इन शहरों में घर लेना अब बजट से बाहर! 5 साल में 50% बढ़ीं कीमतें इन लोगों की

पिछले 5 साल के मुकाबले अब घर लेना काफी महंगा हो गया है. इन पांच साल में दिल्‍ली एनसीआर ही नहीं मुंबई में भी घरों की कीमतों में 50 फीसदी से ज्‍यादा की बढ़ोत्‍तरी हुई है. एनारॉक की हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.

इन शहरों में घर लेना अब बजट से बाहर! 5 साल में 50% बढ़ीं कीमतें इन लोगों की
अगर आपने भी अभी तक घर नहीं खरीदा है और घर लेने का प्‍लान बना रहे हैं तो आपको मोटा बजट लेकर चलना होगा क्‍योंकि प्रॉपर्टी बाजार में आए बूम के बाद घरों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्‍तरी हो गई है. वहीं कुछ शहरों में तो मिडिल क्‍लास के लिए घर लेना बजट से बाहर हो गया है. इनमें भी भारत के कुछ शहर महंगाई में टॉप पर हैं. हालांकि जो लोग अच्‍छा इन्‍वेस्‍ट कर बेहतर रिटर्न हासिल करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय प्रॉपर्टी में इन्‍वेस्‍ट करने के लिए अच्‍छा है. देखा जा रहा है कि पिछले 5 सालों में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में घरों के दामों में जोरदार बढ़ोतरी हुई है. एनरॉक की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती मांग के चलते इन क्षेत्रों में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की कीमतें 50% तक बढ़ गई हैं. ये भी पढ़ें  वृंदावन बांके बिहारी को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने की तैयारी, 7 किमी लंबा होगा कॉरिडोर, बसेंगे ये 6 गांव दिल्ली-एनसीआर में साल 2019 में जनवरी-जून के दौरान रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की औसत कीमत 4,565 रुपये प्रति वर्ग फीट थी, जो 2024 में 49% बढ़कर 6,800 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है. वहीं, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में यह औसत कीमत 2019 में 10,610 रुपये प्रति वर्ग फीट थी, जो अब 48% बढ़कर 15,650 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है. ऐसे में जो लोग कोरोना के समय तक इन शहरों में घर खरीद चुके हैं, उनकी चांदी हो गई है. उन लोगों की लाखों की प्रॉपर्टी करोड़ों रुपये की हो गई है. क्‍या है एक्सपर्ट्स की राय एम्बिएंस ग्रुप के चीफ बिजनेस ऑफिसर अंकुश कौल ने कहा कि “पिछले 5 वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में घर की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। बढ़ती मांग और विकास ने आवासीय संपत्तियों की कीमतों को लगभग 50% तक बढ़ा दिया है. इस स्थिति में, यह बाजार में निवेश करने का सही समय हो सकता है, जो निवेशकों को अच्छे रिटर्न दे सकता है. अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने बताया कि “पिछले पांच वर्षों में एनसीआर क्षेत्र में रेजिडेंशियल प्राइस में भारी वृद्धि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और बेहतर कनेक्टिविटी द्वारा संचालित मजबूत मांग को दर्शाती है. यह प्रवृत्ति क्षेत्र की सतत विकास और निवेश के अवसरों की क्षमता को बताती है. महामारी के बाद एकदम आई तेजी  ट्राइसोल रेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन शर्मा ने बताया कि, “पिछले पांच वर्षों में एनसीआर और एमएमआर के घरों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और बिक्री की तेजी से स्पष्ट होता है कि इन क्षेत्रों में घरों की मांग और बाजार की स्थिति मजबूत है. एनसीआर में औसत घर की कीमतें 49% और एमएमआर में 48% बढ़ी हैं, जो इन क्षेत्रों की बढ़ती लोकप्रियता और संभावनाओं को दर्शाता है. महामारी के बाद एमएमआर में नए घरों की आपूर्ति बढ़ी है, जबकि एनसीआर में नई आपूर्ति सीमित रही है, फिर भी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. इन पांच वर्षों में एनसीआर में 2.72 लाख और एमएमआर में 5.50 लाख घर बिके हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि आवासीय बाजार में ग्राहकों की रुचि और विश्वास बना हुआ है. एस्कॉन इन्फ्रा रियलेटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज शर्मा ने बताया कि महामारी के बाद से NCR में रेजिडेंशियल संपत्तियों की मांग में जोरदार बढ़ोतरी हुई है. लोग अब ज्यादा बड़े घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं. NCR की आर्थिक महत्वाकांक्षा भी यहां के प्रॉपर्टी मार्केट में निवेशकों को आकर्षित कर रही है. ये भी पढ़ें  हरियाणा में घर बनाने के नए नियम लागू, 4 मंजिला बिल्डिंग बना लेने वालों को 60 दिन की मोहलत, पढ़ें डिटेल्‍स Tags: Delhi news, Price of any property, Property, Property marketFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 19:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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