झांसी जेल में जलाई जा रही शिक्षा की अलख 51 कैदियों ने पास की परीक्षा कई बने डिग्री होल्डर
झांसी जेल में जलाई जा रही शिक्षा की अलख 51 कैदियों ने पास की परीक्षा कई बने डिग्री होल्डर
Jhansi Jail News: महात्मा गांधी ने कहा था कि समाज में बदलाव लाने का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा है. इसी बात को झांसी जेल के कैदी सही साबित कर रहे हैं. वर्तमान में 51 कैदी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
रिपोर्ट: शाश्वत सिंह
झांसी. महात्मा गांधी ने कहा था कि समाज में बदलाव लाने का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा है. शिक्षा की यही अलख झांसी की जिला जेल में जगाई जा रही है. जेल में बंद सजायफ्ता कैदी भी पढ़ाई के माध्यम से अपनी जिंदगी बदलने की कोशिश कर रहे हैं. यकीनन जिन हाथों ने कभी किसी की हत्या थी, किसी को लूटा था, आज वही हाथ कलम उठाकर परीक्षा दे रहे हैं. झांसी जेल में बंद 51 कैदी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
झांसी जेल रिकॉर्ड के अनुसार 9 कैदियों ने पुलिस लाइन में स्थित बेसिक प्राइमरी पाठशाला से 5वीं कक्षा पास की है. इसके साथ ही 9 कैदियों ने तालपुरा हाईस्कूल से 8वीं कक्षा पास की है. वहीं, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन विश्वविद्यालय (IGNOU) से 10 कैदियों ने बीए और एमए की परीक्षा दी है. इनमें बीए फर्स्ट ईयर के 3, सेकेंड ईयर का 1, थर्ड ईयर के 5 तथा एमए द्वितीय वर्ष का 1 कैदी शामिल है.
23 कैदियों ने किया सर्टिफिकेट कोर्स
इग्नू (IGNOU) से ही 23 कैदी सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी कर रहे हैं. यह सभी कैदी मुख्यतः दो प्रकार के सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं. पहला सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राइट्स और दूसरा सर्टिफिकेट इन फूड एंड न्यूट्रीशन. जेल अधीक्षक ने बताया कि इस प्रकार के कोर्स करने से रोजगार के अवसर खुलने के साथ ही कैदियों में जागरूकता भी आती है. वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं.
कभी रहे खूंखार अपराधी, आज कर रहे हैं पढ़ाई
दिलचस्प बात यह है कि शिक्षा ग्रहण करने वाले अधिकतर कैदी हत्या के मामलों में आरोपी हैं. गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोपी प्रेमचंद जब जेल में आया तो उसने बीए में एडमिशन लिया.उसके बाद 58.3 फीसदी अंक से एमए हिंदी से पास किया. प्रेमचंद्र अब रिहा हो चुके हैं और अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन बिता रहे हैं. इसी तरह हीरालाल शर्मा पर भी हत्या का आरोप है और कोर्ट में सुनवाई चल रही है.जेल आने के बाद हीरालाल ने 12वीं की परीक्षा दी और उसे पास किया. इसके बाद बीए की पढ़ाई भी उन्होंने जेल में ही रहकर की. फिलहाल वह एमए प्रथम वर्ष के छात्र हैं.
अन्य कैदियों को भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए किया जाएगा प्रेरित
जिला जेल के अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया कि जेल का मूल काम सजा देना नहीं बल्कि लोगों को सुधारना है. उनके व्यक्तित्व में बदलाव करके उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का काम किया जाता है. इसके लिए सबसे प्रभावी तरीका शिक्षा है. वर्तमान में 51 कैदी यहां से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. अन्य कैदियों को भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. भविष्य में यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है.
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Tags: Jail Diary, Jhansi newsFIRST PUBLISHED : July 15, 2022, 10:42 IST