सरकारी और प्राइवेट स्कूल में क्या अंतर है किसमें करवाएं बच्चे का एडमिशन

Government vs Private School Admission: बच्चों के लिए बेस्ट स्कूल सेलेक्ट करना आसान नहीं है. इसके लिए स्कूल एडमिशन प्रोसेस, फीस, रिजल्ट, एक्टिविटीज, स्पोर्ट्स, लोकेशन जैसी कई बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में काफी फर्क होता है. बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाने से पहले आपको सभी अंतर की जानकारी होनी चाहिए.

सरकारी और प्राइवेट स्कूल में क्या अंतर है किसमें करवाएं बच्चे का एडमिशन
नई दिल्ली (Government vs Private School Admission). भारत में मुख्य तौर पर दो तरह के स्कूल होते हैं- सरकारी और प्राइवेट. फिर उसमें भी स्कूलों को कई कैटेगरी में बांटा जाता है- सामान्य स्कूल, डे बोर्डिंग और रेजिडेंशियल. कहीं-कहीं मॉर्निंग और ईवनिंग स्कूल भी होते हैं. ज्यादातर पैरेंट्स बच्चों का एडमिशन करवाते समय इसी बात में कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाएं या प्राइवेट यानी निजी में (Sarkari School). अगर आप बच्चे को स्टेट बोर्ड में पढ़ाना चाहते हैं तो सरकारी स्कूल में एडमिशन करवा सकते हैं. ज्यादातर सरकारी स्कूल राज्य बोर्ड से संबद्ध हैं (State Board Schools). हालांकि, नवोदय विद्यालय (Navodaya Vidyalaya), आर्मी स्कूल (Army School) और केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) जैसे सरकारी स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं. ये तीनों ही देश के टॉप सरकारी स्कूल हैं. इनमें एडमिशन मुश्किल से मिलता है. जानिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच 10 बेसिक अंतर. Government vs Private School: सरकारी और प्राइवेट स्कूल में क्या अंतर है? 1. शिक्षा की गुणवत्ता: प्राइवेट स्कूल हाई क्वॉलिटी एजुकेशन प्रदान करते हैं, जबकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता कम हो सकती है. हालांकि देश के टॉप सरकारी स्कूल एजुकेशन क्वॉलिटी के मामले में प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ते हैं. 2. स्कूल फीस: प्राइवेट स्कूलों की फीस ज्यादा होती है, जबकि सरकारी स्कूल नि:शुल्क या कम शुल्क पर शिक्षा प्रदान करते हैं. ज्यादातर सरकारी स्कूलों में वन टाइम रजिस्ट्रेशन या एडमिशन फीस भी नहीं जमा करनी पड़ती है. 3. सुविधाएं: प्राइवेट स्कूल बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि अच्छी कक्षाएं, एसी, खेल के मैदान और मॉडर्न टेक्नोलॉजी. वहीं, कई सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब, केमिस्ट्री लैब, बायोलॉजी लैब आदि नहीं होती हैं और क्लासेस भी ठीक से नहीं बनी होती हैं. 4. एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज: प्राइवेट स्कूलों में एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज और सोशल प्रोग्राम पर ज्यादा फोकस किया जाता है. 5. अनुशासन: प्राइवेट स्कूल अनुशासन और समय पाबंदी पर ज्यादा जोर देते हैं. सरकारी स्कूलों (खासतौर पर जो गांव, देहात में हैं) में बच्चों और शिक्षकों की गैरमौजूदगी आम बात मानी जाती है. 6. शिक्षकों की योग्यता: प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों की योग्यता और अनुभव ज्यादा होता है. हालांकि सरकारी स्कूलों में भी शिक्षक की भर्ती कई चरणों की परीक्षा पास करने के बाद ही होती है. 7. छात्र-शिक्षक अनुपात: प्राइवेट स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात कम होता है. इससे व्यक्तिगत ध्यान देना आसान होता है. लेकिन सरकारी स्कूलों का रेशियो अलग है. 8. प्रवेश प्रक्रिया: प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए कई पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है, जबकि सरकारी स्कूल में आसानी से एडमिशन मिल जाता है. हालांकि देश के टॉप सरकारी स्कूल इससे भिन्न हैं. वहां एडमिशन हासिल करना काफी मुश्किल है. 9. बुनियादी ढांचा: प्राइवेट स्कूलों का बुनियादी ढांचा बेहतर होता है, जैसे कि वेंटिलेशन वाले क्लासरूम, एसी, खेल के मैदान, लैब और लाइब्रेरी आदि. 10. मूल्यांकन: प्राइवेट स्कूलों में मूल्यांकन ज्यादा व्यवस्थित और नियमित होता है, जबकि सरकारी स्कूलों में मूल्यांकन कम नियमित होता है. यह भी पढ़ें- बीसीए और बीटेक में क्या अंतर है? सिलेबस, नौकरी और सैलरी में जानें फर्क School Admission: बच्चे का एडमिशन किस स्कूल में करवाएं? यह तय करना कि आपके बच्चे के लिए कौन सा स्कूल बेहतर है, आपकी व्यक्तिगत पस्थितियों और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है: 1- अपने बच्चे की जरूरतों और रुचियों को ध्यान में रखें. 2- अपने बजट को ध्यान में रखें. 3- स्कूल की प्रतिष्ठा, शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं का मूल्यांकन करें. 4- शिक्षकों और प्रशासन के साथ बातचीत करें. 5- स्कूल की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर रिव्यू चेक करें. 6- अगर आप हाई क्वॉलिटी एजुकेशन और बेहतर सुविधाओं की तलाश में हैं तो प्राइवेट स्कूल एक अच्छा विकल्प हो सकता है. बच्चा होशियार हो तो टॉप सरकारी स्कूल की प्रवेश परीक्षा दिलवा सकते हैं. 7- अगर आपका बजट लिमिटेड है और आप नि:शुल्क या कम शुल्क पर शिक्षा चाहते हैं तो सरकारी स्कूल को प्राथमिकता दे सकते हैं. हर शहर में बेहतरीन सुविधाओं और हाई क्वॉलिटी एजुकेशन वाले सरकारी स्कूल भी हैं. आप अपने घर के आस-पास उनके विकल्प चेक कर सकते हैं. यह भी पढ़ें- बीटेक की 10 पॉपुलर ब्रांच, डिग्री मिलते ही लगेगी नौकरी, लाखों में होगी सैलरी Tags: Govt School, Private School, School Admission, School educationFIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 14:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed