मुंबई कोर्ट ने PFI के खिलाफ छापेमारी के दौरान गिरफ्तार 5 लोगों की हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ाई
मुंबई कोर्ट ने PFI के खिलाफ छापेमारी के दौरान गिरफ्तार 5 लोगों की हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ाई
Popular Front of India: मुंबई की एक अदालत ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए पांच लोगों की एटीएस हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी है. पांचों आरोपी उन 20 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले गुरुवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में देश भर में कई एजेंसियों के छापे में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने राज्य से गिरफ्तार किया था.
हाइलाइट्सगिरफ्तार किए गए पांच लोगों की एटीएस हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है. पांचों आरोपियों की पिछली हिरासत की अवधि समाप्त हो गई थी. 5 राज्यों में लगभग एक साथ छापे में PFI के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था.
मुंबई. मुंबई की एक अदालत ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए पांच लोगों की एटीएस हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी है. पांचों आरोपी उन 20 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले गुरुवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में देश भर में कई एजेंसियों के छापे में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने राज्य से गिरफ्तार किया था. एटीएस ने पांचों आरोपियों को उनकी पिछली हिरासत की अवधि समाप्त होने पर सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए एम पाटिल की अदालत में पेश किया.
उन पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने, समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. पीएफआई के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए, विभिन्न एजेंसियों की टीम ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का कथित रूप से समर्थन करने के लिए 15 राज्यों में लगभग एक साथ छापे में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.
महाराष्ट्र और कर्नाटक में 20-20 लोगों के साथ तमिलनाडु से 10, असम से 9, उत्तर प्रदेश से 8, आंध्र प्रदेश से 5, मध्य प्रदेश से 4, पुडुचेरी से 3, दिल्ली से 3 और राजस्थान से 2 गिरफ्तारियां हुई थी.
इस बीज आज पीएफआई को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. देशभर में संगठन पर पड़े छापों के बाद अब उसके निशाने पर सरकारी एजेंसियां, बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के नेता थे. पीएफआई देश में सामाजिक समरसता और शांति भंग करने की न केवल गंभीर, बल्कि भयावह योजना बना रहा था.
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Tags: PFI, Terrorism In IndiaFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 20:48 IST