कंपनियों ने बिछाया ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ का जाल! घर-बार छोड़ भागे कर्मचारी
कंपनियों ने बिछाया ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ का जाल! घर-बार छोड़ भागे कर्मचारी
Work From Office : कोरोनाकाल में घर से काम करने वाले कर्मचारियों वापस ऑफिस बुलाना कंपनियों के लिए टेढ़ी खीर था. इसके लिए कंपनियों ने तमाम जुगाड़ अपनाए जिसमें ऑफिस पीकॉकिंग काफी प्रचलित टर्म रहा. इसका मतलब है कि ऑफिस को आकर्षक और सुविधाजनक बनाकर कर्मचारियों को लुभाया जा सके.
हाइलाइट्स वर्क फ्रॉम होम खत्म होने के बाद कर्मचारी ऑफिस आने को तैयार नहीं थे. इससे निपटने के लिए कंपनियों ने ऑफिस पीकॉकिंग पर देना शुरू कर दिया. ऑफिस पीकॉकिंग में कंपनियां कार्यस्थल को ज्यादा आकर्षक बना रही हैं.
नई दिल्ली. मूनलाइटिंग शब्द तो याद ही होगा. कोरोनाकाल में वर्क फ्रॉम होम के समय कॉरपोरेट जगत में इस पर खूब बहस और चर्चा हुई थी. वर्क फ्रॉम होम खत्म होने के बाद एक बार फिर कॉरपोरेट जगत में एक टर्म चर्चा में आने लगा है ‘ऑफिस पीकॉकिंग’. यह एक तरह का आकर्षक जाल है, जो कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से ऑफिस बुलाने के लिए बिछा रही हैं. इस आकर्षण में कर्मचारी भी आसानी से फंस जा रहे और घर-परिवार छोड़ सैकड़ों किलोमीटर दूर नौकरी करने आ जाते हैं.
टीमलीज सर्विसेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के बाद कर्मचारियों को संस्थान में बनाए रखने और उन्हें कार्यालय में वापस लाने के लिए कई कंपनियां ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ का सहारा ले रही हैं. ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ नियोक्ता के अपने कार्यालयों को अधिक आकर्षक और आरामदायक बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक रणनीति है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद कर्मचारियों को कार्यस्थल पर वापस लाने के लिए इसका इस्तेमाल काफी बढ़ गया है.
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कर्मचारियों को घर से बाहर लाना चुनौती थी
टीमलीज सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (स्टाफिंग) कार्तिक नारायण का कहना है कि भारत में ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ अवधारणा ने तेजी पकड़ी है. घर से काम करना कर्मचारियों के लिए किफायती और आरामदायक बनने के बाद उनको कार्यालय तक लाना एक चुनौती बन गया था. ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ में कार्योलयों में आकर्षक फर्नीचर, सजावट, कार्यस्थल पर आरामदायक स्थल, प्राकृतिक रोशनी तथा खानपान की अच्छी व्यवस्था जैसे उपाय किए जाते हैं जिससे कामकाज का आकर्षक और जीवंत माहौल बन सके.
2-3 साल में बढ़ गई डिमांड
कर्मचारियों की व्यवस्था करने वाली कंपनी सीआईईएल के मानव संसाधन निदेशक एवं सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि पिछले दो से तीन वर्षों में ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ के चलन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इसमें कार्यालय की साजसज्जा और डिजाइन के निवेश में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बैंगलोर, मुंबई, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और हैदराबाद जैसे प्रमुख महानगरों में इसका चलन सबसे अधिक है. इन शहरों में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां तथा स्टार्टअप इकाइयां हैं, जो इस तरह के चलन को अपनाने में सबसे आगे हैं.
दुनियाभर में बढ़ा है चलन
कार्यस्थल डिजाइन करने वाली कंपनी स्पेस मैट्रिक्स ग्लोबल की प्रबंध निदेशक तितिर डे ने कहा कि ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ हाल में काफी प्रचलन में आया. कंपनियां वैश्विक महामारी के बाद कर्मचारियों को कार्यालय में वापस लाने के तरीके तलाश कर रही हैं, जिसमें टेक्नोलॉजी पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है. कर्मचारियों के लिए कार्यात्मक तथा भावनात्मक दोनों आवश्यकताओं को पूरा करने से कंपनियों की उत्पादकता भी बढ़ी है.
Tags: Business news, Job news, Work From HomeFIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 17:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed