एक शख्स 2 बीवियां मौत के बाद हुई पेंशन की टेंशन फिर SC ने दिखाई ताकत और

जय नारायण महाराज साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में काम करते थे. उन्होंने दो शादियों की थी और दोनों ही पत्नियां साथ रह रही थीं. उनकी मौत के बाद उनके पेंशन का मामला फंस गया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए बड़ा फैसला दिया है.

एक शख्स 2 बीवियां मौत के बाद हुई पेंशन की टेंशन फिर SC ने दिखाई ताकत और
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट यह कई बार साफ कह चुका है कि बहुविवाह एक गंभीर अपराध है और पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करना गैरकानूनी है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे मामले में दूसरी पत्नी को पेंशन देने का आदेश दिया है, जिसमें उस महिला ने पति के पहली पत्नी के रहते हुए शादी की थी. जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए एक महिला को राहत दी है. इस महिला ने अपने पति की मौत के बाद पेंशन से वंचित किए जाने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया था. महिला के पति साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड में काम करते थे और 2001 में उनका निधन हो गया था. महिला को पति की पेंशन पाने के लिए करीब 23 सालों तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. यह भी पढ़ें- SC/ST आरक्षण पर बड़ा फैसला, कोटे के अंदर मिलेगा कोटा, सुप्रीम कोर्ट का 6/1 से आदेश टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंच ने अपने आदेश में कहा कि महिला के ‘पत्नी’ होने के दर्जे पर कोई विवाद नहीं था. सिर्फ इस आधार पर उसे पेंशन नहीं दी जा रही थी कि उसने पति की पहली पत्नी के रहते हुए शादी की थी और तीनों साथ रहते थे. सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? अदालत ने कहा कि यह मामला बेहद ही असामान्य है. ऐसे में पूरी तरह से न्याय करने के लिए अपने असाधारण अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए महिला को राहत दी जा रही है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘इस मामले में जय नारायण महाराज और राधा देवी 20 अप्रैल 1984 को राम सवारी देवी (पहली पत्नी) की मौत के बाद से साथ रह रहे थे और एक-दूसरे की देखभाल कर रहे थे. राधा देवी को इस उम्र में ‘पत्नी का दर्जा’ देने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए, जो उन्हें फैमिली पेंशन प्राप्त करने का हकदार बनाता है. यह उन्हें सम्मान के साथ जीने और आर्थिक रूप से मदद करने में मदद करेगा. कोर्ट ने कहा, ‘इस परिस्थिति को देखते हुए हम संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हैं और निर्देश देते हैं कि राधा देवी को 1 जनवरी, 2010 से आज तक 31 दिसंबर को या उससे पहले पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया जाए. राधा देवी को उनकी मृत्यु तक पारिवारिक पेंशन मिलेगी.’ बता दें कि जय नारायण महाराज साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में काम करते थे और 1983 में रिटायर्ड हुए थे. उनकी पहली पत्नी का देहांत 1984 में हो गया था और 2001 में उनका निधन हो गया था. इसके बाद उनकी दूसरी पत्नी ने पेंशन के लिए आवेदन किया था, जिसे कंपनी ने खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने भी महिला को राहत देने से इनकार कर दिया था. Tags: Pension scheme, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 11:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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