योगी ने लोकसभा का बदला उपचुनाव से चुकाया बंटोगे तो कटोगे से BJP की कैसे मौज

UP Upchunav Result: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन की क्षतिपूर्ति उपचुनाव में कर दी है. उपचुनाव वाली नौ सीटों में सात पर कब्जा और इससे भी बड़ा यह कि समाजवादी पार्टी की दो सीटें झटक कर योगी ने यूपी में अपनी ताकत का एहसास करा दिया है.

योगी ने लोकसभा का बदला उपचुनाव से चुकाया बंटोगे तो कटोगे से BJP की कैसे मौज
UP Upchunav Result: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा से कम क्रेज यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का नहीं रहा. लोकसभा चुनाव में भाजपा की देश के इस बड़े सूबे में हुई दुर्गति और नतीजों को लेकर भाजपा के भीतर मचे घमासान के बाद उपचुनावों में फतह करना योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा से जुड़ गया था. योगी को उपचुनाव में फ्री हैंड मिला तो उन्होंने साबित कर दिया कि संसदीय चुनाव में उनकी चली होती तो भाजपा का यूपी में प्रदर्शन उतना खराब नहीं होता, जितना हुआ. संयोग से इस बार भाजपा और आरएसएस के बीच बेहतर तालमेल भी रहा और संघ के साथ भाजपा ने भी योगी आदित्यनाथ के बंटोगे तो कटोगे के नारे को मंजूरी देकर उपचुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद की. योगी का एक-एक सीट पर प्रचार उपचुनाव में परचम लहराने के लिए मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेहनत भी खूब की थी. उन्होंने उपचुनाव वाली एक-एक सीट का दौरा किया. उन्होंने ऐसा तब किया, जब झारखंड और महाराष्ट्र में उनके धुंआधार चुनावी दौरों का शिड्यूल था. इससे उदासीन पड़े कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ. लोकसभा चुनावों में उनकी उदासीनता का खामियाजा भाजपा देख चुकी थी. इसकी शायद यह भी वजह थी कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार योगी की पसंद के नहीं थे. इस बार ऐसा नहीं था. योगी ने उम्मीदवारों के चयन से लेकर उनके प्रचार तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. नतीजतन 7 सीटों पर वे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को रोकने में सफल रहे. ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का असर योगी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में बंटोगे तो कटोगे का नारा दिया और इसे राष्ट्रवादी मानसिकता के लोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी. हरियाणा में भाजपा की कामयाबी में योगी के नारे को महत्वपूर्ण माना गया. बाद में झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों में भी योगी ने यह नारा बार-बार दोहराया. यूपी में तो इसे दोहराने का तो उनका नैतिक हक ही था. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की साझी ताकत के बावजूद योगी ने उसकी तीन सीटें उपचुनाव में झटक लीं तो इसकी बड़ी वजह योगी के नारे को ही माना जा रहा है. सपा और कांग्रेस ने जिस तरह मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद तक जाने का रुख लोकसभा चुनाव के समय से ही दिखाया है, उसमें योगी के नारे की प्रासंगिता बढ़ गई. हिन्दू वोटरों का ध्रुवीकरण हुआ और नतीजे भाजपा के पक्ष में आ गए. 4 में सिर्फ 2 सीटें बचा पाई सपा जिन 9 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, उनमें 4 सीटें सपा के पास थीं तो बीजेपी के पास 3 सीटें थीं. आरएलडी और निषाद पार्टी के पास एक-एक सीट थी. करहल, सीसामऊ और कुंदरकी विधानसभा सीट लंबे समय से सपा के कब्जे में रही थीं. इस बार इनमें दो सीटें करहल और सीसामऊ ही समाजवादी पार्टी के खाते में गई हैं. करहल सीट भाजपा ने सपा से झटक ली है. कुंदरकी सीट पर 2007 में बसपा जीती थी और उसके बाद से सपा लगातार यहां से जीत दर्ज करदती रही है. भाजपा ने गाजियाबाद, फूलपुर और खैर सीट पर फिर जीत दर्ज की है. पहले भी ये सीटें भाजपा की ही थीं. एक सीट आरएलडी ने जीती है. आरएलडी को भाजपा ने समर्थन दिया था. कुंदरकी सीट पर भाजपा उम्मीदवार की जीत इस मायने में खास है कि यह मुस्लिम प्रभाव वाली सीट मानी जाती है. सपा ने मुस्लिम कैंडिडेट भी उतारा, लेकिन जीत भाजपा के खाते में चली गई. योगी ने पीएम के नारे की तस्दीक की योगी ने नतीजों के रुझान देख कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म x पर अपने और पीएम नरेंद्र मोदी के नारे की तस्दीक करते हुए लिखा- बंटोगे तो कटोगे और एक रहोगे तो सेफ रहोगे. इसका मतलब साफ है कि योगी को भी यूपी उपचुनाव में सफलता की मूल वजह यही लगती है. इससे यह भी आभास होता है कि आने वाले दिनों में मोदी-योगी का के नारे ही भाजपा के ध्येय वाक्य बन सकते हैं. Tags: CM Yogi Adityanath, Jharkhand election 2024, Maharashtra Elections, Maharashtra NewsFIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 06:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed