यूपी के आखिरी जिले का किसान इस खेती से कमा रहा बंपर मुनाफा जानें तरीका
यूपी के आखिरी जिले का किसान इस खेती से कमा रहा बंपर मुनाफा जानें तरीका
यूपी के आखिरी जिले सोनभद्र निवासी बाबू लाल मौर्य ने किसानी के मामले में न केवल जनपद बल्कि प्रदेश स्तर पर खेती से नई पहचान बनाई. यही वजह है कि आज लोग इन्हें कृषि वैज्ञानिक कहते हैं.
अरविंद दुबे/ सोनभद्र: ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से सहायता दी जा रही है. हर जिले के उद्यान विभाग की तरफ से प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दिया जा रहा है. इसका लाभ लेकर किसान खेती की तस्वीर बदल रहे हैं.
यूपी के आखिरी जिले सोनभद्र निवासी बाबू लाल मौर्य ने किसानी के मामले में न केवल जनपद बल्कि प्रदेश स्तर पर खेती से नई पहचान बनाई. यही वजह है कि आज लोग इन्हें कृषि वैज्ञानिक कहते हैं. सबसे पहले इस जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान हैं बाबू लाल मौर्य. जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर गांव में रहने वाले किसान बाबू लाल मौर्या ने बताया कि इस बार हमने 100 पिलर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की है. ड्रैगन फ्रूट खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट, जैविक खाद, गोमूत्र और नीम से बने हुए कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं. खेत की सिंचाई ड्रिप के माध्यम से कर रहे हैं.
Local 18 से खास बातचीत में बाबू लाल मौर्य ने कहा कि ‘ड्रैगन फ्रूट की खेती ऑर्गेनिक खेती है. जैसे- जैसे इसका पेड़ पुराना होने लगता है, उसमें पैदावार ज्यादा देने की क्षमता बढ़ती जाती है. यह करीब 20 वर्षों से ज्यादा चलने वाला पौधा है, जो किसान की तकदीर और खेत की तस्वीर बदल देता है. सबसे खास बात यह है कि यह जल्दी खराब होने वाली फसल नहीं है. जिससे किसान लगातार लाभ कमाते रहते हैं.
एक पौधे से लगभग 30 से 40 फल मिलते हैं. 250 से 300 ग्राम वजनी इन फलों की सीजन में 300 से 400 रुपये प्रति किलो की कीमत मिल जाती है. ड्रैगन फ्रूट के पौधों को सहारा देना पड़ता है. इसलिए सीमेंट के खंभे बनवाकर खेत में लगवाए हैं. पूरे खेत में ड्रिप इरिगेशन की मदद से सिंचाई की जाती है. किसान के अनुसार इस फल की ज्यादा मांग होने से अच्छी आमदनी होने की उम्मीद रहती है.
श्री मौर्य ने बताया कि इसकी लागत एक पिलर 12 सौ रुपये आती है. पहली बार के लिए जरूर अनुभव होता है कि लागत अधिक आई. किंतु इसका पूरा लाभ लागत से कई गुना अधिक है. क्योंकि एक बार ही खर्च करके दो दशक तक इसका लाभ लिया जा सकता है बाबू लाल ने बताया कि इस खेती को सभी किसानों को करनी चाहिए, जिससे उन्हें खुद अनुभव होगा कि इसका लाभ कितना हो सकता है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 14:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed