाग पर ऐसे छा जाती हैं कि फिर राजनीति से दूर होने का मन ही नहीं करता. इससे पति यानी साजन की राजनीति खतरे में या फिर फीकी पड़ जाती है. योगी सरकार में शामिल कैबिनेट मंत्री दयाशंकर सिंह इसका जीता-जागता उदाहरण हैं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह राजनीति में तो अचानक ही आईं और योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री तक बन गईं. अगर दयाशंकर सिंह ने जुझारुपन नहीं दिखाया होता और सीएम योगी की कृपा नहीं होती तो आज राजनीति से उनका पत्ता कटना लगभग तय ही माना जा रहा था.
झारखंड चुनाव में भी आजकल कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. क्योंकि, कल्पना सोरेन की सभाओं में जुट रही भीड़ और फिर पूरे राज्य में उनकी सभाओं की डिमांड काफी कुछ किस्सा बयां कर रहा है. हेमंत सोरेन से ज्यादा कल्पना सोरेन का कार्यक्रम पूरे झारखंड में लगा है. एक दिन में कल्पना सोरेन 4 से 5 साभाएं कर रही हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कैंडिडेट को तो छोड़ दीजिए कांग्रेस कैंडिडेट्स भी अपने विधानसभा क्षेत्रों में कल्पना सोरेन का ही प्रोग्राम का डिमांड कर रहे हैं. कल्पना सोरेन का चेहरा और उनके बातचीत करने का अंदाज हेमंत सोरेन से बिल्कुल अलग लग रहा है.
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क्या कल्पना सोरेन ने बढ़ा दी हेमंत सोरेन की मुश्किलें?
कल्पना सोरेन की व्यस्तता देखकर मौजूदा दौर के झारखंड मुक्ति मोर्चा के सर्वेसर्वा नेता और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की चिंता बढ़ सकती है. क्योंकि, कल्पना सोरेन का चेहरा और उनके बातचीत करने का अंदाज हेमंत सोरेन से बिल्कुल अलग लग रहा है. हेमंत जहां सख्त मिजाज के हैं. वहीं, कल्पना सोरेन सरल स्वभाव की हैं. कल्पना का मासूम चेहरा और बात करने का तरीका आदिवासियों को काफी लुभा रहा है.
कल्पना की सभाओं में जुट रही भीड़
कल्पना मुर्मु सोरेन राजनीति में तो आईं थी अचानक, जब पति भ्रष्टाचार के आरोप में जेल चले गए थे. लेकिन, अब झारखंड विधानसभा चुनाव में उनकी सभाओं में हेमंत सोरेन की सभाओं से भी ज्यादा भीड़ जुटने से कहा जा रहा है कि वह लंबी राजनीतिक पारी खेल सकती हैं. कल्पना सोरेन अपनी हर सभा में कहती हैं, ‘हमारी लड़ाई जनता के हक के लिए है. झारखंड के अधिकार के लिए है. ये लड़ाई सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि झारखंड के हर जन की है. हर गांव, हर शहर, हर गली-मुहल्ले से आवाज उठ रही है कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए, झारखंड के स्वाभिमान के लिए जन-जन कदम से कदम मिलाकर हमारे साथ खड़ा है. हर दिल से उठ रहा है बस एक ही नारा, हेंमत दुबारा.’ कल्पना सोरेन इस चुनाव में एक मझे हुए नेता की तरह जनता से संवाद करती है.
कल्पना का जनता से कनेक्ट होने का अंदाज निराला
झारखंड की राजनीति को करीब से जानने वाले भी कहते हैं कि कल्पना सोरेन की शैली और उनका स्वभाव जेएमएम को आदिवासी जनता के और करीब ला रहा है. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जिस तरह से उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला, वह बताता है कि उनके अंदर राजनीतिक समझ जबरदस्त है. कल्पान का जनता से कनेक्ट होने का अंदाज भी आदिवासियों को भा रहा है.’
कुलमिलाकर कल्पना सोरेन इस चुनाव में एक मझे हुए नेता की तरह जनता से संवाद करती है. बात करने का लहजा हो चाहे वह आदिवासी भाषा हो या फिर हिंदी सबों में वह धाराप्रवाह बात करती हैं. उनके शरीर का आव-भाव से साफ लगता है कि वह दो बोलती हैं वह करती हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि कल्पना सोरेन के इस नए अवतार से बीजेपी नेताओं को नींद उड़ गई है. फिलहाल कल्पना सोरेन के कद का झारखंड बीजेपी में कोई ऐसा महिला नेता नहीं है, जो जवाबी हमला बोल सके.
Tags: CM Hemant Soren, Jharkhand election 2024, Kalpana SorenFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 18:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed