योगी अकेले ही नहीं अखिलेश पर भारी पड़ेगा BJP का ये साथी कुंभ के मेले

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तरह यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव भी बीजेपी के लिए काफी अहम हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ अतिव्यस्तता के बीच भी एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए चक्रव्यूह बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट...

योगी अकेले ही नहीं अखिलेश पर भारी पड़ेगा BJP का ये साथी कुंभ के मेले
लखनऊ. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तरह बीजेपी यूपी की 9 विधानसभा सीटों के लिए भी चक्रव्यूह तैयार कर लिया है. सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे स्लोगन ने जहां यूपी में माहौल बना दिया है. वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. 20 नवंबर को होने वाले चुनाव से ठीक पहले एसपी और बीजेपी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिया है. बीते कुछ दिनों से अखिलेश यादव ने रैलियों पर रैलियां कर माहौल को गर्म कर दिया है. वहीं, सीएम योगी और उनका पूरा मंत्रिमंडल मैदान में उतर आया है. बीजेपी के स्टार प्रचारक सीएम योगी ने जहां एनडीए का मोर्चा थाम रखा है. वहीं, समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव के कंधों पर इंडिया गठबंधन की कमान है. उपचुनाव की 9 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए दोनों तरफ से बयानों के बाण छोड़े जा रहे हैं. दोनों तरफ से मौजूदा मुद्दों के साथ-साथ पुराने मद्दों को भी उछाला जा रहा है. अखिलेश यादव जहां पूरी तरह से यूपी को फोकस कर रहे हैं. वहीं, सीएम योगी के कंधे पर यूपी की 9 सीटों के अलावा महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की भी कमान है. पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा डिमांड इन दोनों राज्यों में सीएम योगी की हो रही है. इसके बावजूद सीएम योगी इन 9 सीटों को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं. महाराष्ट्र के ‘भीष्म पितामह’ को चैलेंज दे रहे ‘करन-अर्जुन’, जब शरद पवार थे CM, तो बच्चे थे राजनीति के ये दिग्गज क्या इस बार वह काम नहीं होगा, जो लोकसभा में हुआ था? बीते दो-तीन दिनों से यूपी की 9 विधानसभा सीटें गाजियाबाद, खैर, फूलपुर, मझवां, मीरापुर, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीट पर चुनाव प्रचार के अभियानों में तेजी आई है. शुरुआत में तो सिर्फ स्थानीय स्तर के नेता ही चुनाव प्रचार कर रहे थे. लेकिन, अब बड़े-बड़े नेताओं ने मोर्चा थाम लिया है. भाजपा और सपा के अलावा बसपा भी इस चुनाव में सभी 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों को गणित बिगड़ने का डर सता रहा है. योगी इस बार अखिलेश को देंगे करारा जवाब अखिलेश यादव जहां पीडीए को अपनी हर रैली में जिक्र करना नहीं भूलते तो वहीं, बीजेपी बंटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे के स्लोगन से जनता को सावधान करना नहीं भूलती. कानपुर की सीसामऊ सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें विधायकों के सांसद बन जाने से खाली हुई है. सिर्फ सीसामऊ से इरफान सोलंकी को सजा होने की वजह से चुनाव हो रहे हैं. हालांकि, अब इलाहाबाद हाईकोर्ट से इरफान सोलंकी रिहा भी हो गए हैं. इस सीट पर इरफान सोलंकी पत्नी नसीम सोलंकी चुनाव लड़ रही हैं. अखिलेश के पीडीए पर भारी पड़ेगा बीजेपी का यह दांव सीएम योगी गाजियाबाद में शनिवार को बीजेपी प्रत्याशी संजीव शर्मा के पक्ष में रोड शो करने जा रहे हैं. सीएम योगी इस उपचुनाव में पहली बार किसी विधानसभा सीट पर रोड शो करेंगे. वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की अभी तक करहल, फुलपूर फूलपुर, मझवां, मीरापुर, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी में सभा चुकी है. गुरुवार को ही अखिलेश यादव ने फुलपुर पहुंच कर एसपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगा. ऐसे में बीजेपी को सपोर्ट करने के लिए अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी मैदान में कूद गई है. गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की भाजपा नेताओं के साथ समन्वय बैठक हुई है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार संघ पूरी ताकत से इन 9 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में काम करने वाली है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में ऐसा कहा गया कि संघ के स्वयंसेवक लोगों को घरों से मतदान बूथों तक पहुंचाने में रुचि नहीं दिखाई. जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव में सामने है. लेकिन, अब कहा जा रहा है कि कुंभ के मेले में बिछड़ने वाले अब इस चुनाव में बीजेपी के लिए जमकर काम करेंगे. यहां कुंभ के मेले में बिछड़ने का मतलब है बीते लोकसभा चुनाव में आरएसएस वर्करों की उदासीनता. Tags: Akhilesh yadav, Assembly bypoll, CM Yogi AdityanathFIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 18:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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