फसलों की कैसे करें निराई-गुड़ाई कृषि एक्सपर्ट से जानिए सही तरीका

कृषि विशेषज्ञ अनूप शंकर ने बाताया कि मशीन और हाथों से निराई गुड़ाई दोनों के अपने-अपने फायदे और सीमाएं हैं. किसानों को अपने खेतों की स्थिति, फसल के प्रकार और श्रमिकों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए इन दोनों विधियों का समन्वय करके अधिकतम पैदावार और गुणवत्ता प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए.

फसलों की कैसे करें निराई-गुड़ाई कृषि एक्सपर्ट से जानिए सही तरीका
रायबरेली. निराई और गुड़ाई खेती में बहुत महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं हैं, जो फसलों की पैदावार को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. किसानों के सामने एक बड़ा सवाल यह रहता है कि वे निराई और गुड़ाई के लिए मशीन का इस्तेमाल करें या हाथों से इस कार्य को अंजाम दें. इस पर कृषि विशेषज्ञ खुशहाली कृषि संस्थान के पूर्व प्रबंधक अनूप शंकर मिश्र ने सारी शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया है. कृषि विशेषज्ञ अनूप शंकर ने लोकल 18 को बताया कि पारंपरिक तरीके से हाथों से निराई-गुड़ाई करना एक पुराना और विश्वसनीय तरीका है. यह विधि बेहद प्रभावी है, क्योंकि इसमें हर पौधे का ध्यान रखा जाता है. हाथों से निराई और गुड़ाई करने में लगता है अधिक समय कृषि विशेषज्ञ अनूप शंकर ने बताया कि किसान यह सुनिश्चित कर सकता है कि सिर्फ खरपतवार ही हटाए जाएं और फसलों को कोई नुकसान ना हो. इसके अलावा, हाथों से निराई और गुड़ाई करना मिट्टी की संरचना को भी बनाए रखता है. हालांकि, यह विधि समय-साध्य और श्रम-साध्य होती है. जिससे बड़े खेतों में इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. वहीं दूसरी ओर मशीनों का उपयोग निराई और गुड़ाई में तेजी और कम समय में बड़े क्षेत्रफल की खेती को कवर करने के लिए किया जा सकता है. दोनों विधियों में उचित संतुलन बनाए रखना है जरूरी कृषि विशेषज्ञ अनूप शंकर मिश्र ने बताया कि मशीनों की मदद से कम समय और कम मेहनत में पूरा किया जा सकता है. हालांकि, मशीनों का उपयोग करते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे फसलों को नुकसान न पहुंचाए और मशीनों का सही सेटअप होना बहुत महत्वपूर्ण है. निराई और गुड़ाई की दोनों विधियों का उचित संतुलन सबसे अच्छा होता है. उन्हाेंने सुझाव दिया कि छोटे और मध्यम आकार के खेतों में जहां फसल की विविधता अधिक होती है, वहां हाथों से निराई और गुड़ाई करना अधिक फायदेमंद होता है. जबकि बड़े खेतों में मशीनों का उपयोग किया जा सकता है, बशर्ते मशीनों का सही चयन और सेटअप किया जाए. अधिक पैदावार के लिए यह तरीका है बेहतर कृषि विशेषज्ञ अनूप शंकर मिश्र ने बताया कि अधिक पैदावार के लिए मिश्रित पद्धति का उपयोग किया किया जाना चाहिए.  उदाहरण के लिए, पहले मशीनों से निराई करके समय और श्रम बचाया जा सकता है और फिर हाथों से अंतिम निराई और गुड़ाई करके फसलों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सकता है. इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि पैदावार भी बढ़ती है और फसल की गुणवत्ता भी बनी रहती है. मशीन और हाथों से निराई और गुड़ाई दोनों के अपने-अपने फायदे और सीमाएं हैं. किसानों को अपने खेतों की स्थिति, फसल के प्रकार और श्रमिकों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए इन दोनों विधियों का समन्वय करके अधिकतम पैदावार और गुणवत्ता प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए. Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 12:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed