मंदिर पक्ष ने दी चुनौती- अगर मस्जिद वक्फ है तो लाएं उसके दस्तावेज पढ़ें कोर्ट की पूरी बहस
मंदिर पक्ष ने दी चुनौती- अगर मस्जिद वक्फ है तो लाएं उसके दस्तावेज पढ़ें कोर्ट की पूरी बहस
Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर लगातार तीसरे दिन भी सुनवाई जारी रही. मंदिर पक्ष ने मस्जिद पक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि अगर मस्जिद वक्फ है तो उसके दस्तावेज लाएं, लेकिन चुनौती के बावजूद भी मस्जिद पक्ष दस्तावेज पेश नहीं कर पाया.
वाराणसी: बीते तीन दिनों से प्रतिदिन हो रही ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रही. जिला जज वाराणसी की अदालत में मंदिर पक्ष ने अपनी बहस की. शेष बहस कल यानी 15 जुलाई को भी जारी रहेगी. गुरुवार की सुनवाई काफी हद तक वक्फ संपत्ति को लेकर केंद्रित रही. मंदिर पक्ष के सोहन लाल ने बताया कि मस्जिद पक्ष ने ज्ञानवापी को वक्फ संपत्ति बताया था और उसकी संख्या 100 बताई गई.
इस पर अदालत में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णुशंकर जैन ने मस्जिद पक्ष के इंतजामिया कमेटी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर ज्ञानवापी वक्फ संपत्ति है तो उसके दस्तावेज अदालत के सामने पेश कीजिए, लेकिन चुनौती के बावजूद भी मस्जिद पक्ष दस्तावेज पेश नहीं कर पाया. सोहन लाल ने बताया कि कोई भी संपत्ति तीन कारणों से ही वक्फ हो सकती है. पहला- खरीदी गई हो. दूसरा, दान दी गई हो और तीसरा, नींव से बनाई गई हो, लेकिन कथित ज्ञानवापी मस्जिद में ये तीनो शर्तों का पालन नहीं हुआ तो मंदिर ये मस्जिद कैसे हुई.
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कथित औरगंजेब के मंदिर तोड़ने के आदेश को भी मंदिर पक्ष ने कोर्ट में रखा
मंदिर पक्ष के अधिवक्ता सुभाषनंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हमने एक्ट का भी हवाला दिया, जिसमे वक्फ संपत्ति के नियमों और शर्तों का उल्लेख है. इसके अलावा अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने मुकदमा संख्या 62/1933 का भी हवाला देते हुए कहा कि दीन मोहम्मद और उसके भाइयों की याचिका भी इसलिए खारिज हुई. उर्दू भाषा के कथित औरगंजेब के मंदिर तोड़ने के आदेश को भी मंदिर पक्ष ने अदालत में रखा. साथ ही ऐश्वर्य, मुक्ति, यज्ञ, गणेश, श्रंगार गौरी आदि आठों मंडप का भी शास्त्र संमत उल्लेख अदालत के सामने रखा गया.
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शिवपुराण का जिक्र करते हुए मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने बताया कि हिंदू मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कैसे होती है और अगर कोई इसे नष्ट कर भी देता है तो मंदिर का संकल्प कभी नष्ट नहीं होता. सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि वक्फ का कोई दस्तावेज मस्जिद पक्ष ने नहीं रखा है. उन्हें स्वामित्व कैसे मिला, ये भी मस्जिद पक्ष नहीं बता पाया. किसी को नोटिस नहीं, कोई आदेश नहीं तो फिर कैसे ये वक्फ बोर्ड की संपत्ति हो गई. ऐसे तो पूरे देश को आप वक्फ संपत्ति बना दीजिए. मंदिर का स्वरूप बदलने से उसकी आस्था कभी खत्म नहीं होती. केवल ढांचा बदलने और नमाज पढ़ने से हमारी आस्था खत्म नहीं होती.
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Tags: Gyanvapi Masjid, Gyanvapi Masjid Controversy, Kashi Vishwanath Case, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 14, 2022, 20:36 IST