किसान करें इन फसलों की खेती कम लागत में मिलेगा छप्परफाड़ मुनाफा

पहली बरसात से शुरू होने वाली ये फसल लगभग सौ दिनों में तैयार हो जाती है. हम बात कर रहे हैं पांच छोटे अनाज की, जिनकी खेती कर किसान मालामाल बन सकते हैं.

किसान करें इन फसलों की खेती कम लागत में मिलेगा छप्परफाड़ मुनाफा
सनन्दन उपाध्यय/बलिया: खरीफ की फसल का सीजन आ गया है. ऐसे में कुछ ऐसी फसल हैं, जिनकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन फसलों की खेती में लागत न के बराबर आती है, जबकि कमाई बंपर होती है. पहली बरसात से शुरू होने वाली ये फसल लगभग सौ दिनों में तैयार हो जाती है. हम बात कर रहे हैं पांच छोटे अनाज की, जिनकी खेती कर किसान मालामाल बन सकते हैं. श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि यह बहुत अच्छा समय है कि किसान खरीफ के फसल की तैयारी में जुट जाएं. ज्यादा डिमांड और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी इन छोटे अनाजों की खेती कर किसान काफी मुनाफा कमा सकते हैं. इन पांच अनाजों की खेती करने में लागत भी बेहद कम आती है. बेहद फायदे वाली हैं ये 5 फसलें 1 – टांगुन या कंगनी एक मोटे अनाज की फसल है, जो 60 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है. 2 – दूसरी फसल को मडुआ के नाम से जानते हैं. यह बहुत अच्छी फसल है. इसकी बाली गुच्छेदार होती है और यह 80 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है. यह स्वास्थ के लिए बेहद लाभदायक होता है. 3 – तीसरी फसल को कोदा के नाम से जानते हैं. इसका दाना लाल रंग का होता है, परंतु इसका बीज हल्का क्रीम कलर का होता है. यह भी खाने में बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है. ये फसल 65 से 100 दिनों में तैयार होती है. 4 – चौथी फसल को रागी के नाम से जानते हैं. इसकी फसल 85 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है. इसका अधिकतर प्रयोग बड़े-बड़े होटल में खीर के रूप में किया जाता है. 5 – पांचवीं फसल को सांवा के नाम से जानते हैं. यह भी बहुत चर्चित फसल है. 60 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है. इन पांच में से किसी भी फसल की खेती करना चाहते हैं, तो एक बीघे के लिए लगभग सवा किलो बीज पर्याप्त होता है. बिन खर्च तैयार होती है ये पांच फसलें छोटे अनाज में उक्त पांच फसल बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. आजकल इनकी डिमांड भी काफी है और बाजार में सबसे महंगे दाम पर यह मिलते हैं. सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि इन छोटे अनाजों की खेती करने में खर्चा न के बराबर आता है, जबकि मुनाफा बंपर मिलता है. बिना रासायनिक खाद उर्वरक यह खेती की जा सकती है. पहली बरसात के बाद इसकी बुवाई कर दें. लगभग 30 दिनों बाद एक बार निराई गुड़ाई कर दें. उसके बाद अपने आप ये फसल तैयार हो जाती हैं. बिना किसी लागत 6 क्विंटल तक की उपज बिना किसी लागत तैयार होने वाली ये फसलंे किसानों के लिए बेहद मुनाफा देने वाली होती है. एक बीघे में कम से कम 4 से 6 क्विंटल उपज मिल जाता है. इससे अनाज मिलने के साथ ही इसका खरपतवार पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग में आता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 12:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed