राहुल कंफ्यूज आरक्षण पर राजीव का इंटरव्यू ले चुके पत्रकार ने क्यों कहा
राहुल कंफ्यूज आरक्षण पर राजीव का इंटरव्यू ले चुके पत्रकार ने क्यों कहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने वर्ष 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक इंटरव्यू का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने आरक्षण के खिलाफ अपने मजबूत विचार व्यक्त किए थे. ऐसे में CNN-News18 ने आलोक मेहता से इस पूरे मुद्दे पर बातचीत की और आरक्षण पर राजीव और राहुल गांधी के विचारों में अंतर पर उनकी राय जानने की कोशिश की.
ऑनिंद्यो बनर्जी
लोकसभा में बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. दरअसल राहुल गांधी ने हलवा सेरेमनी में मौजूद अफसरों की जाति का मुद्दा उठाया थे. जहां सरकार कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आरक्षण विरोधी रुख की याद दिलाती रही है, वहीं सीतारमण ने कल एक नई गुगली मारी. उन्होंने वर्ष 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक इंटरव्यू का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने आरक्षण के खिलाफ अपने मजबूत विचार व्यक्त किए थे.
वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता को दिए इस इंटरव्यू में राजीव गांधी ने आरक्षण के मुद्दे के राजनीतिकरण को स्वीकार किया था और इस पर पुनर्विचार की मांग की थी. उन्होंने आरक्षण का दायरा बढ़ाने का भी कड़ा विरोध किया था. ऐसे में CNN-jharkhabar.com ने आलोक मेहता से इस पूरे मुद्दे पर बातचीत की और आरक्षण पर राजीव और राहुल गांधी के विचारों में अंतर पर उनकी राय जानने की कोशिश की.
आलोक मेहता ने jharkhabar.com को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने यह बात बेहद हैरान करती है कि राजीव गांधी के बेटे (राहुल) संसद के भीतर जाति जनगणना की इतनी पुरजोर मांग कर रहे हैं. राजीव गांधी को लंबे समय तक फॉलो करने वाले मेहता दोनों के बीच तुलना करने से खुद को रोक नहीं पाते हैं. वह कहते हैं, ‘राजीव गांधी एक आधुनिक व्यक्ति थे.’ हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इतने लंबे समय तक इस परिवार को देखने के बाद उन्हें उनके लिए ‘दुख’ होता है. वहीं जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने CNN-jharkhabar.com को दिए इंटरव्यू में विस्तार से बताया… <
2>आलोक मेहता से बातचीत के कुछ खास हिस्सा यहां पढ़ें…2>
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]सवाल: आपने राजीव गांधी का आरक्षण पर इंटरव्यू लिया था. अब आपने राहुल गांधी का जाति जनगणना पर विजन देखा है. दोनों विचारों को आप कैसे देखते हैं?[/
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ans]आलोक मेहता: मैंने इंदिरा और राजीव गांधी दोनों को फॉलो किया है. राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनने से पहले से ही फॉलो करता रहा था. मैं कहूंगा कि वे बहुत आधुनिक सोच वाले व्यक्ति थे. कल मैंने राहुल गांधी को (संसद में) सुना और उनसे पहले रायबरेली में भी सुना है. मुझे बुरा लगा. उन्हें लगता है कि यह (जाति की राजनीति) काम करेगी. सत्ता हासिल करने के लिए उनकी राजनीति बिल्कुल अलग तरह की है. राजीव बिल्कुल अलग इंसान थे.[/
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वह कहते हैं कि राहुल या तो कंफ्यूज हैं या वे कम्युनिस्ट बनना चाहते हैं. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि विद्याचरण शुक्ल की हत्या नक्सलियों ने की थी. मैं इस परिवार को जानता हूं और इसलिए मुझे इस परिवार के साथ-साथ समाज के लिए भी दुख होता है (इससे होने वाले नुकसान के लिए).[/
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]प्रश्न: इस तरह की राजनीति भारत को कहां ले जाती है?[/
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ans]आलोक मेहता: मुझे उन पर सहानुभूति है. यह उन्हें थोड़े समय के लिए राजनीतिक रूप से मदद कर सकता है, लेकिन इससे भारत को नुकसान होगा. देखिए, मैं भी धर्म-आधारित कट्टरता का विरोधी हूं जो आप हमारे देश में देख रहे हैं. इसी तरह, मैं इस तरह की घोर जातिगत राजनीति के भी खिलाफ हूं. अगर जाति की राजनीति ही चलनी है तो मेरे हिसाब से राहुल गांधी या तेजस्वी यादव से कहीं ज्यादा सक्षम नेता अखिलेश यादव हैं.[/
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]प्रश्न: वित्त मंत्री ने आपके इंटरव्यू का जिक्र किया है…[/
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ans]आलोक मेहता: मुझे नहीं पता था. लेकिन लोगों को वह इंटरव्यू जरूर पढ़ना चाहिए. लोगों को (राजीव के) विचारों को दिखाया जाना चाहिए और इस बारे में बात करनी चाहिए.[/
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]प्रश्न: आपने बार-बार राहुल गांधी की राजनीति का जिक्र किया है. वे कौनसी राजनीति करते हैं?[/
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ans]आलोक मेहता: मैं उनकी राजनीति में साम्यवाद के रंग के साथ जातिगत राजनीति का कॉकटेल देखता हूं. जब नरसिम्हा राव चीन गए थे तो मैं उनके साथ था. आज का चीन भी अलग है. लेकिन वे साम्यवाद और उस तरह की राजनीति कर रहे हैं, जिससे मजदूर आंदोलन पैदा होते हैं. दूसरी ओर, वे लालू प्रसाद यादव जैसे भारत की सबसे भ्रष्ट राजनीति करने वालों के साथ राजनीति कर रहे हैं. वे अपनी ही पिछली मान्यताओं के खिलाफ जा रहे हैं. वे अक्सर आरएसएस के बारे में बात करते हैं. क्या उन्हें पता है कि मध्य प्रदेश में किस तरह से वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आरएसएस के प्रवेश में मदद की थी? वे जयराम रमेश की सुनते हैं, जो चुनाव लड़कर जीत भी नहीं सकते. इस देश की जनता आधुनिक भारत चाहती है.[/
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]प्रश्न: दोनों गांधी को फॉलो करने वाले व्यक्ति के रूप में, राहुल गांधी को कोई सलाह?[/
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ans]आलोक मेहता: मैं कौन होता हूं सलाह देने वाला? लेकिन मैं यही कहूंगा कि उन्हें अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहिए.
राजीव का कमला प्रताप त्रिपाठी से भी मतभेद था, लेकिन उन्होंने उनकी बात भी सुनी. राहुल गांधी ने कभी मोतीलाल वोरा या अहमद पटेल की नहीं सुनी. राजनीति में सुनना पड़ता है. मुझे डर है कि उन्हें गलत सलाह दी जा रही है.[/
ans]
Tags: Caste Census, Rahul gandhi, Rajiv GandhiFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 14:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed