चीन में नहीं बेरोजगारी-अमेरिका में लोकतंत्र बम-बम राहुल की बात में कितना दम

राहुल गांधी ने भारत में बेरोजगारी की बात करते हुए चीन का उदाहरण दिया. कहा कि वहां बेरोजगारी नहीं है. जबकि आंकड़े उनकी बात झुठलाते हैं.

चीन में नहीं बेरोजगारी-अमेरिका में लोकतंत्र बम-बम राहुल की बात में कितना दम
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर हैं. टेक्सास मैं अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आरएसएस और बीजेपी पर हमले से लेकर भारत में बेरोजगारी तक पर सवाल किया. राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस मानती है कि इंडिया एक आईडिया है, जबकि हमारा मानना है कि भारत तमाम विचारों का समूह है. हम अपने संविधान, धर्म, संस्कृति पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारा मानना है कि सबको सहभागिता का अवसर मिलना चाहिए, सबको सपने देखने का हक होना चाहिए और सबको उसकी जाति-धर्म से परे जगह मिलनी चाहिए. हमारी लड़ाई यही है और चुनाव में यह लड़ाई और उभरकर सामने आई है. राहुल गांधी ने कहा कि लोगों को समझ में आया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर हमला कर रहे हैं. लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने कहा कि हम अमेरिका जैसी आजादी और लोकतंत्र चाहते हैं. पर क्या वाकई लोकतंत्र खतरे में है? राहुल गांधी ने भारत के लोकतंत्र को खतरे में बताया और अमेरिका की तारीफ की. पर कांग्रेस नेता के दावे की पोल अमेरिका की ही एक रिपोर्ट खोलती है. अमेरिका के मशहूर थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर ने हाल ही में 31 ताकतवर देशों में डेमोक्रेसी को लेकर एक सर्वे किया. लोगों से पूछा कि क्या वो अपने यहां के लोकतंत्र से संतुष्ट हैं? इस सर्वे में भारत को दूसरा स्थान मिला. 77 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि वो भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था से संतुष्ट हैं. न तो संविधान खतरे में है और न ही लोकतंत्र. जबकि इसी सर्वे में महज 31% अमेरिकी नागरिकों ने कहा कि वह अपनी डेमोक्रेसी से खुश है और 68% ने कहा कि वो खुश नहीं हैं. खुद को लोकतंत्र का पहरुआ कहने वाले पश्चिमी देशों की हालत भी खराब है. इसी सर्वे में ब्रिटेन की 60% आबादी ने कहा कि वो अपने यहां के लोकतंत्र से असंतुष्ट है. इसी तरह फ्रांस के 65%, इटली के 67%, स्पेन के 68%, ग्रीस के 78% लोग डेमोक्रेसी से असंतुष्ट हैं. क्या वाकई चीन में बेरोजगारी नहीं? राहुल गांधी ने अपने संबोधन में भारत की बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा कि नौजवान खाली भटक रहे हैं. उन्होंने चीन और वियतनाम जैसे देशों का हवाला देते हुए कहा कि वहां बिल्कुल बेरोजगारी नहीं है. लेकिन आंकड़े कुछ और कहते हैं. चीन के हालिया बेरोजगारी आंकड़ों पर नजर डालें तो उसकी हालत पतली है. जुलाई 2024 में बेरोजगारी दर 17.4% थी. जो रिकॉर्ड के करीब है. और RSS क्या कहती है? राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस समाज को बांटने का काम कर रही है. उन्होंने अपने संबोधन में ‘यूनियन ऑफ स्टेट्स’ का हवाला दिया. आरएसएस विचारक राजीव तुली कहते हैं कि राहुल गांधी के यूनियन ऑफ स्टेट्स का हवाला देने के पीछे अर्बन पर्सपेक्टिव आइडिया है. जो सीपीआईएमएल देती है. इस आईडिया की जड़ में यह है कि भारत एक देश नहीं बल्कि कई देशों अथवा राज्यों का समुच्चय है और इसको सोवियत यूनियन की तरह विखंडित हो जाना चाहिए. यह सीधे-सीधे भारत को बांटने वाली बात है. आरएसएस हमेशा कहता रहा है कि भारत एक राष्ट्र है. उसे जाति, धर्म, पंथ और संप्रदाय में नहीं बांटा जा सकता, लेकिन राहुल गांधी का बयान दिखाता है कि वह देश के खिलाफ साजिश का हिस्सा हैं. Tags: Congress, Rahul gandhi, RSS chiefFIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 16:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed