300 करोड़ का प्रोजेक्ट विरोध में एकसाथ आए कांग्रेस भाजपा NC PDP
300 करोड़ का प्रोजेक्ट विरोध में एकसाथ आए कांग्रेस भाजपा NC PDP
जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित कटरा-सांझीछत रोपवे प्रोजेक्ट का सभी राजनीतिक दलों ने विरोध किया है. स्थानीय व्यापारियों और मजदूरों का कहना है कि इससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ेगी, क्योंकि रोपवे से वैष्णो देवी मार्ग पर दुकानदारों और परिवहन कर्मियों का काम छिन जाएगा.
जम्मू-कश्मीर में कटरा और सांझीछत के बीच प्रस्तावित 300 करोड़ रुपये के रोपवे प्रोजेक्ट ने वो काम कर दिया है, जो आज तक कभी नहीं हुआ और भविष्य में भी कभी होने की संभावना नहीं थी. इसके चलते धुर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एकसाथ आ गए हैं. क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस, क्या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, क्या कांग्रेस और क्या भारतीय जनता पार्टी (BJP), सभी दल इसका विरोध करते हुए एकजुट हैं. स्थानीय लोगों द्वारा तो वैष्णो देवी गुफा मंदिर के रास्ते में इस रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध पहले से ही हो रहा था.
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष उपराज्यपाल मनोज सिन्हा इस प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रहे हैं, लेकिन लोकल कारोबारियों और मजदूरों ने इसे अपने जीवन और रोजगार के लिए खतरा बताया है.
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन अब सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है. कटरा में व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया है. रविवार को प्रदर्शन में विभिन्न दलों के नेताओं ने भाग लिया. इनमें जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता सुरिंदर चौधरी, बीजेपी विधायक बलदेव राज शर्मा, एनसी जम्मू के अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता, पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता अजय नंदा, कांग्रेस नेता योगेश साहनी, और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती तक शामिल हुए.
आजीविका पर खतरा है ये प्रोजेक्ट: उपमुख्यमंत्री
सुरिंदर चौधरी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट हजारों लोगों की आजीविका पर खतरा डाल सकता है. उन्होंने कहा, “विकास जरूरी है, लेकिन किसी की आजीविका को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.” महबूबा मुफ्ती ने भी इस परियोजना पर चिंता जताते हुए कहा कि तीर्थस्थलों को व्यावसायिक पर्यटक स्थलों में बदलना उनकी आध्यात्मिक पवित्रता को नुकसान पहुंचा सकता है.
कटरा का व्यापार और पर्यटकों पर असर
बता दें कि वैष्णो देवी यात्रा के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए कटरा बेस कैंप के रूप में काम करता है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रतिदिन 35,000 से 40,000 तीर्थयात्रियों की मेजबानी करता है. यहां 672 होटल, कई दुकानें और रेस्तरां हैं. पिछले हफ्ते से यह शहर लगभग सूना हो गया है, क्योंकि दुकानें बंद हैं, और खच्चर, पिट्ठू, व पालकी सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं.
उपराज्यपाल ने इस पर क्या कहा?
LG मनोज सिन्हा ने बताया कि यह परियोजना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों के अनुसार बनाई गई है. एनजीटी ने पुराने यात्रा मार्ग से खच्चरों और घोड़ों को धीरे-धीरे हटाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि रोपवे के टिकट कटरा से ही खरीदे जाएंगे, जिससे मौजूदा यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों की संख्या कम नहीं होगी. सिन्हा ने प्रदर्शनकारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक चार-सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.
अब देखना यह होगा कि क्या यह प्रोजेक्ट पूरा हो सकेगा? क्योंकि सभी राजनीतिक दल इसके विरोध में आवाज बुलंद कर रहे हैं. फिलहाल 4 मेंबर्स वाली हाई लेवल कमेटी ही पूरे असेसमेंट के बाद इस पर परामर्श देगी और उसके बाद फाइनल फैसला आएगा.
Tags: Jammu kashmir, Katra, Rope Way, Vaishno DeviFIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 15:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed