खत्म होगा 12% वाला जीएसटी स्लैब! क्या सस्ते होंगे प्रॉपर्टी और कपड़े-जूते
खत्म होगा 12% वाला जीएसटी स्लैब! क्या सस्ते होंगे प्रॉपर्टी और कपड़े-जूते
Gst Slab : अगले सप्ताह होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में 12 फीसदी स्लैब को खत्म करने पर चर्चा हो सकती है. माना जा रहा है कि इस स्लैब को खत्म करके इसके आइटम को 5 या 18 फीसदी वाले में डाला जा सकता है.
नई दिल्ली. दिवाली से पहले मोदी सरकार देश के करोड़ों लोगों को एक और बड़ा तोहफा दे सकती है. 20 अक्टूबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक इस बार काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार की बैठक में परिषद 12 फीसदी वाले जीएसटी स्लैब को खत्म कर सकती है. इस स्लैब के तहत कई ऐसे जरूरी सामान आते हैं, जो आम आदमी की जेब पर खासा असर असर डालते हैं. ऐसा होता है तो मकान, जूते-कपड़े और मोबाइल की कीमतों पर बड़ा असर पड़ेगा.
सूत्रों का कहना है कि 20 अक्टूबर होने वाली मंत्री समूह की बैठक में 12 फीसदी जीएसटी स्लैब को खत्म करने पर फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस स्लैब के तहत आने वाले प्रोडक्ट पर आगे कौन सी दर से जीएसटी वसूला जाएगा. अगर 12 फीसदी वाले आइटम को घटाकर 5 फीसदी वाले स्लैब में डाला जाता है तो निश्चित तौर पर आम आदमी को काफी राहत मिलेगी, लेकिन अगर इन आइटम को 18 फीसदी जैसे हायर स्लैब में डाला जाता तो जाहिर तौर पर इनकी कीमत भी बढ़ जाएगी.
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अभी किन प्रोडक्ट पर लगता है 12 फीसदी टैक्स
12 फीसदी जीएसटी स्लैब की बात करें तो इसके तहत पैकेज्ड फूड आइटम्स, कपड़े और 1000 रुपये से कम के जूते, कॉमर्शियल प्रॉपर्टी, मोबाइल, मक्शन, घी, बटर, फ्रूट जूस, छाता, पैक नारियल पानी आदि आते हैं. इसके अलावा कंप्यूटर और ड्राई फ्रूट्स के कुछ आइटम को भी इसी जीएसटी स्लैब में रखा गया है.
क्यों खत्म किया जा रहा स्लैब
जीएसटी परिषद का कहना है कि 12 फीसदी स्लैब वाले आइटम की संख्या कम होने से कुल जीएसटी वसूली में इस स्लैब की हिस्सेदारी काफी कम है. मंत्री समूह ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि
12 फीसदी स्लैब की जीएसटी वसूली में सिर्फ 5 फीसदी हिस्सेदारी है. जीएसटी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी 18 फीसदी वाले स्लैब की है, जो 73 फीसदी के करीब है. 28 फीसदी वाले स्लैब की हिस्सेदारी 12.5 फीसदी होती है, जबकि 5 फीसदी स्लैब की हिस्सेदारी 8 फीसदी है.
18 फीसदी में कौन-कौन से आइटम
जीएसटी के 18 फीसदी स्लैब में ज्यादातर आइटम को शामिल किया गया है. इसमें कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, रेस्तरां, स्मार्टफोन, टेलीकॉम सर्विस, कपड़े और जूते 1000 से ज्यादा कीमत वाले, आईटी सेवाओं, वित्तीय सेवाओं जैसे बीमा, ब्यूटी प्रोडक्ट और मशीनरी जैसे प्रोडक्ट को शामिल किया गया है. यही कारण है कि कुल जीएसटी वसूली में इस स्लैब के जरिये तीन चौथाई रकम आती है.
Tags: Business news, Gst, GST collection, GST council meetingFIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 16:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed