सहफसली खेती से डबल मुनाफा कमा रहे हैं किसान हो रही है लाखों की बचत
सहफसली खेती से डबल मुनाफा कमा रहे हैं किसान हो रही है लाखों की बचत
Mixed Cropping: किसानों की कमाई में उनकी मेहनत का बड़ा हिस्सा होता है. अगर उन्हें उतनी ही मेहनत में डबल खेती का मुनाफा हो जाए तो पैसे तो आएंगे ही. कई किसान सह फसली मेथड को अपनाकर एक ही साथ तोरई बैगन की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
संजय यादव/बाराबंकी: आज के वक्त में किसान धान गेहूं के अलावा उन फसलों की खेती कर रहे हैं जो अच्छा मुनाफा देकर जाती है. किसान एक ही खेत में एक साथ कई तरह की फसलें उगा कर कम समय में दोगुना मुनाफा पाते हैं. कुछ ऐसी ही सह फसली की खेती है जिससे प्रेरित होकर जनपद के कई किसान एक ही खेत में तोरई और बैगन की सहफसली खेती कर रहे है. बैंगन के खेत में तोरई की खेती आसानी से की जा सकती है इस तरह की खेती से किसान को डबल मुनाफा होता है और इसमें ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती.
जिले के एक युवा किसान सह फसली की खेती कई वर्षों से कर रहे हैं. इससे वह लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं. बाराबंकी जिले के शरीफबाद गांव के रहने वाले किसान राम सजीवन कई साल पहले एक बीघे में तोरई बैगन की खेती की शुरुआत की जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. अब आज वह करीब तीन बीघे में तोरई बैगन की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें दो से तीन लाख रुपए प्रतिवर्ष मुनाफा हो रहा है.
एक फसल को दी गई खाद से दूसरी फसल को भी फायदा
सहफसली की खेती करने वाले किसान राम सजीवन ने बताया करीब 15 सालों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इतना मुनाफा पहले नहीं हो पता था जितना आज के समय में इन फसलों से है. इस समय उन्होंने तीन बीघे खेत में तोरई बैगन की बुवाई की है. इनमें एक बीघे में 6 से 7 हजार रूपए लागत आई है. किसान ने बताया कि वह एक फसल को पोषक तत्व देते हैं और वह साथ में लगी दूसरी फसल तक अपने आप पहुंच जाता है. इससे उन्हें लगभग 2 से 3 लाख रुपये मुनाफा एक फसल पर हो जाता है. रामसजीवन अपने खेत में कई तरह की सहफसली सब्जियां उगाते हैं.
इसकी की खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है उसके बाद खेत में मेड बना करके एक एक फिट की दूरी पर तोरई के बीज की बुवाई की जाती है जब पौधा निकलने लगता है उसी मेड पर बैंगन के पौधे को लगा देते हैं फिर इसकी सिंचाई की जाती है. उसके बाद खाद का छिड़काव करते हैं जिससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाता है. यह खाद साथ में लगी दूसरी फसल के लिए भी काम कर जाती है. फिर फसल आना शुरू हो जाती है जिसकी तोड़ाई करके बाजार में बेचा जा सकता है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 20:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed