कबूतरखाने जैसे कमरे सढ़ांध भरी रसोई इस हाल में कैसे जिंदगी सवारेगा नौनिहाल

Rajendra Nagar Haadsa : दिल्ली के कोचिंग सेंटर में देश के तीन कर्णधारों की मौत ने सोए हुए सिस्टम को भले ही जगा दिया हो, लेकिन अब कोचिंग सेंटर के आसपास मौजूद पीजी की जो तस्वीरें निकल कर आ रही है, वो एक स्याह हकीकत को बेपर्दा कर रही हैं.

कबूतरखाने जैसे कमरे सढ़ांध भरी रसोई इस हाल में कैसे जिंदगी सवारेगा नौनिहाल
नई दिल्ली. दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे की खबर ने उन सपनों पर सवाल उठा दिए हैं, जिन सपनों को पूरा करने के लिए छात्रों के परिवार अपनी जिंदगी भर की कमाई को अपने बच्चों का भविष्य संवारने पर खर्च करते हैं. न्यूज 18 की संवाददाता अनुपमा झा सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों का हाल जानने के लिए करोल बाग पहुंचीं. यहां साफ दिखा कि कैसे एक पूरे नेक्सस ने इन छात्रों को घुटन भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर कर दिया है. दिल्ली के कोचिंग सेंटर में देश के तीन कर्णधारों की मौत ने सोए हुए सिस्टम को भले ही जगा दिया हो, लेकिन अब कोचिंग सेंटर के आसपास मौजूद पीजी की जो तस्वीरें निकल कर आ रही है, वो एक स्याह हकीकत को बेपर्दा कर रही हैं. यहां ये छात्र जिन कमरे में रहते हैं, वह बिल्कुल कबूतरखाने जैसे ही हैं. यहां औसत लंबाई का इंसान भी इन बिस्तरों पर ठीक से नहीं सो सकता. लेकिन यहां ये बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. आसमान को छूना चाहते हैं. इसलिए किताबों के गट्ठर के बीच घुटन भरी ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं. और इस घुटन भरी ज़िंदगी के लिए भी ये भारी कीमत चुकाते हैं. और अब किचन की तस्वीरें भी देख लीजिए. सोचिए कैसे इस सढ़ांध मारती रसोई में छात्रों को खाना खाकर अपना पूरा दिन गुजारना होता है. छात्रों से मोटी रकम ऐंठने के लिए इन इलाकों में कई व्यवस्थाएं की गई हैं. अब इस घर को ही देख लीजिए, जिसे अंदर से बंद करके एक कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा है. इस इलाके में कई ऐसे बेसमैंट हैं, जहां लाइब्रेरी धड़ल्ले से चल रही है. हकीकत ये भी है कि हर साल ये बेसमेंट पानी से भर जाते हैं. लेकिन न सुनने वाला कोई, न देखने वाला कोई. यहां हादसे हर पल हर घड़ी इंतज़ार कर रहे हैं. तारों के इस मकड़जाल को ही देख लीजिए. कौन सा तार किस घर का है, ये शायद बिजली विभाग को ही पता हो. लेकिन एक बात हर कोई समझता है, और वो ये कि इन तारो की वजह से कभी भी किसी की ज़िंदगी का तार कट सकता है. और आखिर में कहानी वहीं लौट आती है, जहां से शुरू हुई थी. क्योंकि कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद से छात्र लगातार प्रदर्शन पर अड़े हैं. सच यही है कि दिल्ली में ऊंचे सपनों को देखने की ख़्वाहिश में ये छात्र और इनके परिवार बहुत भारी कीमत चुका रहे हैं. Tags: Delhi news, IAS exam, UPSC, Upsc resultFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 12:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed