नौकरी छोड़कर शुरू किया पशुपालन अब लाखों की आमदनी से बदल गई जिंदगी

Raebareli News: रायबरेली के हेरंब कुमार बेंगलरु में एक बड़ी कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे. नौकरी में मन न लगने के कारण वह गांव चले आए. यहां पशुपालन विभाग की मदद से पशुपालन का काम शुरू किया. अब वह घर बैठे ही लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं.

नौकरी छोड़कर शुरू किया पशुपालन अब लाखों की आमदनी से बदल गई जिंदगी
सौरभ वर्मा/रायबरेलीः ‘मंज़िल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है’.  यह पंक्तियां रायबरेली के रहने वाले हेरंब कुमार पर बिल्कुल सटीक बैठती है. उन्होंने एक निजी कंपनी की नौकरी छोड़ आत्मनिर्भर बन सफलता का एक नया मुकाम हासिल कर लिया है. वह पशुपालन कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. बेंगलुरु में थे सुपरवाइजर दरअसल, रायबरेली के कस्बा शिवगढ़ के रहने वाले हेरंब कुमार बेंगलुरु स्थित सिल्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बतौर सुपरवाइजर कार्यरत थे, लेकिन वहां पर उनका मन नहीं लगा, तो नौकरी छोड़ कर वापस अपने घर आ गए. जहां पर उन्होंने कुछ स्वरोजगार शुरू करने के बारे में सोचा की अब घर पर ही रहकर अपना स्वरोजगार किया जाए. पशुपालन विभाग से मिली मदद इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने पशुपालन विभाग से संपर्क कर पशुपालन के बारे में जानकारी हासिल कर पशु पालन का काम शुरू कर दिया. जिससे वह सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. इससे अब उनको बाहर जाकर नौकरी भी नहीं करनी पड़ रही है. उन्नत नस्ल के पशुओं का करते हैं पालन लोकल 18 से बात करते हुए हेरंब कुमार बताते हैं कि वह उन्नत नस्ल की भैंस मुर्रा, जफराबादी, भदावरी एवं गाय की उन्नत नस्ल शाहीवाल, गिर, जर्सी, एचएफ का पालन करते हैं. क्योंकि यह नस्ल दुग्ध उत्पादन में सबसे अच्छी मानी जाती है. वर्तमान समय में उनके पास लगभग 32 जानवर है. जिनमें 25 गाय एवं 7 भैंस शामिल हैं. इनसे वह प्रतिदिन लगभग 200 से 240 लीटर दूध का उत्पादन प्राप्त करते हैं .यह दूध वह होटल एवं रेस्टोरेंट में सप्लाई करते हैं. जहां उन्हें अच्छा मुनाफा मिल जाता है. लागत कम मुनाफा ज्यादा  हेरंब कुमार के मुताबिक पशुओं के चारे से लेकर स्वास्थ्य परीक्षण तक सलाना लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए का खर्च आता है, तो वही लागत के सापेक्ष सालाना 8 से 10 लाख रुपए तक कमाई हो जाती है. वह बताते हैं कि समय-समय पर वह पशु चिकित्सकों को बुलाकर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं. उन्हें पौष्टिक आहार के रूप में चुनी चोकर, हरा चारा, भूसा खिलाते हैं. जिससे पशुओं का स्वास्थ्य उत्तम रहे तभी वह अच्छा दुग्ध उत्पादन दे सकेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी को मानते हैं प्रेरणा स्रोत  हेरंब कुमार पीएम नरेंद्र मोदी को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं. वह बताते हैं कि हमें स्वरोजगार की प्रेरणा हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली है. जिसकी वजह से ही हम आत्मनिर्भर बन सके हैं. Tags: Local18, Rae Bareli NewsFIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 16:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed