नोएडा में भी जहरीली हवा से निपटने को ग्रैप-1 लागू शुरू हुए ये काम

नोएडा और ग्रेटर नोएडा भले ही देखने में काफी हरे-भरे लगते हैं लेकिन यहां प्रदूषण का स्‍तर दिल्‍ली से भी ज्‍यादा खराब है. कई जगहों पर एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 400 से ऊपर बना हुआ है, इससे सांस लेने में भी दिक्‍कतें हो रही हैं.

नोएडा में भी जहरीली हवा से निपटने को ग्रैप-1 लागू शुरू हुए ये काम
Noida Air Pollution: प्रदूषण से सिर्फ दिल्‍ली नहीं बल्कि एनसीआर का नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर और भी ज्‍यादा प्रभावित हो रहा है. नोएडा के अधिकांश इलाकों में एयर क्‍वालिटी बहुत खराब या सीवियर केटेगरी में पहुंच गई है. हालांकि शहर की जहरीली हवा से निपटने के लिए नोएडा में भी ग्रेडेड रिस्‍पॉन्‍स एक्‍शन प्‍लान लागू कर दिया गया है. नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम के निर्देश पर प्राधिकरण की 14 टीमों ने सेक्टरों व गावों के करीब 40 स्‍थानों का निरीक्षण भी किया है और लोगों को ग्रैप की गाइडलाइंस समझाई हैं. इतना ही नहीं कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) की ओर से भी नोएडा-ग्रेनो में कंस्‍ट्रक्‍शन कर रहे सभी बिल्‍डरों को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं. प्रदूषण के सेहत पर पड़ रहे बुरे असर को देखते हुए ग्रैप के लागू होने के तुरंत बाद रियल एस्टेट सेक्टर ने भी जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. क्रेडाई के निर्देशों के तहत, कई बिल्डरों ने अपने निर्माण स्थानों पर एंटी-स्मॉग गन, वॉटर स्प्रिंकलिंग और ग्रीन नेट्स जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करने का दावा किया है. ताकि हवा में प्रदूषण के कणों को नियंत्रित किया जा सके. ये भी पढ़ें  नोएडा में धड़ाधड़ हो रहीं रजिस्‍ट्री, हर कोई खरीद रहा अपना घर, वजह जानकर आप भी करेंगे खरीदने का प्‍लान एंटी स्मॉग गन से धूल कम करने की कोशिश क्रेडाई ने सभी कंस्‍ट्रक्‍शन साइटों पर एंटी स्मोग गन का इस्तेमाल शुरू करने का निर्देश दिया है. इससे हवा में उड़ने वाली धूल को नीचे बैठाने में मदद मिलती है और आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर कम किया जा सकता है. एंटी स्मॉग गन के जरिए पानी की महीन बूंदें हवा में छोड़ी जाती हैं, जो धूल के कणों को नीचे लाने में कारगर साबित होती हैं. निर्माण स्थलों पर कवरिंग और ग्रीन नेट्स का इस्तेमाल बिल्डर्स को निर्माण स्थलों को ढकने और ग्रीन नेट्स लगाने के लिए कहा गया है. इससे धूल और गंदगी को आसपास के इलाकों में फैलने से रोका जा सकता है. इसके अलावा, निर्माण सामग्री को भी ढककर रखना होगा ताकि धूल के कण हवा में न घुलें. वॉटर स्प्रिंकलिंग और सफाई पर जोर साइट्स पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि धूल जमीन पर बैठी रहे और हवा में न फैले. इसके साथ ही, साप्ताहिक सफाई अभियान भी चलाया जाए ताकि निर्माण स्थलों पर धूल न जमें. क्रेडाई एनसीआर के प्रेजीडेंट और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते हमने सभी डेवलपर्स को साफ और सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. रियल एस्टेट सेक्टर इस दिशा में गंभीरता से कदम उठा रहा है. काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा कि निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल, ग्रीन नेट्स लगाना और नियमित पानी का छिड़काव जैसे उपाय तेजी से अपनाए जा रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि निर्माण कार्य के दौरान धूल और कणों को नियंत्रित कर, लोगों को स्वच्छ हवा मुहैया कराई जा सके. वहीं एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने कहा, ‘सख्‍त कदम उठाते हुए ग्रैप -1 के नियमों के तहत, हम नियमित रूप से सफाई कर रहे हैं और पानी का छिड़काव कर रहे हैं ताकि धूल जमीन पर ही बनी रहे. निर्माण सामग्री को भी ढककर रखा जा रहा है.’ जबकि ग्रुप 108 के एमडी अमिष भूटानी का कहना है, निर्देश मिलते ही हमने अपने सभी साइट्स पर एंटी स्मोग गन और अन्य प्रदूषण-नियंत्रण तकनीकों को लागू किया है. ग्रैप -1 के निर्देशों के बाद हमने निर्माण स्थलों को ढकने और वीकली सफाई बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा, हमारी टीम पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्री का उपयोग कर रही है, ताकि निर्माण के दौरान कम प्रदूषण हो और आसपास के इलाकों की हवा साफ बनी रहे.’ ये भी पढ़ें  प्रदूषण से घुटने लगा दम, आज ही शुरू कर दें ये 4 आयुर्वेदिक उपाय, फेफड़ों पर नहीं होगा खराब हवा का असर Tags: Air pollution, Air pollution delhi, Greater noida news, Noida news, Pollution AQI LevelFIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 15:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed