बेहाया निकला पाकिस्तान! भारत में नहीं गली दाल तो दोस्त पर डाली बुरी नजर

पाकिस्तान और तालिबान के रिश्ते बिगड़ गए हैं. कभी दोनों एक दूसरे के साथ गलबहियां मिलाकर चलते थे. लेकिन, संबंध इस कदर बिगड़ गए हैं कि बीते दो साल में आईएसआई ने आठ तालिबान नेताओं की हत्या करवा दी.

बेहाया निकला पाकिस्तान! भारत में नहीं गली दाल तो दोस्त पर डाली बुरी नजर
लंबे समय तक भारत को अस्थिर करने की कोशिश में जुटा पाकिस्तान सही मायने में एक बेहाया मुल्क है. अब वह अपने दोस्तों के खिलाफ ही साजिश रचने में जुट गया है. इस कोशिश में वह बीते कुछ सालों में एक के बाद एक करीब आठ बड़े नेताओं को मौत के घाट उतरवा चुका है. जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं. हम पाकिस्तानी आईएसआई और तालिबान के बीच चल रहे टकराव की बात कर रहे हैं. पहली नजर में आपको यह कुछ अटपटा लग सकता है कि जिस तालिबान को पाकिस्तान ने हेल्प किया उसके साथ उसके रिश्ते कैसे बिगड़ सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से पूर्व आतंकवादी संगठन तालिबान के खासमखास रहे आठ लोगों को दो साल में खल्लास कर दिया है. इनमें मंत्री गवर्नर समेत अनेक महत्वपूर्ण लोग शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा में दर्जनों कमांडोज और सुरक्षा एजेंट तैनात रहते थे. तालिबान के मंत्री हक्कानी तक पहुंचने के लिए तीन दर्जन कमांडोज और सुरक्षा एजेंटों की निगाहों से गुजरना होता था. लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने अपने चहेते आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस और तालिबान के अपने दोस्तों के साथ मिलकर ऐसी साजिश रची कि आत्मघाती हमलावर ने उनके मंत्रालय में घुसकर उन्हें उड़ा दिया. इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से पिछले दो साल के दौरान तालिबान के आठ बड़े लोगों की हत्या कर चुका है. सचेत था तालिबान तालिबान में मंत्री और हक्कानी ग्रुप के कद्दावर नेता खलील उर रहमान हक्कानी को यह अच्छी तरह पता था कि उनके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी समेत अनेक दुश्मन पड़े हुए हैं. यही कारण है कि अपने ऑफिस में भी जब किसी पाकिस्तान के डेलिगेशन से मुलाकात करते थे तो अपनी सीट के पीछे ऑटोमेटिक राइफल जरूर रखते थे. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हक्कानी ग्रुप के पीछे पड़ने का एक खास मकसद भी है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी यह मानती है कि आतंकवादी संगठन तहरीके तालिबान पाकिस्तान को हक्कानी नेटवर्क की पूरी सहायता दे रहा है. जिसके चलते वह पाकिस्तान में जमकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे रहा है. हक्कानी नेटवर्क के दोनों कद्दावर नेता चाचा और भतीजा इसीलिए अपनी सुरक्षा में सरकारी एजेंटों के अलावा अपने खास लोगों को भी तैनात रखते थे. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी यह अच्छी तरह जानती थी कि वह हक्कानी नेटवर्क के दोनों बड़े नेताओं पर सीधे हाथ नहीं डाल सकती, लिहाजा उसने पिछले दिनों अफगानिस्तान में एक नए आतंकवादी संगठन को जन्म दिया. इसके अलावा इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस को भी आर्थिक मदद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ही करती है. अपने इन्हीं नेटवर्क के चलते पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने तालिबान की सुरक्षा एजेंसी में सेंध लगा ली और उसके रिजल्ट के बदले तालिबान के मंत्री हक्कानी को आत्मघाती हमलावर ने उसके मंत्रालय में घुसकर खल्लास कर दिया. तालिबान के 8 सरगनाओं की हत्या ISKP ने अफगानिस्तान में आठ उच्च पदस्थ तालिबान अधिकारियों और प्रमुख हस्तियों को आत्मघाती बम विस्फोटों और हमलों में मार डाला है. इनमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से आईएसकेपी ने जिन उल्लेखनीय लोगों को मौत के घाट उतारा उनमें काबुल में सैनिकों के प्रमुख मौलवी अब्दुल्ला मुखलिस को काबुल के सरदार दाऊद खान अस्पताल पर हुए हमले के दौरान मार गिराया था. मौलवी निसार अहमद बदख्शां के लिए तालिबान के डिप्टी गवर्नर, जून 2023 में बदख्शां में एक विस्फोट में मारे गए. समीम बगलान प्रांत के पूर्व पुलिस कमांडर, जून 2023 में बदख्शां के केंद्र फैजाबाद शहर में मारे गए. मौलवी दाऊद मुज़मल बल्ख प्रांत के गवर्नर, मार्च 2024 में एक आत्मघाती बम विस्फोट में मारे गए. आईएस-केपी ने जिम्मेदारी ली. मौलवी अब्दुल हक अबू उमर बदख्शां के पुलिस प्रमुख, 26 दिसंबर, 2022 को एक विस्फोट में मारे गए. मुजीब-उर-रहमान अंसारी हेरात में एक प्रमुख व्यक्ति और मौलवी, और तालिबान के आध्यात्मिक नेता, सितंबर 2022 में हेरात में एक मस्जिद में विस्फोट में मारे गए. मौलवी रहीमुल्लाह हक्कानी एक प्रमुख मौलवी और तालिबान नेता, अगस्त में एक मस्जिद में आत्मघाती बम विस्फोट में मारा गया. Tags: Pakistan ISI, Taliban afghanistanFIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 12:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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