बाबा साकार हरि ने 2 दिन तक घर में रखी लड़की की लाश कौन थी वो और क्या थी वजह

बाबा साकार हरि ने 2 दिन तक घर में रखी लड़की की लाश कौन थी वो और क्या थी वजह
हाथरस हादसे के बाद नारायण हरि साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ सुर्खियों में हैं. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ कोई भी मामला दर्ज नहीं किया है, इसके बाद भी बाबा लोगों की पहुंच से गायब हैं. हादसे के लगभग 24 घंटे बाद उनके वकील की तरफ से बयान आया है कि बाबा हरि इस घटना से दुखी हैं. साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के वकील एपी सिंह ने उनकी तरफ से कहा है कि बाबा ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना की हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. बाबा ने अपने वकील के माध्यम से कहा है कि वे बहुत पहले ही समागम से निकल गए थे. उन्होंने कुछ असमाजिक तत्वों को इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इस बीच बाबा को लेकर तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं. कुछ लोग उन्हें दोषी ठहरा रहे हैं तो कुछ उनके पक्ष में खड़े हैं. कासगंज जिले की पटियाली तहसील में स्थित नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के पैतृक गांव बहादुरनगर के लोगों ने इस प्रवचनकर्ता की सराहना की है. गांव वालों ने बताया कि नारायण हरि पुलिस की नौकरी छोड़कर धार्मिक उपदेशक बन गए. धीरे-धीरे लोग उनके विचारों से जुड़ते गये और उनके सत्संग में भीड़ जुटने लगी. गांववालों के मुताबिक, ‘भोले बाबा’ पहले अपने गांव में ही सत्संग करते थे लेकिन बाद में वहां काफी भीड़ होने लगी, इसलिये उन्होंने गांव में सत्संग बंद कर दिया. उनके अनुयायियों का दावा है कि बाबा अपने भक्तों से किसी तरह का दान या चढ़ावा नहीं मांगते. गांव की महिलाओं का कहना है कि बाबा का आचरण बहुत अच्छा है और वह सिर्फ भगवान के बारे में ही बातें करते हैं. आश्रम के पास रहने वाले धन सिंह, मोहित कुमार और गांव के जय कुमार ने भी बाबा की प्रशंसा की और कहा कि वे और बड़ी संख्या में अन्य लोग अक्सर बाबा के सत्संग में जाते हैं. 2 दिन तक घर में रखा लड़की का शव स्थानीय लोगों ने बताया कि बाबा की उम्र 60 साल से अधिक है और उनकी कोई संतान नहीं है. उन्होंने बताया कि बाबा ने एक लड़की को गोद लिया था, जिसकी मृत्यु करीब 16-17 साल पहले हो गई थी. बाबा ने दो दिन तक उसके शव को घर पर रखा था, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वह जीवित हो जाएगी. एक गांववाले ने बताया कि सूरज पाल की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उसने अपनी भतीजी को गोद लिया था. वह लड़की कैंसर से पीड़ित थी. एक दिन, लड़की बेहोश हो गई. बाबा के अनुयायियों ने दावा किया कि वह चमत्कार से बच्चे को ठीक कर देगा. कुछ देर बाद लड़की को होश आ गया लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई. लड़की के शव को श्मशान घाट ले जाया गया. लेकिन बाबा के अनुयायी इस बात पर अड़े थे कि बाबा आएंगे और लड़की को वापस जीवित करेंगे. उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लाठीचार्ज करना पड़ा. इस मामले में पुलिस ने सूरज पाल और उनके छह अनुयायियों को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. पंकज के मुताबिक, सूरज पाल के आगरा स्थित घर पर उनके अनुयायी नियमित रूप से दर्शन के लिए आते हैं। कुछ साल पहले कासगंज में स्थानांतरित होने से पहले इस घर को भगवान द्वारा वर्षों तक आश्रम के रूप में इस्तेमाल किया गया था। गांववालों ने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने लड़की का अंतिम संस्कार किया था. मैनपुरी आश्रम में हैं बाबा बाबा के बारे में कहा जा रहा है कि वे इस वक्त मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने एक आश्रम में हैं. मैनपुरी स्थित आश्रम के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गये हैं. भगदड़ कांड के बाद मैनपुरी के बिछवां कस्बे में स्थित ‘भोले बाबा’ के आश्रम के बाहर कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया गया है. आश्रम के बाहर कई थानों की पुलिस मौजूद है और आश्रम के अंदर मीडिया सहित किसी को भी दाखिल होने की इजाजत नहीं दी जा रही है. पुलिस क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हाथरस में भगदड़ कांड के बाद से बिछवां स्थित ‘भोले बाबा’ के आश्रम में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. बता दें कि हाथरस के फुलरई गांव में विश्वहरि ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में ज़्यादातर महिलाएं हैं. (इनपुट भाषा से) Tags: Hathras news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 19:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed