Reasi Terrorist Attack: एक बच्‍चे की तस्‍वीर ने उड़ाए पाक‍िस्‍तान के होश!

रियासी आतंकी हमले में एक बच्‍चे की तस्‍वीर क्‍या वायरल हुई, पाक‍िस्‍तान के होश उड़ गए. पूरी दुनिया में बदनाम होने से बचने के ल‍िए वह आतंकी हमले करवा रहा है. वह ध्‍यान भटकाने के ल‍िए साज‍िशें रच रहा है.

Reasi Terrorist Attack: एक बच्‍चे की तस्‍वीर ने उड़ाए पाक‍िस्‍तान के होश!
क्‍या पाक‍िस्‍तान फ‍िर जम्‍मू-कश्मीर में खून बहाने की साज‍िशें रच रहा है? ये सवाल इसल‍िए, क्‍योंक‍ि बीते 72 घंटे में जम्‍मू कश्मीर में तीन आतंकी हमले हुए हैं. शुरुआत रियासी में तीर्थ यात्रियों की बस पर आतंकी हमले से हुई, और बाद में कठुआ, डोडा में कायराना करतूत सामने आई. रियासी आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हो गई, इनमें एक बच्‍चा भी था. जैसे ही बच्‍चे की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, पाक‍िस्‍तान के होश फाख्‍ता हो गए. उसे दुनिया में अपनी बदनामी का डर सताने लगा है. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है क‍ि इस तस्‍वीर से पाक‍िस्‍तान इतना डरा हुआ है क‍ि बचने के ल‍िए लगातार टेरर‍िस्‍ट अटैक की साज‍िशें रच रहा है. पाक‍िस्‍तान जम्‍मू-कश्मीर के बदलते हालात से बौखला गया है. आम चुनावों में लोगों की बढ़ती भागीदारी ने उसकी जमीन खिसका दी है. आने वाले विधानसभा चुनाव से वह डरा हुआ है. उसे जम्‍मू-कश्मीर में लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा. इससे एक बार फ‍िर पुराने एजेंडे पर आ गया है. पाक खुफ‍िया एजेंसी आईएसआई आतंक‍ियों की घुसपैठ कराने की कोश‍िश कर रही है. सूत्रों की मानें तो रियासी में बस पर हुए हमले के बाद जो तस्वीरें सामने आईं वो किसी को भी विचलित कर सकती हैं. उन्हीं तस्वीरों में एक छोटे बच्चे की तस्वीर भी सामने आई, जिसकी जान उस हमले में गई. इसी तस्वीर ने पाकिस्तान के होश फ़ाख्ता कर दिए… इसलिए नहीं कि एक हमले में बच्चे की जान गई, बल्कि उसे इस बात का डर सताने लगा कि कहीं ये तस्वीर उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुसीबत ना खड़ी कर दे. पहले की तस्‍वीरों ने दुनिया को दहलाया बच्चों की वायरल तस्वीरें पहले भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झिंझोड़ चुकी हैं. 2015 में 2 साल के एक बच्‍चे की तस्‍वीर वायरल हुई थी. ऐलन नाम का यह बच्‍चा सीरिया के रिफ्यूजी कैंप में रहता था, जो मेडिटेरियन सी में डूब गया था. इसी तरह ओमरान नाम के सीरियाई बच्चे की तस्‍वीर ने लोगों को ह‍िलाकर रख दिया था. क्‍योंक‍ि वह हमले के बाद खून और धूल में लथपथ कुर्सी पर बैठा हुआ था. गाजा में इजरायली सेना के हमले के बाद भी ऐसी ही कई तस्‍वीरें सामने आईं, जिसने इजरायल के प्रत‍ि सहानुभूत‍ि खत्‍म कर दी. कर्ज के भी पड़ जाएंगे लाले सूत्रो की मानें, तो पाकिस्तान को भी इस बात का डर हो सकता है कि अगर रियासी हमले में मारे गए बच्चे की तस्वीर वायरल हो गई, तो दुनिया के सामने उसकी आतंकनीति एक बार फिर से सामने आ जाएगी. इससे अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से उसे जो कर्ज मिलने वाला है, उसमें बाधा आ सकती है. रियासी की घटना की ज‍िम्मेदारी TRF ने ली थी, जो पाक‍िस्‍तान से संचाल‍ित हो रहे लश्कर का ही एक गुट बताया जाता है. इसीलिए जैसे ही उसने जिम्‍मेदारी ली, कुछ ही देर बाद बयान जारी कर पलट गए. जानकारों की मानें तो शायद इसके ल‍िए पाक‍िस्‍तानी अध‍िकार‍ियों की ओर से आतंक‍ियों पर दबाव डाला गया होगा. अब इनसे ध्‍यान भटकाने के ल‍िए पाक‍िस्‍तान जम्‍मू-कश्मीर में लगातार आतंकी हमले करवा रहा है. क‍ितना छिपेंगे…छोड़ेंगे नहीं घाटी में आतंकी अगर सक्र‍िय होने की कोशिश कर रहे हैं, तो सेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है. इस साल अब तक 9 से ज्‍यादा आतंकियों को ढेर किया जा चुका है. जम्मू के सूरनकोट में आंतकियों ने एयर फोर्स की गाड़ी पर हमला किया. इस हमले में एक वायुसैनिक की मौत हो गई. उसके बाद अब रियासी में बड़ा हमला. आतंकी सॉफ्ट टार्गेट पर अटैक कर रहे हैं. पिछले साल से अब तक सुरक्षाबलों ने कुल 80 आतंकियों को ढेर किया. अगर पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल मारे गए 71 आतंकियों में से 48 पाकिस्तानी और 23 स्‍थानीय आतंकी थे. साल 2021 में जम्मू कश्मीर में 181 आतंकी मार गिराए गए थे, जिनमें 30 पाकिस्तानी और 151 लोकल आतंकी थे. साल 2022 में 183 आतंकी मारे गए, जिसमें 56 पाकिस्तानी और 127 लोकल आतंकी थे. घाटी छोड़ आतंकी जम्मू में हुए एक्‍ट‍िव हुए पाकिस्तान ने अपना फोकस घाटी की जगह जम्मू की तरफ कर दिया है. आतंकी अब फ‍िदायीन हमले नहीं, बल्कि घात लगाकर सेना के काफ‍िलों पर अटैक करने के बजाए अकेले चल रही गाड़ियों को निशाना बना रहे हैंं. पिछले साल इस तरह के हमलों में सेना को 27 कैजुअल्टी उठानी पड़ी. ज्‍यादातर घटनाएं जम्मू के इलाके में हुई. पिछले तीन साल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में 22 , साल 2022 में 12 कैजुअल्टी सेना को आतंकी हमलों में हुई. अब भारतीय सुरक्षाबल आतंक‍ियों का ढूंढ ढूंढकर सफाया कर रहे हैं. पाकिस्तानी आतंकियों की तादाद ज्यादा खुफ‍िया एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो पहले घाटी में आतंकियों की संख्या 250-300 के बीच होती थी, लेकिन बाद में यह घटकर 108 के करीब रह गई है. इनमें जम्मू-कश्मीर में करीब 67 विदेशी आतंकी और 41 लोकल टेररिस्ट एक्टिव हैं. अमूमन घाटी में लोकल आतंकियों की संख्या पाकिस्तानी आतंकियों से ज्यादा हुआ करती थी, लेकिन अब जो घाटी के युवा हैं वो आतंकवाद से किनारा कर चुके हैं. इसी ने पाकिस्तानी आकाओं का सारा प्‍लान चौपट कर दिया है. उधर, सुरक्षा बल भी अलर्ट मोड पर हैं. आतंक‍ियों को घुसने नहीं दिया जा रहा है. पिछले साल 12 आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन सेना ने एक भी आतंकी को घुसपैठ नहीं करने दिया. साल 2022 में 50 आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन सिर्फ 14 आतंकी घाटी में घुसने में कामयाब हो सके. साल 2021 में 77 आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, और सिर्फ 34 ही घुसपैठ कर सके, बाकी को सेना ने विफल कर दिया. पाकिस्तानी लॉन्‍च पैड पर आतंकियों का जमावड़ा पाकिस्तान में चुनाव खत्‍म हो चुके हैं. अब पाकिस्‍तानी सेना और खुफ‍िया एजेंसियों की नजर कश्मीर पर है. सूत्रों के मुताबिक, पाक सेना कश्मीर में घुसपैठ के लिए अपने आतंकियों को लॉन्‍च पैड पर इकट्ठा कर दिया है. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्थ कश्मीर में गुरेज के दूसरी ओर, और पीओके में एलओसी के पास तौबत लॉन्‍च पैड पर 7 से 8 आतंकी देखे गए हैंं. ये घुसपैठ का मौका तलाश रहे हैं. इसी तरह माछ‍िल सेक्‍टर के दूसरी ओर तेज‍ियां लॉन्‍च पैड, केरन सेक्टर के दूसरी ओर पीओके में दुधियाल पर लश्कर के 5 आतंकियों की मौजूदगी है. उरी के दूसरी ओर 5 लश्कर और जैश का एक गुट एक्‍ट‍िव है. तो रामपुर सेक्टर की तरफ 5 और पुंछ में भी 4-5 आतंकियों का गुट LOC पार करने की फ‍िराक में है. हालांक‍ि, हर साल बर्फबारी खत्म होने के बाद से ही घाटी में आतंकियों को भेजे जाने की ISI की कोशिश तेज हो जाती है. लेकिन भारतीय सेना का ग्र‍िड इतना मजबूत है क‍ि ज्‍यादातर कोश‍िशों को विफल कर देता है. एक बार फ‍िर ऐसी कोश‍िश हो रही है. Tags: BJP Jammu Kashmir, Jammu Kashmir Terrorist, Kashmir Terror activityFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 19:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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