सौराष्ट्र के भावनगर में बनेगा रावण का मंदिर यूपी-एमपी समेत कई जगह होती है पूजा देखें लिस्‍ट

Ravana Temple in India: सौराष्ट्र के भावनगर में रावण का मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है. इसके साथ एक बार फिर लंका पति की चर्चा शुरू हो गई है. बता दें कि रावण की यूपी और मध्‍य प्रदेश समेत देश के कई राज्‍यों में पूजा की जाती है.

सौराष्ट्र के भावनगर में बनेगा रावण का मंदिर यूपी-एमपी समेत कई जगह होती है पूजा देखें लिस्‍ट
रिपोर्ट-मुस्तुफा लकड़ावाला (राजकोट) राजकोट/कानपुर. गुजरात के सौराष्ट्र के भावनगर में शिखरबंध शैली से रावण का मंदिर तैयार होगा. हालांकि मंदिर में रावण की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. वहीं, भावनगर के रावण भक्त रवि ओझा ने कहा कि लंका पति रावण शिवजी के भक्त थे, इसलिए रावण दहन नहीं करना चाहिए. ओझा के मुताबिक, मुझे अपने सपनों का मंदिर बनाने का विचार आया था. वहीं, वह आरती के माध्यम से रावण की मूर्ति के ऑनलाइन दर्शन भी कराते हैं. आपको बता दें कि सौराष्ट्र के भावनगर के अलावा भारत में और भी कई जगहों पर रावण की पूजा की जाती है. उत्तर प्रदेश के कानपुर में दशानंद मंदिर एक ऐसा मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे 1890 में बनाया गया था. दशहरे के मौके पर जहां पूरे देश में रावण की मूर्तियां जलाई जाती हैं, वहीं इस दिन इस मंदिर में रावण को सजाया जाता है और आरती की जाती है. गुजरात और उत्तर प्रदेश समेत कई जगह होती है रावण की पूजा न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि भारत के कुछ अन्य राज्यों में भी रावण की पूजा करने की परंपरा है. आंध्र प्रदेश में काकीनाडा रावण मंदिर है, तो मध्य प्रदेश के विदिशा में रावणग्राम रावण मंदिर है. वहीं, मध्‍य प्रदेश के मंदसौर में बने रावण मंदिर को भी खास माना जाता है, क्योंकि यहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था. हालांकि रावण का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के नोएडा के बिसरख गांव में हुआ था. ऐसी मान्यता है, यहां उनका दूसरा मंदिर है और अब सौराष्ट्र के भावनगर में शिव भक्त रावण का मंदिर बन गया है. मैं 15 साल से साधना कर रहा हूं रवि ओझा ने कहा कि मैं एक साधक हूं, मैं 15 साल से साधना कर रहा हूं, मेरी साधना जारी रखनी है, वर्तमान में मैंने घोर साधना पूरी की है. मैं इस साधना से बहुत खुश हूं, मैंने पहले ही भविष्यवाणी थी कि आने वाले दिनों में लंकाधिपति रावण का शिखरबंध मंदिर होगा, जो अब सौराष्ट्र में बनकर तैयार है. मेरी लंबी साधना समाप्त हुई, अब मेरी तांत्रिक साधना शुरू होगी. तांत्रिक साधना में मुझे पता है कि आने वाले समय में रावण को जलाना बंद होने वाला है. इस साल भावनगर में नहीं होगा रावण दहन इसके अलावा उन्‍होंने कहा कि रावण को जलाना उचित नहीं है. इस साल भावनगर में रावण दहन नहीं होगा, क्‍योंकि हम 10 हजार बच्चों को गिफ्ट देने जा रहे हैं. सिर्फ भावनगर में ही नहीं पूरे भारत में रावण दहन बंध होगा. इसके लिए मैंने कई जगहों पर आवेदन किया है. मैं एक ब्राह्मण और साधक का पुत्र हूं. मेरी ईच्छा है कि मैं रावण की साधना करूं. यहां रावण की मूर्ति बन गई है और आने वाले दिनों में इसका शिखर मंदिर भी बनेगा. जितने शिव भक्त हैं उतने रावण के भक्त राजकोट में ब्रह्म समाज के नेता कश्यप भट्ट ने कहा कि विजयादशमी के दिन रावण का दहन किया जाता है, लेकिन रावण ब्राह्मण है. वे शिव के परम भक्त हैं. आने वाले दिनों में शिव और रावण के सभी भक्त तंत्र को और हर गांव और कस्बे में रावण दहन रोकने के लिए प्रार्थना पत्र भेजेंगे. गुजरात में पहली बार भावनगर में रावण की मूर्ति की पूजा की गई है. आने वाले दिनों में शिखरबंध मंदिर बनने जा रहा है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Ravana Dahan, Ravana effigy, Ravana MandodariFIRST PUBLISHED : July 01, 2022, 12:58 IST