भाई की जान नहीं बचा सका तो शुरू किया जिंदगी बचाने का काम अब 11 राज्यों में चला रहे फ्री-एंबुलेंस
भाई की जान नहीं बचा सका तो शुरू किया जिंदगी बचाने का काम अब 11 राज्यों में चला रहे फ्री-एंबुलेंस
Free Ambulance Services Noida: नोएडा के रहने वाले अनिल सिंह ने अपने भाई की एंबुलेंस न मिलने के अभाव में मौत के बाद एक एनजीओ बनाया था. इसके बाद उन्होंने रोड एक्सीडेंट में घायलों के लिए फ्री एंबुलेंस सेवा शुरू की थी. आज वह 11 राज्यों में फ्री एंबुलेंस सेवा दे रहे हैं.
रिपोर्ट- आदित्य कुमार
नोएडा. एक छोटी सी मदद के अभाव में किसी अपने को खोने का गम जिंदगी भर के लिए सीख दे जाता है. ऐसा ही कुछ नोएडा के रहने वाले अनिल सिंह के साथ हुआ है. दरअसल अनिल सिंह के भाई की एक सड़क हादसे में मौत हो गई, क्योंकि समय रहते एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई थी. एंबुलेंस के अभाव में भाई की मौत ने उनको हिलाकर रख दिया. इसके बाद अनिल सिंह ने एक एनजीओ शुरू किया, ताकि किसी और के साथ फिर कभी ऐसा ना हो.
यही नहीं, अनिल सिंह पिछले 12 सालों से सद्भावना सेवा संस्थान नाम से एक एनजीओ चलाते हैं. इसके तहत उनकी 11 राज्यों में 318 एंबुलेंस बिलकुल फ्री सेवाएं दे रही हैं. वहीं, अब तक हजारों लोगों की जिंदगी बचा चुके हैं.
कब से चला रहे हैं एंबुलेंस सेवा? दरअसल जब मेरे भाई मनोज सिंह के साथ हादसा हुआ तो वह सड़क पर तड़प रहा था. समय पर एंबुलेंस मिल गई होती और उसे किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराया गया होता तो वह बच जाता. उस दिन मैंने सोच लिया कि मेरे भाई को तो मदद नहीं मिली, लेकिन मैं अब किसी और को मदद के अभाव में जान नहीं गवाने दूंगा, इसलिए मैंने 10 दिसंबर 2010 से फ्री एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की. शुरुआत के समय हमारे पास सिर्फ 17 एंबुलेंस ही थीं.
हादसे की जानकारी कैसे मिलती है? हम लोगों ने नोएडा सेक्टर-50 में एक कॉल सेंटर बना रखा है, जो कि पूरे भारत में काम करता है. जब कोई कॉल सेंटर में फोन करता है, तो हम उस एरिया में मौजूद एंबुलेंस को 10 मिनट के अंदर संदेश भेज देते हैं. इसके बाद वह घायल को वहां के नजदीकी सरकारी अस्पताल में पहुंचती है.
टोल फ्री नंबर कॉमन है या अलग-अलग? राज्यों के हिसाब से अलग-अलग नंबर हैं, लेकिन एक नंबर कॉमन है जो सभी जगहों से कनेक्टेड है. 9540040099 ये हमारा टोल फ्री नंबर है जो कॉमन है.
क्या टोल फ्री नंबर हॉस्पिटल से कनेक्टेड है? नहीं, हमारा टोल फ्री नंबर हमारे कॉल सेटर से कनेक्टेड है. जैसे ही कोई इस नंबर पर कॉल करता है. यह उस एरिया के नंबर पर डायवर्ट कर देता है. इसके बाद वहां से लोकेशन मांगी जाती है. वहीं, लोकेशन मिलते ही 10 मिनट के अंदर के हमारी एंबुलेंस मौके पर पहुंच जाती है.
एंबुलेंस की लोकेशन कैसे पता करते हैं? हम लोगों ने एंबुलेंस में केंट आई कैमरे लगा रखे हैं. इसके अलावा जीपीएस के जरिए सभी एंबुलेंस कनेक्टेड हैं. हादसे के बाद जैसे ही हमारे पास मदद के लिए कॉल आती है, तो हमारी टीम नजदीकी एंबुलेंस को ट्रेस कर उसके पास मैसेज भेज देती है.
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Tags: Ambulance Service, Emergency ambulance, Noida newsFIRST PUBLISHED : August 24, 2022, 15:55 IST