भारत की कूटनीति का कमाल रूस-यूक्रेन ने मिलकर किया यह काम चीन भी हैरान
भारत की कूटनीति का कमाल रूस-यूक्रेन ने मिलकर किया यह काम चीन भी हैरान
India Russia Relations: भारत ने कूटनीतिक रूप से कमाल कर दिखाया है. भारत ने रूस और यूक्रेन को एक साथ साध लिया है. भारत के लिए रूस ने INS तुषिल युद्धपोत बनया है. हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें यूक्रेनी इंजन लगा हुआ है. इस अनोखी त्रिकोणीय साझेदारी से दुनिया हैरान रह गई है.
नई दिल्ली: भारत और रूस की दोस्ती को कौन नहीं जानता. भारत और रूस के बीच लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी रही है. हाल ही में, इस साझेदारी ने एक अनोखा मोड़ ले लिया है, जिसमें यूक्रेन भी शामिल हो गया है. यह तीन देशों के बीच एक अनोखी त्रिकोणीय साझेदारी है, जो वर्तमान जियोपॉलिटिकल परिदृश्य में काफी महत्वपूर्ण है.
सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मॉस्को यात्रा के दौरान, भारत को रूस से एक नया युद्धपोत, INS तुषिल, सौंपा गया. यह एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि यह रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बावजूद संभव हुआ है. INS तुषिल एक क्रिवक III-क्लास युद्धपोत है, जो रूस द्वारा भारत के लिए डिजाइन और निर्मित किया गया है. हालांकि, इस युद्धपोत की एक खासियत है – इसके प्राथमिक इंजन, गैस टर्बाइन, यूक्रेन में निर्मित हैं. यह एक अनोखी स्थिति है, जहां एक रूसी युद्धपोत, यूक्रेनी इंजन के साथ, भारत को सौंपा जा रहा है.
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कैसे यह भारत की कूटनीतिक जीत
यह साझेदारी भारत की कूटनीतिक क्षमता का एक शानदार उदाहरण है. भारत ने रूस और यूक्रेन, दोनों देशों के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने में सफलता हासिल की है. यह विशेष रूप से ऐसे दौर में महत्वपूर्ण है, जब दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ युद्ध में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं.
भारत ने इस स्थिति का लाभ उठाकर, दोनों देशों से सैन्य उपकरणों की खरीद की है. इससे भारत को अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने में मदद मिली है. इसके अलावा, इस साझेदारी से भारत को रूस और यूक्रेन, दोनों देशों के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिली है.
जियोपॉलिटिकल रूप से कितना महत्वपूर्ण?
इस त्रिकोणीय साझेदारी का जियोपॉलिटिकल महत्व भी काफी अधिक है. भारत, रूस और यूक्रेन, तीनों देशों का हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण रणनीतिक हित है. इस क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव एक चिंता का विषय है. इस लिहाज से भारत, रूस और यूक्रेन के बीच की साझेदारी एक महत्वपूर्ण संतुलनकारी शक्ति के रूप में उभर सकती है.
गौरतलब है कि INS तुषिल के शामिल होने से इंडियन नेवी की ताकत में काफी इजाफा होगा. यह युद्धपोत अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर सिस्टम से लैस है. यह भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा.
Tags: India russia, Russia ukraine warFIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 06:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed