RSS की बैठक में गूंजेगा बांग्लादेश में हिदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

RSS Meet: केरल में होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय बैठक में इस बार बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर चर्चा होना तय है. शुक्रवार को होने वाली इस बैठक में यह मुद्दा उठाया जाना असामान्य है, क्योंकि संघ की बैठकों में आम तौर पर विदेशी मुद्दों पर चर्चा नहीं होती.

RSS की बैठक में गूंजेगा बांग्लादेश में हिदुओं पर अत्याचार का मुद्दा
नई दिल्ली: आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आज शुक्रवार से केरल में समन्वय बैठक शुरू हो रही है. आरएसएस की कॉर्डिनेशन मीटिंग में बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर चर्चा होने की उम्मीद है. आरएसएस की बैठकों में आमतौर पर विदेशी मुद्दों को शामिल नहीं किया जाता है. ऐसे में इस बार के एजेंडे में इस मुद्दे को शामिल करना इसकी अहमियत को दर्शाता है. सूत्रों का कहना है कि संघ परिवार के सीनियर नेताओं को पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर चिंता है और इसीलिए इस बार चर्चा के लिए यह मुद्दा चुना गया है. दरअसल, आरएसएस मुख्य रूप से राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जाना जाता है. मगर इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक अपवाद बनाता दिख रहा है. आरएसएस का मानना है कि सीमा पार धार्मिक उत्पीड़न का व्यापक असर हिंदू समुदाय पर पड़ता है. आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि केरल के पलक्कड़ में कार्यकारिणी मंडल (केंद्रीय समिति) के लगभग 50 प्रमुख सदस्यों के जुटने की उम्मीद है. इस दौरान चर्चा और विचार-विमर्श के जरिए बांग्लादेशी हिंदुओं का समर्थन करने की रणनीतियों पर विचार किया जा सकता है. आरएसएस के एक सीनियर पदाधिकारी ने कहा कि पीएम मोदी पहले ही अंतरिम सरकार से बात कर चुके हैं और वो दूसरे जरूरी कदम उठा रहे हैं. लेकिन दुनिया को यह देखने की जरूरत है कि पड़ोसी देश में हिंदुओं को कैसे प्रताड़ित किया जा रहा है. आरएसएस के एक सीनियर पदाधिकारी ने कहा, ‘बैठक के एजेंडे से संघ के भीतर इस मामले को लेकर बढ़ती चिंता का पता चलता है. इससे पता चलता है कि हिंदू हितों की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता भारत की सीमाओं से परे है. नेतृत्व विचार-विमर्श की तैयारी कर रहा है. ऐसे में इस मुद्दे को शामिल करना विदेशी मामलों के लिए आरएसएस के दृष्टिकोण में एक नए चरण की शुरुआत का संकेत दे सकता है. ये पूरी दुनिया में हिंदुओं के लिए संघ की गहरी चिंता से प्रेरित है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘शेख हसीना की सरकार जाने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं पर रोजाना हमले हो रहे हैं. कई लोग सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं, कुछ तो सीमा के पास ही रुके हुए हैं. लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा नियमों के चलते उन्हें सीमा पार करने की इजाजत नहीं मिल रही है. यही स्थिति है. हमें इन अहम मुद्दों पर भी विचार करना होगा. बांग्लादेश में हिंदुओं के हक में दुनिया भर का समर्थन जुटाना होगा. ये हमारे लिए बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है.’ संघ से जुड़े संगठन बांग्लादेश में हाल ही में हुए दंगों में मारे गए हिंदुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. यह सभा शुक्रवार को होगी. इस सभा का उद्देश्य पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना और पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान आकर्षित करना है. यह कार्यक्रम इन समूहों के भीतर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर बढ़ती चिंता को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया है, खासकर सांप्रदायिक हिंसा में वृद्धि के मद्देनजर. इससे पहले, आरएसएस से प्रेरित संगठनों ने बांग्लादेश में महिलाओं पर कथित यौन हमलों के विरोध में नारी शक्ति मार्च का नेतृत्व किया था. इस मार्च के जरिए संगठन ने क्षेत्र में लिंग आधारित हिंसा के मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. Tags: Bangladesh, Kerala News, Rashtriya Swayamsevak SanghFIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 13:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed