Dussehra 2022: मथुरा के इस मुस्लिम परिवार का 4 पीढ़ियों से है रावण से रिश्ता अब सता रहा ये डर
Dussehra 2022: मथुरा के इस मुस्लिम परिवार का 4 पीढ़ियों से है रावण से रिश्ता अब सता रहा ये डर
Dussehra 2022: यूपी के मथुरा में एक मुस्लिम परिवार ऐसा है, जिसके परिवार का पालन पोषण रावण के परिवार से होता है. मथुरा और आसपास के जिलों में रावण के परिवार पुतले तैयार करने वाला यह एकलौता मुस्लिम परिवार है. इस वक्त चौथी पीढ़ी पुतला बना रही है. आइए जानें क्या है डर?
रिपोर्ट- चंदन सैनी
मथुरा. आज के दौर में जहां कुछ लोग हिंदू मुस्लिम की बात कर लोगों को भड़काने का काम करते हैं, तो वहीं एक मुस्लिम परिवार ऐसा है जिसकी रोजी-रोटी रावण और उसके परिवार से चलती है. यह मुस्लिम परिवार एक या दो नहीं बल्कि चार पीढ़ियों से रावण के परिवार के पुतले बनाते आ रहे हैं. इन पुतलों को बनाने में मुस्लिम परिवार के लोगों को एक आनंद की प्राप्ति होती है.
NEWS 18 LOCAL से बात करेत हुए मुस्लिम परिवार के मुखिया छोटे खां ने बताया कि यह काम उनका पुश्तैनी है. पीढ़ी दर पीढ़ी हम रावण के पुतले के साथ-साथ अहिरावण और मेघनाथ के पुतले भी रामलीला के लिए बनाते हैं. या यूं कहें कि रावण के परिवार की वजह से हमारा परिवार चलता है. छोटे खां का कहना है कि सबसे पहले परदादा अमीर बक्श, उसके बाद बाबा अली बक्श फिर पिता मुगल बक्श और अब हम यानी छोटे खां इन पुतलों को बनाने का काम कर रहे हैं.
करीब 2 महीने पहले शुरू होता है काम
छोटे खां से जब यह पूछा कि पुतले बनाने का जो कार्य है वह कब से शुरू होता है, तो उन्होंने कहा कि रामलीला से ठीक डेढ़ या 2 महीने पहले हम लोग काम शुरू कर देते हैं. महाविद्या के रामलीला मैदान में पूरा परिवार पुतले बनाने के दरमियान रहता भी है. पुतले बनाने का कार्य पूरा होने पर परिवार के साथ मथुरा के भरतपुर गेट स्थित अपने आवास पर पहुंच जाते हैं. पुतलों की ऊंचाई को लेकर पूछे गए सवाल पर कहते हैं कि इसके लिए 9 लोग अलग-अलग काम करते हैं. सभी लोगों को अलग-अलग काम बांट दिया गया है. सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक हम लोग पुतले तैयार करने में जुटे रहते हैं. वहीं, पुतला कारीगरों ने बताया कि इस बार 70 फीट रावण, 60 फीट अहिरावण और करीब 15 फीट मेघनाथ के सिर की ऊंचाई होगी. सुलोचना और तारिका के पुतलों की भी ऊंचाई अलग-अलग रखी जाएगी.
पुतला बनाने वाली मेरी आखिरी पीढ़ी है
रावण और उसके परिवार का पुतला बनाने वाले छोटे खां कहते हैं कि मैंने तो पीढ़ी की परंपरा को जीवित रखा, लेकिन अब नहीं लगता की यह परंपरा आगे कायम रहेगी. दरअसल मेरे परिवार के सिवाय कोई और पुतला बनाने वाला नहीं मिलता है. साथ ही बताया कि अब जो पुतले बनाए जा रहे हैं वो काफी भव्य और दिव्य बनाए जा रहे हैं. वहीं, कोविड के कारण दो साल रामलीला का आयोजन भी नहीं हुआ था. ऐसे में इस बार का आयोजन बहुत ही भव्य होगा. इस बार दशहरा पर रावण के पुतले में अतिरिक्त आतिशबाजी लगाई जाएंगी और सुंदर लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी.
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Tags: Dussehra Festival, Mathura news, Ravana Dahan Story, Ravana effigyFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 12:10 IST