इस विधि से करेले की खेती कर किसान की बदल गई तकदीर! कमा रहा लाखों लागत बेहद कम
इस विधि से करेले की खेती कर किसान की बदल गई तकदीर! कमा रहा लाखों लागत बेहद कम
करेले की खेती कर रहे युवा किसान शेखर यादव ने बताया कि पहले हम धान गेहूं आदि की खेती करते थे. लेकिन इसमें हमें अधिक मुनाफा नहीं हो पा रहा था. इसके बाद हमने करेले की खेती की शुरुआत की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा हुआ.
संजय यादव/ बाराबंकी: आज के समय में किसान ज्यादा मुनाफा देने वाली सब्जी लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो इन सब्जियों की खेती फायदेमंद हो सकती है. इन सब्जियों के उत्पादन में कम लागत और कम समय लगता है और मुनाफा भी अच्छा मिलता है. जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. खासकर ऐसी सब्जियों की खेती जिसे करके महीने भर में हजारों-लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसमें शिमला मिर्च, भिंडी, पालक और करेला आदि हैं. इन सब्जियों के उत्पादन से बढ़िया कमाई की जा सकती है. करेला एक ऐसी सब्जी है, जिसकी डिमांड हमेशा बाज़ारों में रहती है. इसलिए किसान कम समय में और कम जगह पर इसकी खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.
वैसे करेले की कई उन्नत किस्में हैं, जो मिट्टी और जलवायु के अनुसार की जाती हैं. जिनमें से पूसा विशेष, हिसार सलेक्शन, बारहमासी, कोयम्बटूर पूसा दो मौसमी, पंजाब करेला-1, हरित, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा औषधि पूसा शंकर-1 आदि उन्नत किस्में उगा सकते हैं. वहीं जिले के एक किसान की करेले की खेती से किस्मत चमक उठी है. करेले की खेती से उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा मिल रहा है. बाराबंकी जिले के बंकी ब्लॉक क्षेत्र के सहेलियां गांव के रहने वाले युवा किसान शेखर यादव करेले की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
करेले की खेती कर रहे युवा किसान शेखर यादव ने बताया कि पहले हम धान गेहूं आदि की खेती करते थे. लेकिन इसमें हमें अधिक मुनाफा नहीं हो पा रहा था. इसके बाद हमने करेले की खेती की शुरुआत की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा हुआ. इस समय करीब दो बीघे में करेले की खेती कर रहे हैं. जिसमें लागत करीब एक बीघे में 15 से 20 हजार रुपए आती है और मुनाफा करीब एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपये तक हो जाता है. वहीं करेले की खेती करने के लिए अधिक तापमान की आवश्यकता नहीं होती है. इसकी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए 20 डिग्री से 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त माना जाता है. इसके अलावा करेले के खेतों में नमी बनाए रखना भी काफी जरूरी होता है.
करेले की खेती करना बहुत ही आसान है. करेले की खेती के लिए जाल विधि सबसे उत्तम मानी जाती है, क्योंकि इस विधि से करेले की फसल से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. किसान इस विधि में अपने पूरे खेत में जाल बनाकर करेले की बेल को फैला देता है. इस विधि से फसल पशुओं के द्वारा नष्ट नहीं होती है और साथ ही बेल वाली सब्जी होने के कारण यह जाल में अच्छे से फैल जाती है. वहीं करेले की बुवाई करने के लगभग 60 से 65 दिनों में इसकी फसल तैयार हो जाती है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 09:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed