खेतों की मिट्टी बीमार नहींबहुत बीमार कर रहा इस स्प्रे का उपयोग

मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की कमी होने पर इसका सीधा असर फसल पर पड़ता है. फसल कमजोर होकर पीली पड़ जाती है.दाना सिकुड़ कर हल्का हो जाता है.और जड़े भी कमजोर हो जाती है.जिससे पौधा नीचे की ओर झुक जाता है.

खेतों की मिट्टी बीमार नहींबहुत बीमार कर रहा इस स्प्रे का उपयोग
रायबरेली. अच्छी फसल उत्पादन के लिए उन्नत किस्म के बीज के साथ ही खेत की मिट्टी का भी उपजाऊ होना जरूरी होता है. किसान फसलों की अधिक पैदावार के लिए विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं. लेकिन, लगातार रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ रहा है. लगातार रासायनिक खाद के प्रयोग से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम हो रही है. इससे अब कई स्थानों पर बिना रासायनिक उर्वरक के खेती करना संभव भी नहीं हो पा रहा. इससे किसानों को तो नुकसान हो रहा है. साथ ही उपभोक्ताओं की सेहत पर भी इस का असर पड़ रहा है. मिट्टी के लिए ​बहुत ज्यादा हानिकारक रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के एडीओ एजी दिलीप कुमार सोनी ने लोकल 18 को बताया कि फसलों में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने पर उसका असर तुरंत दिखाई पड़ता है. लेकिन, यह खेत की मिट्टी के लिए बेहद नुकसानदायक है. इससे खेत की मिट्टी कमजोर हो रही है. ऐसे में जरूरी है किसान इसका उपयोग बंद कर अन्य विकल्पों की ओर जाएं. सोनी बताते हैं कि अगर इसी तरह केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब खेती के लिए मिट्टी ही नहीं बचेगी जैविक खाद है सबसे अच्छा विकल्प रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के एडीओ एजी दिलीप कुमार सोनी ने लोकल 18 को बताया कि केमिकल ​​फर्टिलाइजर की जगह अब खेतों में जैविक खाद का प्रयोग अधिक होना चाहिए. इसके उपयोग से मिट्टी की उर्वरक शक्ति भी बढ़ेगी और फसलें रसायन मुक्त भी होगीं. वह बताते हैं की अच्छी फसल उत्पादन के लिए मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा 0.5 प्रतिशत या इससे अधिक होनी चाहिए. कार्बनिक पदार्थ हो रहे कम रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के एडीओ एजी दिलीप कुमार सोनी ने लोकल 18 को बताया कि किसानों के लगातार रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने के कारण मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा का स्तर बिल्कुल कम होता जा रहा है. यह 0.5 प्रतिशत से घटकर 0.2% तक आ पहुंचा है. इसका सीधा असर मिट्टी के पानी धारण करने की क्षमता पर पड़ रहा है. मिट्टी पहले की तुलना में अब ज्यादा कठोर हो रही है.जलवायु परिवर्तन के असर को भी पौधे नहीं सह पाते हैं.बारिश वह तेज हवा से खेत में ही फसल गिरने लगती है. ऐसे बढ़ाएं मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा Local 18 से बात करते हुए एडीओ एजी दिलीप कुमार सोनी बताते हैं कि मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा को बढ़ाने के लिए किसान गोबर से बनी खाद व गोमूत्र का प्रयोग करें. इनमें मिट्टी को उपजाऊ बनाने वाले सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं. वह बताते हैं कि गोमूत्र में नाइट्रोजन, गंधक, अमोनिया, कापर, यूरिया, यूरिक एसिड ,फास्फेट ,सोडियम, पोटेशियम, मैंगनीज ,कार्बनिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं.ये फसलों को लाभ पहुंचाने के साथ ही मिट्टी की उर्वरक शक्ति को भी बढ़ाने में कारगर होते हैं. Tags: Agriculture, Farming, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 17, 2024, 13:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed