किसान धान की जगह करें इन सोने के दानों की खेती कम लागत में होगा बंपर मुनाफा

इसकी खेती के लिए 6.0 से 7.5 पीएच मान वाली दोमट मिट्टी होनी चाहिए. साथ ही मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भी भरपूर हो एवं जल निकासी की उचित व्यवस्था हो. जिससे की खेत में पानी न भरने पाए.

किसान धान की जगह करें इन सोने के दानों की खेती कम लागत में होगा बंपर मुनाफा
सौरभ वर्मा/रायबरेली: खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है. इस सीजन में धान की फसल को मुख्य फसल माना जाता है. लेकिन कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर पानी की कमी रहती है. ऐसे में वहां के किसान धान की फसल की खेती न करके गोल्डन बीन यानी सोयाबीन की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. तो आइए कृषि विशेषज्ञ से जानते हैं इसकी खेती करने के तौर तरीकों के बारे में साथ ही अन्य फसलों की तुलना में कितना मुनाफे वाली फसल होती है. रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा (बीएससी एजी डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या) बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन होने की वजह से कई बार समय पर बारिश नहीं होती है. जिससे किसानों को मौसमी फसलों में नुकसान उठाना पड़ता है. तो वहीं खरीफ की फसलों में मुख्य फसल मानी जाने वाली धान की खेती करने वाले किसानों को भी मानसून समय पर ना आने से धान की फसल में काफी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में किसान सोयाबीन की खेती करके कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं और इस फसल में उन्हें नुकसान भी नहीं होगा. उन्नत किस्म के बीज का करें चयन शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि किसान सोयाबीन की खेती से अधिक पैदावार के लिए उन्नत किस्म की प्रजाति जेएस 2036, जेएस 2095, जेएस 355, प्रजातियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ ही वह बताते हैं कि इसकी खेती के लिए 6.0 से 7.5 पीएच मान वाली दोमट मिट्टी होनी चाहिए. साथ ही मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भी भरपूर हो एवं जल निकासी की उचित व्यवस्था हो. जिससे की खेत में पानी न भरने पाए. इस माह में करे इसकी बुवाई राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी बताते हैं कि इसकी बुवाई के लिए मई-जून का महीना अच्छा माना जाता है. क्योंकि मानसून की पहली बारिश में जब खेत में नमी आ जाती है. तब इसकी बुवाई करने का उचित समय होता है. बुवाई करने से पहले किसानों को ध्यान देना होगा कि खेत में जल जमाव न हो क्योंकि इससे बीज के सड़ने का खतरा बना रहता है. इस विधि से करें बुवाई Local 18 से बात करते हुए प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि सोयाबीन के बीज की बुवाई करते समय किसान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पौधे से पौधे के बीच की दूरी 5 से 10 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन के बीच की दूरी 45 से 50 सेमी होनी चाहिए .जिससे पौधों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व और किसानों को बेहतर उत्पादन मिल सके. कैसे करें बुवाई आगे की जानकारी देते हुए बुवाई के समय छोटे दाने की प्रजाति वाले बीज 60 से 70 किलोग्राम तो वहीं बड़े दाने वाले प्रजातियों के लिए बीज की 90 से 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर कि दर से बुवाई करना चाहिए. वहीं एक हेक्टेयर में 40 से 50 किलोग्राम डीएपी, पोटाश के साथ ही उड़िया डालनी चाहिए. जिससे पौधे की ग्रोथ अच्छी होने के साथ ही पैदावार भी अधिक होगी. एक हेक्टेयर में लगभग 30 से 35 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. Tags: India agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 15:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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