भारत की दुकान पर लगा खरीदारों का तांता! आम आदमी को भी होगा फायदा
भारत की दुकान पर लगा खरीदारों का तांता! आम आदमी को भी होगा फायदा
Indias Export Growth : भारत को दुनिया की दुकान बनाने का सपना पूरा होता दिख रहा है. एचएसबीसी इंडिया के हालिया सर्वे में पता चला है कि भारत को दुनियाभर के बाजारों से ऑर्डर मिल रहे हैं और यह आंकड़ा 10 साल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है.
हाइलाइट्स भारत को ग्लोबल मार्केट से 10 साल के सबसे ज्यादा ठेके मिले हैं. यूरोप सहित तमाम बाजारों से धड़ाधड़ ऑर्डर मिल रहे हैं. इस सेक्टर में वृद्धि सितंबर 2014 के बाद सबसे ज्यादा रही है.
नई दिल्ली. भारत को दुनिया की दुकान बनाने वाली मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना अब रंग ला रही है. कम से कम मई के आंकड़े तो यही कहते हैं. एचएसबीसी इंडिया ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत का निर्यात नए लेवल पर जा रहा है और दुनियाभर के खरीदारी इस समय भारत की दुकान के सामने खड़े हैं. आलम ये है कि भारत को ग्लोबल मार्केट से 10 साल के सबसे ज्यादा ठेके मिले हैं और यूरोप सहित तमाम बाजारों से धड़ाधड़ ऑर्डर मिल रहे हैं.
एचएसबीसी इंडिया ने अपने सर्वे में दावा किया है कि मई में जिस क्षेत्र में पर्याप्त सुधार हुआ, वह नए निर्यात ठेके हैं. इस सेक्टर में वृद्धि सितंबर 2014 में श्रृंखला की शुरुआत के बाद से सबसे तेज रही है. यह सर्वे एशिया के बड़े बाजारों के अलावा, अफ्रीका, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिकी बाजारों में किया गया है, जहां भारत से मांग में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है. इसका फायदा आम आदमी को भी होगा, क्योंकि डिमांड बढ़ने से नौकरियों के रास्ते भी खुलेंगे.
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थोड़ा कमजोर पड़ा सर्विस सेक्टर
एचएसबीसी इंडिया ने भारत के सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक का आंकड़ा जारी किया है, जो मई में गिरकर 60.2 पर आ गया. यह पिछले साल दिसंबर के बाद से सबसे निचला स्तर है, जबकि अप्रैल में यह 60.8 पर था. इस तरह सेवा क्षेत्र के विस्तार की गति 5 महीने में सबसे ज्यादा सुस्त हुई है. खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का मतलब गिरावट से होता है.
कारोबारी भरोसा 8 महीने में सबसे ज्यादा
मई के आंकड़ों से सामने आया कि नए व्यवसाय में मजबूत वृद्धि ने भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में उत्पादन वृद्धि को बल देना जारी रखा है. सर्वेक्षण के अनुसार, एक और सकारात्मक बात यह रही कि कारोबारी विश्वास में आठ महीनों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है. बिक्री में बढ़ोतरी, उत्पादकता में तेजी और मांग में मजबूती से वृद्धि को समर्थन मिला. हालांकि, प्रतिस्पर्धा और मूल्य दबावों के कारण वृद्धि में कुछ बाधा भी आई.
मई में बढ़ गई लागत
एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा, मई में भारत की सेवा गतिविधि थोड़ी धीमी गति से बढ़ी और नए घरेलू ठेकों में थोड़ी कमी आई, लेकिन वे मजबूत बने रहे. यह मजबूत मांग को दर्शाता है. कीमतों की बात करें तो मई में कच्चे माल तथा श्रम की लागत में वृद्धि के कारण कॉस्ट बढ़ी है. कंपनियां मूल्य वृद्धि का केवल एक हिस्सा ही ग्राहकों तक पहुंचाने में सक्षम रहीं. हालांकि, सेवा पीएमआई में गिरावट से एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स मई में गिरकर 60.5 हो गया जो अप्रैल में 61.5 था.Indias Export Growth in may due to robust demand and order from global market
Tags: Business news, Indian export, Manufacturing and exportsFIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 13:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed