तालाब में करें इस लाल दवा का छिड़कावगर्मी के मौसम में मछलियां रहेंगी सुरक्षित

शशांक नमन बताते हैं कि मत्स्य पालक किसान गर्मी के मौसम में तालाब में मछलियों को कोई समस्या ना हो इसके लिए सुबह के समय यानी सूर्योदय से पहले तालाब का पानी बदल दें.साथ ही ध्यान रहे कि तालाब में ऑक्सीजन का लेवल मेंटेन करने के लिए पानी में तालाब में चूना मिला देना चाहिए.

तालाब में करें इस लाल दवा का छिड़कावगर्मी के मौसम में मछलियां रहेंगी सुरक्षित
सौरभ वर्मा/रायबरेली. लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. जिससे आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ ही पशु=पक्षी भी बेहाल हो रहे हैं. लगातार तापमान में हो रही बढ़ोतरी का असर गाय-भैंस, बकरी, चिड़िया के साथ ही तालाब की मछलियों पर भी पड़ रहा है. इससे मछलियां बीमार होने लगती हैं. जिससे मत्स्य पलक किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. रायबरेली के मत्स्य निरीक्षक शशांक नमन ( बीएससी इलाहाबाद विश्वविद्यालय) बताते हैं कि गर्मी के मौसम में मत्स्य पालन करने वाले किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. जिससे की उनकी मछलियां बीमार न हो और उन्हें नुकसान भी ना होने जाए. शशांक नमन बताते हैं कि मत्स्य पालक किसान गर्मी के मौसम में तालाब में मछलियों को कोई समस्या ना हो इसके लिए सुबह के समय यानी सूर्योदय से पहले तालाब का पानी बदल दें.साथ ही ध्यान रहे कि तालाब में ऑक्सीजन का लेवल मेंटेन करने के लिए पानी में तालाब में चूना मिला देना चाहिए. क्योंकि अधिक गर्मी पड़ने के कारण तालाब के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है. जिसके कारण मछलियां हांफने लगती हैं. परंतु तालाब में चूना मिलाने पर तालाब का ऑक्सीजन लेवल सही रहता है. साथ ही तालाब के पानी का स्तर 5 फीट से 6 फीट तक ही रखना चाहिए. गर्मियों में मछलियों को न दें सूखा आहार शशांक नमन बताते हैं कि बताते हैं कि गर्मी के मौसम में मछलियों को सूखा आहार देने से किसानों को बचना चाहिए. क्योंकि इस मौसम में मछलियों के लिए सूखा आहार नुकसानदायक होता है. इसके लिए वह साफ शुद्ध पानी में 100 ग्राम गुड़ का घोल व 2 से 3 ग्राम विटामिन सी को लेकर घोल बना लें. इसी घोल को वह मछलियों को आहार के रूप में दे सकते हैं. तालाब में करें पोटेशियम परमैंगनेट का छिड़काव शशांक नमन ने बताया कि गर्मी के मौसम में मछलियों को कई बीमारियां हो जाती है. इन बीमारियों से बचाव के लिए किस तालाब के पानी में पोटेशियम परमैंगनेट यानी की लाल दवा का छिड़काव कर दें. जिससे मछलियों में बीमारी का खतरा कम हो जाएगा. साथ ही पानी में ऑक्सीजन का स्तर भी सही रहेगा. आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि यदि तालाब में मछलियों की संख्या में वृद्धि हो गई है. तो उन्हें निकाल कर दूसरे तालाब में शिफ्ट कर दें जिससे कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या ना हो. Tags: India agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 16:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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