Unnao Accident: एक्सपर्ट बोले- बस बॉडी सेफ्टी कोड से रोके जा सकते हैं हादसे
Unnao Accident: एक्सपर्ट बोले- बस बॉडी सेफ्टी कोड से रोके जा सकते हैं हादसे
सेव लाइफ फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी बताते हैं कि ऐसे हादसों को रोककर लोगों की जान बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि बस बॉडी सेफ्टी का कोड लागू किया जाए.
नई दिल्ली. लखनऊ –आगरा एक्सप्रेसवे में उन्नाव में हुए हादसे में 18 लोगों की मौत हो गयी और करीब 30 लोगों के घायल होने की सूचना है. इसमें रियर एंड एक्सीडेंट हुआ है, यानी एक वाहन ने दूसरे को पीछे से टक्कर मारी है. देश में इस तरह के हादसे बढ़ रहे हैं. इनको रोकने के लिए एक्सपर्ट सरकार को सुझाव दे चुके हैं. अब लागू होने का इंतजार है. जानें क्या हैं ये सुझाव-
सेव लाइफ फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी बताते हैं कि एक्सप्रेसवे पर रियर एंड एक्सीडेंट हादसे में गलती किसकी है, जांच के लिए मौके पर मेरी टीम जाएगी. ड्राइवर को झपकी लगने से हादसा हुआ है या फिर आगे चल रहे टैंकर ने अचानक ब्रेक लगा दी.
ऐसे हादसों को रोककर लोगों की जान बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि बस बॉडी सेफ्टी का कोड लागू किया जाए. अभी देश में कार की सेफ्टी की खूब बात होती है, लेकिन बसों की सेफ्टी पर चर्चा नहीं होती है जबकि इनमें आम लोग ही सफर करते हैं.
पीयूष तिवारी बताते हैं कि सेव लाइफ फाइंडेशन की ओर से सरकार को बस बॉडी सेफ्टी कोड दिया गया है. सरकार को इसे लागू करना है. इसके लागू होने के बाद बस बॉडी के मानक तय हो जाएंगे. बसों की बॉडी एक जैसी होगी. अभी कंपनी से चेचिस निकलती है, उसकी बॉडी अलग बनती है. इस वजह से कई बार बॉडी हल्की बनती है जो हादसे को झेल नहीं पाती है और पूरी बस के परखच्चे उड़ जाते हैं. उनके सुझाव में यह भी शामिल है कि बस की चेचिस के बजाए कंपनी से पूरी बस बॉडी सहित बनकर ही निकले. इसके अलावा बसों में क्रैश अवॉइडेंस सिस्टम अनिवार्य रूप से लगना चाहिए, जो हादसों से और हादसों से होने वाले जानमाल के नुकसान से बचा सकता है. यह ज्यादा महंगा भी नहीं आता है.
पीछे से टक्कर मारने के हादसे बढ़े
देश में वाहनों में पीछे से टक्कर की वजह से हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में 87368 सड़क हादसे हुए हैं. इनमें 28712 लोगों की मौत और 81800 लोग घायल हुए. वहीं साल 2023 में 98668 सड़क हादसे हुए हैं, इनमें 32907 मौत और 95241 लोग घायल हुए. इस तरह एक साल में 11 हजार से अधिक पीछे से टक्कर की वजह से घटनाएं ज्यादा हुई हैं.
Tags: Agra Lucknow Expressway, Bus Accident, Road accidentFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 10:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed