मानसून से पहले पशुपालक कर लें यह काम नहीं तो पशुओं को हो सकता है भारी नुकसान

मानसून आने से पहले अपने पशुओं को कीड़े की दवा खिलाने के साथ ही खुरपका ,मुंह पका का टीका जरूर लगाए. परंतु यह ध्यान रहे की पशु गर्भावस्था में ना हो. नहीं तो इसका सीधा असर उसके गर्भाशय पर पड़ता है. आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि आगामी 15 जून से शासन की ओर से वृहद पशु टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है. 

मानसून से पहले पशुपालक कर लें यह काम नहीं तो पशुओं को हो सकता है भारी नुकसान
सौरभ वर्मा/रायबरेली: अगर आप भी पशुओं से अच्छा दुग्ध उत्पादन चाहते हैं तो मानसून के पहले कुछ जरूरी सावधानी बरतें जिससे आपका पशु स्वस्थ रहे और आपको अच्छा दुग्ध उत्पादन मिलेगा. अगर थोड़ी सी भी लापरवाही करते हैं तो आपको 35 से 50 हजार रुपए तक का नुकसान हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून की पहली बारिश में पशुओं को कई प्रकार की बीमारियों का खतरा रहता है. चलिए पशु विशेषज्ञ से जानते हैं कि मानसून से पहले अपने पशुओं को बचाने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए. रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय, शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी डॉ इंद्रजीत वर्मा(एमवीएससी वेटनरी) बताते हैं कि पशुपालन करने वाले किसान मानसून से पहले अपने पशुओं का टीकाकरण कराने के साथ पेट के कीड़े की दवा जरूर खिलाएं. इससे मानसून के मौसम में उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं रहेगा. इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा डॉक्टर इंद्रजीत बताते हैं कि मानसून आने पर पशुओं में खुर पका, मुंह पका के साथ ही पेट में कीड़े पड़ने और बुखार आने का खतरा ज्यादा होता है. पशुओं के दुग्ध उत्पादन पर पड़ता है प्रभाव डॉक्टर बताते हैं कि यदि पशु के पेट में कीड़े पड़ जाते हैं या फिर खुरपका या मुंहपका हो जाता है तो इसका सीधा असर पशु के दुग्ध उत्पादन पर पड़ता है. इससे पशु सुस्त हो जाता है और उसका शरीर भी कमजोर होने लगता है. वह यह भी बताते हैं कि इन परिस्थितियों में पशुओं की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है. उन्होंने बताया कि जब पशु का शरीर कमजोर होगा तो वह गर्भधारण नहीं कर पता. इससे पशुपालक को आर्थिक नुकसान होता है. ऐसे करें बचाव Local 18 से बात करते हुए वेटरिनरी ऑफीसर डॉक्टर इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि मानसून आने से पहले अपने पशुओं को कीड़े की दवा खिलाने के साथ ही खुरपका, मुंह पका का टीका जरूर लगाए लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पशु गर्भावस्था में ना हो. इस स्थिति में टीका लगाने का सीधा असर पशु के गर्भाशय पर पड़ता है. आगे की जानकारी देते हुए डॉक्टर ने बताया कि आगामी 15 जून से शासन की तरफ से वृहद पशु टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है. इस दौरान सभी पशुपालक राजकीय पशु चिकित्सालय से संपर्क कर अपने पशु का टीकाकरण और पेट के कीड़े की दवा खिला सकते हैं. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 09:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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