बकरी है या औषधीय गुणों का खजाना पालने लगे तो बना देगी लखपति

वेटनरी ऑफिसर डॉक्टर इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि बरबरी नस्ल की बकरी का दूध डेंगू के मरीजों के लिए एक प्रकार से औषधि का काम करता है क्योंकि इसका दूध डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर होता है. इसीलिए इसका दूध 200 रुपये से 300 रुपये प्रति लीटर तक बिकता है. इस बकरी का रखरखाव भी आसान है. यह साधारण आहार ही खा लेती हैं.

बकरी है या औषधीय गुणों का खजाना पालने लगे तो बना देगी लखपति
रायबरेली. देश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय का प्रमुख साधन खेती-किसानी व पशुपालन है, जिससे वे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पशुपालन का काम एक तरह से जमा पूंजी की तरह होता है, जो अनवरत लाभ देता रहता है. कुछ लोग गाय-भैंस पालन करके तो कुछ लोग मुर्गी, सूअर और बकरी पालन करते हैं. हाल के कुछ समय में बकरी पालन तेजी से बढ़ रहा है. ग्रामीण अंचल क्षेत्र से लेकर शहर स्तर तक के लोग बकरी पालन का काम करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं क्योंकि इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. लेकिन बकरियों में कई ऐसी नस्ल की बकरियां हैं, जिनका पालन व्यावसायिक तौर पर किया जाता है. इन्हीं में से एक है बरबरी नस्ल की बकरी, जो प्रमुख रूप से अपने उच्च गुणवत्ता के मीट के लिए जानी जाती है क्योंकि इसका मीट खाने में बेहद स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यही वजह है कि बाजारों में इसकी मांग अधिक रहती है. इसका पालन करके पशुपालक लखपति बन सकते हैं. तो आइए पशु विशेषज्ञ से जानते हैं इस खास नस्ल की बकरी के बारे में. रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटनरी) लोकल 18 को बताते हैं कि बरबरी नस्ल की बकरी काफी महंगी होती है क्योंकि इसका मांस पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यही वजह है कि यह बाजारों में महंगे दामों में आसानी से बिक जाती है. वह कहते हैं कि इस बकरी का रंग सफेद और शरीर पर लाल रंग के धब्बे, जिसकी वजह से यह दूर से देखने पर हिरण की तरह दिखाई देती है. इसके कान और सींग छोटे आकार के होते हैं और यह 15 महीने में दो बार बच्चे देती है. बरसात के मौसम में बढ़ जाता है दूध वह बताते हैं कि इस प्रजाति की बकरी की खासियत होती है कि बरसात के महीनों में इसके दूध में बढ़ोतरी हो जाती है जबकि बरसात के महीने में अन्य पशुओं में दूध में कमी आ जाती है. इसीलिए यह बकरी बरसात के महीनों में अधिक मुनाफा देती है. यह रोजाना एक से दो लीटर तक दूध देती है. बरसात में नीम के पत्ते अधिक देखने को मिलते हैं, जिससे यह नीम के पत्ते का सेवन अधिक करती है, जो इसके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. 900 रुपये प्रति किलो बिकता है मांस अन्य नस्ल की बकरियों की तुलना में इस बकरी का मांस बाजारों में महंगे दाम पर बिकता है. इस बकरी का मीट 900 रुपये प्रति किलो तक आसानी से बिक जाता है. साथ ही इस नस्ल की एक बकरी का वजन लगभग 40 किलोग्राम तक होता है. डेंगू मरीजों के लिए औषधि समान दूध वेटनरी ऑफिसर डॉक्टर इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि बरबरी नस्ल की बकरी का दूध डेंगू के मरीजों के लिए एक प्रकार से औषधि का काम करता है क्योंकि इसका दूध डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर होता है. इसीलिए इसका दूध 200 रुपये से 300 रुपये प्रति लीटर तक बिकता है. इस बकरी का रखरखाव भी आसान है. यह साधारण आहार ही खा लेती हैं. Tags: Goat market, Local18, Raebareli News, UP newsFIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 18:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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