महराजगंज: जिले के निचलौल टाउन में रहने वाले हृदय नारायण दुबे ने परंपरागत खेती से आगे बढ़कर बांस की खेती में कदम रखा है. जिले में बांस की खेती करने वाले ये पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने तीन एकड़ जमीन पर हाई डेंसिटी बंबू फार्मिंग की है.
हृदय नारायण दुबे ने एमसीए (मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन) की पढ़ाई की है. पढ़ाई के बाद उन्होंने विभिन्न कंपनियों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम किया और टीचिंग की नौकरी भी की. अब, बांस की खेती कर वे कृषि के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं.
खुद से किया बंबू फार्मिंग का अध्ययन
दुबे ने बताया कि बंबू फार्मिंग के लिए उन्होंने कोई खास प्रशिक्षण नहीं लिया. लेख और यूट्यूब वीडियो के माध्यम से बंबू फार्मिंग का अध्ययन किया और फिर सीमावर्ती क्षेत्र के गूलरभार गांव में तीन एकड़ भूमि पर बांस की खेती शुरू की. उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में इससे अच्छी आमदनी होगी. जब उन्होंने घर पर बांस की खेती करने की बात बताई, तो परिवार को थोड़ा अजीब लगा. इसके बावजूद, उन्होंने अपने आप पर भरोसा कर कृषि के क्षेत्र में कुछ अलग करने की दिशा में कदम बढ़ाया.
बांस की खेती: वन टाइम इन्वेस्टमेंट फार्मिंग
बांस की खेती की सबसे अच्छी बात यह है कि यह बंजर जमीन पर भी की जा सकती है और इसकी उम्र 90 से 100 साल तक होती है. लंबी उम्र होने के कारण इसे एक लंबे समय तक आमदनी का जरिया बनाया जा सकता है. हृदय नारायण दुबे ने बताया कि बांस को सिर्फ एक बार लगाने की जरूरत होती है, जिसे समय-समय पर कई बार हार्वेस्ट किया जा सकता है. आसान भाषा में कहें तो यह एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट वाली खेती है, जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 11:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed