बाराबंकी/संजय यादव: गर्मी के मौसम में पशुपालक हरे चारे की कमी से परेशान रहते हैं. ज्यादातर लोग गाय-भैंस को पालते हैं, लेकिन अक्सर पशुपालकों को शिकायत होती है कि वो गाय-भैंस को क्या खिलाएं. ताकि खर्च भी कम हो और पशु के दूध की भी मात्रा बढ़े. ऐसे में किसानों के लिए बरसीम घास (Berseem Grass) काफी उपयोगी मानी गई है. इसे उगाकर किसान पशुपालक अपने पशु के लिए सस्ते हरे चारे का इंतजाम कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस चारे को उगाने में लागत कम आती और पशु इसे चाव से खाता भी है.
फायदेमंद है बरसीम घास की खेती
जनपद बाराबंकी के ज्यादातर किसान पशुपालन का काम करते हैं, जिससे उन्हें हरे चारे की सालभर जरूरत पड़ती है. किसान बरसीम घास की खेती कर हरे चारा की कमी को पूरा कर रहे हैं. उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है. पोषक तत्व से भरपूर बरसीम घास पशुपालकों के लिए काफी अच्छी घास मानी जाती है. इस घास को पशुओं के लिए खास आहार के रूप में माना जाता है. इस घास को चारे में शामिल करने से गाय और भैंस के दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है. पशुओं के लिए यह घास काफी अच्छी और पौष्टिक होती है.
बरसीम घास की खेती से कैसे करें बचत
बाराबंकी जिले के कुतलूपुर गांव के रहने वाले किसान दिलीप ने बताया करीब 2 बीघे में बरसीम घास की खेती 3 वर्ष से कर रहे हैं. इस घास की खेती से लोगों को साल भर हरे चारे की कमी नहीं होती. घास की वजह से लोगों का भूसा चोकर आदि कम लगता है. खास इसलिए भी खास है क्योंकि इसे खिलाने से पशुओं की दूध देने की क्षमता बढ़ती है. बुआई करने पर दो महीने तक हरा चारा मिलता है. इसकी एक बार कटाई करने के बाद दूसरी कटाई 10 से 12 दिनों में कर सकते हैं. इससे हर महीने 10 से 12 हजार रुपए की बचत होती है, क्योंकि भूसा चोकर नहीं खरीदना पड़ता.
Tags: Agriculture, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 11:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed