हमें राज्य सरकार पर भरोसा नहीं राज्य सरकार के रवैये से SC बेहद नाराज
हमें राज्य सरकार पर भरोसा नहीं राज्य सरकार के रवैये से SC बेहद नाराज
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने जेल अधीक्षक और राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि विचाराधीन कैदी लुनखोंगाम हाओकिप गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाने और वहां उसकी जांच कराने के लिए जरूरी इंतजाम किया जाए. कोर्ट ने 15 जुलाई या उससे पहले विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट मांगी है.
नई दिल्ली. मणिपुर से जुड़े एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है. कुकी समुदाय से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि उसे मणिपुर सरकार पर भरोसा नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर की एक जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी को महज अल्पसंख्यक कुकी समुदाय से संबंधित होने के चलते इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाने के मामले पर बुधवार को कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि उसे राज्य (सरकार) पर भरोसा नहीं है.
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने लुनखोंगाम हाओकिप की याचिका पर सुनवाई करते हुए मणिपुर सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणियां कीं. याचिकाकर्ता का कहना है कि उसे बवासीर और TB है और उसकी पीठ में भयंकर दर्द है. इसके बाद भी जेल अधिकारी उसे अस्पताल नहीं ले गए. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘हमें राज्य पर भरोसा नहीं है. आरोपी को बस इसलिए अस्पताल नहीं ले जाया गया, क्योंकि वह कुकी समुदाय से है. बहुत दुखद. हम निर्देश देते हैं कि उसका अभी मेडिकल टेस्ट कराया जाए. यदि मेडिकल रिपोर्ट में कुछ गंभीर सामने आता है तो हम आपकी खबर लेंगे.’
विपक्ष को प्रतिपक्ष कहो, मणिपुर पर चुप्पी क्यों? RSS चीफ मोहन भागवत आखिर किसे दे रहे नसीहत?
जेल अधिकारी पर गंभीर आरोप
विचाराधी कैदी हाओकिप के वकील ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने मेडिकल मदद के लिए लगातार किए गए अनुरोधों पर कोई ध्यान नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश पर गौर किया और पाया कि विचाराधीन कैदी को इसलिए अस्पताल नहीं ले जाया गया, क्योंकि वह कुकी समुदाय से था और उसे अस्पताल ले जाना कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए खतरनाक होगा. मणिपुर अल्पसंख्यक कुकी और बहुसंख्यक मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष की चपेट में है.
15 जुलाई तक मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने जेल अधीक्षक और राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि उसे (लुनखोंगाम हाओकिप) गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाने और वहां उसकी जांच कराने के लिए जरूरी इंतजाम किया जाए. बवासीर, टीबी, टौंसिल, पेट दर्द के साथ-साथ कमर के निचले हिस्से में परेशानियों के संबंध में चिकित्सा जांच की जाए. कोर्ट ने 15 जुलाई या उससे पहले विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट मांगी है और राज्य सरकार को इलाज व्यय समेत समूचा खर्च उठाने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद मणिपुर पिछले साल मई में अराजकता एवं हिंसा की चपेट में आ गया जिसमें राज्य सरकार को गैर आदिवासी मैतेई समुदाय को अधिसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था.
Tags: Manipur violence, National News, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 19:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed