अंजली शर्मा/ कन्नौज. कनौज में किसान अपनी पारम्परिक खेती के अलावा कुछ सब्जियों की खेती कर कम लागत में कई गुना ज्यादा लाभ कमा रहे हैं. सलेमपुर तारा बांगर के राम प्रकाश ने घुइया की खेती 2 बीघे में की, उन्हें लागत का करीब 3 गुना लाभ हुआ. वहीं अगर रेट अच्छा रहा तो किसान को इसमें कई गुना और लाभ मिल सकता है. किसान हर साल घुइयां की खेती करता है. पहले यह खेती गंगा के किनारे के क्षेत्र में होती थी. इस साल ग्रामीण क्षेत्र में इसकी खेती की शुरुवात की गई है.
अरबी नाम से भी जानते हैं इसे
घुइयां को अरबी भी कहा जाता है. यह एक कंद वाली फसल है. भारत में इस की खेती लगभग सभी जगहों में की जाती है. गर्मी और बारिश के मौसम में इसके पौधों का अच्छा विकास होता है. इस के कंद में प्रमुख रूप से स्टार्च एवं पत्तियों में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
कम लागत में अच्छा मुनाफा
अरबी की खेती में किसान को बड़ा अच्छा लाभ मिलता है. कम लागत में इसमें अच्छा मुनाफा होता है, अरबी की खेती में पानी की मात्रा ज्यादा लगती है. वहीं दो बीघा में की गई खेती में करीब 25000 की लागत आती है और मुनाफा एक लाख के ऊपर निकल जाता है. अगर इसका रेट अच्छा हुआ तो यह मुनाफा और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना रहती है.
कितने दिनों में फसल होती तैयार
बुवाई के 5-6 दिन बाद इसकी सिंचाई करें. इसके बाद फिर 9-10 दिनों के बाद बीच-बीच में सिंचाई करते रहें. बुवाई के बाद 5-6 महीनों में ही फसल तैयार हो जाती है. अरबी की खेती एक हेक्टेयर में करीब 250 से 300 क्विंटल तक पैदावार देती है.
क्या बोले किसान
सलेमपुर तारा बांगर के रहने वाले किसान राम प्रकाश बताते हैं कि वह उन्नत किसानों वाली खेती करते हैं. पारंपरिक खेती आलू और मक्का की जगह में सब्जियों पर ज्यादा ध्यान देते हैं. पिछले कई साल से वह लगातार अरबी की खेती कर रहे हैं. जिसमें उनका ठीक-ठाक लाभ हो जाता है. इस खेती में एक समस्या होती है, इसमें पानी की अधिक खपत होती है. जिस कारण इसको गंगा के किनारे क्षेत्र में लगाया जाता है, लेकिन इस बार इसकी खेती हम लोगों ने अपने खेत में की है. करीब दो बीघा में इसकी खेती की है. जिसकी लागत 25000 के आसपास आई है. वहीं इसमें फसल की अच्छी पैदावार हुई है. अगर मार्केट में इसका रेट अच्छा मिला तो इसका लाभ 4 से 5 गुना तक पहुंच सकता है. वहीं खेती के साथ-साथ हम अन्य काम भी बहुत ही आसानी से कर लेते हैं.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 15:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed