रामपुर: क्लब फुट जैसी गंभीर जन्मजात विकृति के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में एक नई पहल शुरू की गई है, जिसके तहत मरीजों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है. क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है, जिसमें बच्चों के पैर अंदर की ओर मुड़ जाते हैं, जिससे उन्हें सामान्य जीवन जीने में कठिनाई होती है. इस विकृति का समय पर उपचार नहीं किया जाए तो यह बच्चे की शारीरिक वृद्धि और चलने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है.
सरकारी पहल से मिल रही राहत
इस सरकारी पहल के अंतर्गत क्लब फुट से प्रभावित बच्चों को विशेष चिकित्सा सेवाएं और सर्जरी पूरी तरह से मुफ्त में दी जा रही हैं. वित्तीय वर्ष 2024 के पहले चार महीनों (1 अप्रैल से 31 जुलाई) के दौरान, मंडल के पांच जिलों में 65 बच्चों की पहचान की गई, जिनका उपचार चल रहा है. खासकर रामपुर जिले में, 2022 से अब तक 67 बच्चों का उपचार हो चुका है, जिसमें से 55 बच्चे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं, जबकि 12 का इलाज अभी जारी है.
विशेषज्ञ की राय
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचके मित्रा के अनुसार, “क्लब फुट एक ऐसी जन्मजात विकृति है, जिसमें नवजात के पैर अंदर की ओर मुड़े होते हैं. यह विकृति एक हजार बच्चों में से किसी एक को प्रभावित करती है. अगर इसका समय पर इलाज शुरू किया जाए, तो एक साल के भीतर पैर को सीधा किया जा सकता है.” हालांकि, इलाज के बाद भी बच्चे को विशेष प्रकार के जूते पहनने की जरूरत होती है ताकि पैर सही स्थिति में रहें.
निशुल्क उपचार से आर्थिक सहायता
प्राइवेट अस्पतालों में क्लब फुट का उपचार महंगा होता है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में इस नई पहल के माध्यम से गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिली है. निशुल्क इलाज की इस सुविधा से अब वे परिवार भी अपने बच्चों का सही समय पर उपचार करवा पा रहे हैं, जो पहले आर्थिक तंगी के कारण इस विकृति का इलाज नहीं करवा पाते थे.
Tags: Health, Local18FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 14:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed